Interview: बाबूमोशाय बन्दूकबाज़ के लेखक ने लगाए सेंसर पर ये बड़े आरोप

ग़ालिब असद भोपाली -"पांच सदस्य पहले देखते हैं और फिर कट्स की डिमांड रखते हैं। वो खुद ही फैसला कर लेते हैं कि सवा सौ करोड़ जनता को क्या देखना है।"

By Manoj KhadilkarEdited By: Publish:Mon, 07 Aug 2017 01:14 PM (IST) Updated:Mon, 07 Aug 2017 01:14 PM (IST)
Interview: बाबूमोशाय बन्दूकबाज़ के लेखक ने लगाए सेंसर पर ये बड़े आरोप
Interview: बाबूमोशाय बन्दूकबाज़ के लेखक ने लगाए सेंसर पर ये बड़े आरोप

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की नयी फिल्म 'बाबूमोशाय बन्दूकबाज़' हाल ही में सेंसर बोर्ड की तरफ से 48 कट्स लगाए जाने के कारण विवादों में रही है, जिससे फिल्म से जुड़े लोगों के साथ बॉलीवुड में नाराज़गी है। इस सिलसिले में जागरण डॉट कॉम ने फिल्म के लेखक ग़ालिब असद भोपाली से बात की। आइये जानते हैं उन्होंने किन बातों पर जोर दिया...

सेंसर पर बड़ा आरोप

ग़ालिब असद भोपाली का कहना है कि पता नहीं सेंसर बोर्ड के मेंबर्स पूरी फिल्म देखते भी हैं या नहीं। उन्होंने अपनी एक लिस्ट तैयार कर ली है, और बिना किसी फिल्म की थीम को समझे, अगर उन शब्दों का प्रयोग हो रहा, जो उनकी फेहरिस्त में शामिल नहीं है तो मेंबर्स उस पर आपत्ति जताने लगते हैं। फिर जब वह हमें बुलाते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हम किसी स्कूल के बच्चों की तरह हैं और हमने कोई गलती कर दी है। हेडमास्टर की तरह वो हमें नसीहत देते हैं कि हमें फिल्म बनाने से पहले इस बारे में सोचना चाहिए था। ऐसा लगता है जैसे वो बता रहे हैं कि हमने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया। ग़ालिब के मुताबिक सेंसर चीफ पहलाज निहलानी शुरूआती प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होते। पांच सदस्य पहले देखते हैं और फिर कट्स की डिमांड रखते हैं। वो खुद ही फैसला कर लेते हैं कि सवा सौ करोड़ जनता को क्या देखना है।

लव मेकिंग सीन्स से परेशानी

ग़ालिब का कहना है कि सेंसर को इस फिल्म के 80 प्रतिशत लव मेकिंग सीन्स से परेशानी है और वो मानते हैं कि ये सब अश्लीलता है जिसे हटा दिया जाए।

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नवाज़ ही थे पहली पसंद

ग़ालिब बताते हैं कि जब इस फिल्म की प्लानिंग हुई थी तो नवाज़ का ही नाम आया था। वो एकदम बाबू के किरदार की तरह बात करते हैं। वो बिहार-यूपी के परिवेश से हैं, तो उनसे काफी जुड़ाव था। शायद यही वजह है कि लोग गैंग्स आॅफ वासेपुर से इस फिल्म की तुलना कर रहे हैं। चूंकि उस फिल्म में भी उन्होंने उसी परिवेश का किरदार निभाया था।

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बिहार चला गया बाबूनोशाय

ग़ालिब बताते हैं कि पहले यह फिल्म बंगाल में शूट की गयी थी क्योंकि निर्माता कुशान नंदी बांग्ला हैं और उन्हें लगा की बंगाल में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन वहां मामला दूसरा हो गया। वहां काफ़ी परेशानी हुई। वहां के लोग हमारी भाषा नहीं समझ पा रहे थे इसलिए हम वापस आये और फिर हमने दोबारा कहानी पर काम किया। इसके बाद बिहार का बैकड्रॉप सेट करना पड़ा। हालांकि फिल्म में बंगाल से जुड़ा हिस्सा भी होगा।

कुशान नंदी निर्देशित बाबूमोशाय बन्दूकबाज़ 25 अगस्त को रिलीज़ होगी और इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के साथ बिदिता बाग लीड रोल में हैं।

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