Little Baby Movie Review: बदलते ज़माने में बाप-बेटी के उलझे हुए रिश्ते को दिखाती है ये फिल्म, पढ़ें पूरी कहानी

Little Baby Movie Review ये कहानी है दुष्यंत जो पुलिस ऑफिसर है और उसकी बेटी साशा की दोनों बाप-बेटी का रिश्ता सामान्य नहीं है। पढ़ें पूरा रिव्यू। Photo- Youtube

By Nazneen AhmedEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 09:23 AM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 09:23 AM (IST)
Little Baby Movie Review: बदलते ज़माने में बाप-बेटी के उलझे हुए रिश्ते को दिखाती है ये फिल्म, पढ़ें पूरी कहानी
Little Baby Movie Review: बदलते ज़माने में बाप-बेटी के उलझे हुए रिश्ते को दिखाती है ये फिल्म, पढ़ें पूरी कहानी

पराग छापेकर, मुंबई। वैसे तो हर मां-बाप के लिए अपनी औलाद दिलों जान से प्यारी होती है मगर मां-बेटी का रिश्ता बाप-बेटी का रिश्ता यह दुनिया के सबसे प्यारे रिश्तो में गिना जाता है| बॉलीवुड में इंग्लिश तो पर कई अमर फिल्में बन चुकी है। अनुपमा, 'डैडी' से लेकर 'खामोशी',  'कुछ कुछ होता है' और हाल ही में रिलीज हुई संजय दत्त की 'पिता' ऐसी कई यादगार फिल्में बाप-बेटी के रिश्ते पर आधारित रही हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब आई है निर्देशक शेखर झा की फिल्म 'लिटिल बेबी'| यह कोई महान फिल्म नहीं है मगर बाप-बेटी के रिश्ते को अलग दृष्टिकोण से तलाशने का प्रयास जरूर है| जो अब तक नहीं हुआ है।

यह कहानी है दुष्यंत( प्रियांशु चटर्जी) जो पुलिस ऑफिसर है, और उसकी बेटी साशा( गुलनाज सिगनपोरिया) की, दोनों बाप-बेटी का रिश्ता सामान्य नहीं है। साशा अभी जवानी में कदम रख रही है और साथ-साथ किसी गलतफहमी की वजह से अपने पिता को दोषी मानती है, इसीलिए विद्रोह के तौर पर जीवन में प्यार पाने के लिए अजीबो गरीब एक्सपेरिमेंट करती रहती है। बाप बेबस होकर बेटी को बर्बाद होते देखता रहता है| क्या साशा कभी अपने पिता का दर्द समझ पाएगी। क्या कभी साशा अपनी गलती समझ कर पिता के प्यार को समझ पाएगी इसी ताने-बाने पर बुनी गई है फिल्म 'लिटिल बेबी'।

निर्देशक शेखर झा की फिल्म टेक्निकली थोड़ी कमजोर जरूर है मगर भावनाओं को उन्होंने भली भाती उकेरा है। एक बेबस लाचार बाप की भूमिका में प्रियांशु चटर्जी अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय करते हैं वही एक बिगड़ैल विद्रोही टीनएजर लड़की के किरदार में गुलनाज भी पूरी तरह से रमी नजर आती है।

कुल मिलाकर यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि 'लिटिल बेबी' मैं कोई बहुत बड़ा स्टार कास्ट तो नहीं है, ना ही इसे किसी बड़े प्रोडक्शन हाउस ने प्रोड्यूस किया है। मगर आज के दौर में बच्चों से मां-बाप का रिश्ता उनका व्यवहार कई तरह के समीकरण बिगाड़ रहा है वही मां-बाप भी अपनी औलाद को समझने में कहीं ना कहीं चुक कर रहे हैं और इसी मुश्किल स्थिति को समझने की कोशिश फिल्म कर रही है। इसलिए इससे देखा जा सकता है

रेटिंग : 3 स्टार्स

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