इतनी बार दुल्हन बनकर ऊब गई हूं: सोनम कपूर

सोनम कपूर के कद में 'रांझणा' के बाद से अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। उनकी पिछली फिल्म 'खूबसूरत' को काफी वाहवाही मिली थी। अब वे 'डॉली की डोली' लेकर आई हैं। यह फिल्म एक ठग युवती डॉली की कहानी है, जो मर्दों को अपने रूप के जाल में फंसा शादी कर

By Monika SharmaEdited By: Publish:Wed, 21 Jan 2015 01:12 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jan 2015 01:50 PM (IST)
इतनी बार दुल्हन बनकर ऊब गई हूं: सोनम कपूर

मुंबई, अमित कर्ण। सोनम कपूर के कद में 'रांझणा' के बाद से अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। उनकी पिछली फिल्म 'खूबसूरत' को काफी वाहवाही मिली थी। अब वे 'डॉली की डोली' लेकर आई हैं। यह फिल्म एक ठग युवती डॉली की कहानी है, जो मर्दों को अपने रूप के जाल में फंसा शादी कर उनका घर लूट लेती है। निर्देशक अभिषेक डोगरा की भी यह पहली ही फिल्म है, मगर सोनम को फिल्म करने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं हुई।

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टशन से लबरेज किरदार

वे इस फिल्म में अपने किरदार के बारे में बताती हैं, 'डॉली ठग है। नए-नए रूप अख्तियार करती है। ठगी उसका पारिवारिक पेशा है और वह तन-मन-धन से इस पेशे में समर्पण भाव से उतरी है। उसे लगता है कि प्यार और शादी जैसी चीजें उसके लिए नहीं बनी हैं लेकिन शादी के बहाने ठगी करना उसे बहुत पसंद है। बड़ा कूल किरदार है यह, टशन से लबरेज। पूरी फिल्म में मैं बीसियों बार दुल्हन बनी हूं। आलम यह हो चुका है कि अब शादी के नाम से ही बोरियत सी महसूस होने लगी है।'

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चोर-पुलिस की लुकाछिपी

'तो क्या डॉली इमोशनली डिटैच्ड रहने वाली शख्सियत है?' के जवाब में सोनम कहती हैं, 'नहीं, वह तो अपने परिवार के प्रति समर्पित है। दरअसल, हम किसी भी फिल्म को देखकर यह सीधी-सपाट रेखा खींच देते हैं कि फलां किरदार पॉजिटिव है, फलां निगेटिव। डॉली सिर्फ डॉली है। आप उसे किसी पॉजिटिव या निगेटिव सांचे में नहीं ढाल सकते। फिल्म उसकी जिंदगी के एक हिस्से की कहानी है। एक कॉप है, जो डॉली को चेस कर रहा है। चोर-पुलिस की लुकाछिपी के इस खेल के दौरान डॉली किन कारगुजारियों को अंजाम देती है, यह फिल्म उसके बारे में है।'

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खूब लगेंगे ठहाके

सोनम बताती हैं, 'मेरे ख्याल से यह पहली बार है, जब फिल्म में कोई मेन लीड नहीं है। मैं खुद को भी मेन लीड नहीं मान रही। सब के सब अलग कैरेक्टर हैं। हर किसी की जर्नी दर्शकों को ठहाका लगाने पर मजबूर करेगी। मिसाल के तौर पर राजकुमार राव का सोनू सहरावत का किरदार। वह बिल्कुल डफर है, लेकिन डॉली के पीछे पागल है। वरुण शर्मा मनजोत बने हैं। दिल्ली का मुंडा। बिल्कुल मां के पल्लू से लिपटकर रहने वाला। जीशान जो 'रांझणा' में थे, इस फिल्म में डॉली के फर्जी भाई बने हैं। कहानी है 15 दिन की। हमने बस एक रोचक जर्नी दिखाई है। उमाशंकर सिंह ने फिल्म बहुत एंटरटेनिंग तरीके से लिखी है।'

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फैमिली के साथ नो एक्टिंग

सोनम की पिछली फिल्म 'खूबसूरत' को काफी सराहा गया था। फवाद के संग उनकी जोड़ी काफी हॉट करार दी गई। क्या वह जोड़ी फिर से दोहराई जाएगी? के सवाल पर सोनम कहती हैं, 'इत्तेफाकन मैं आपको इंटरव्यू दे रही हूं और फवाद मेरे घर आए हुए हैं। हम बिल्कुल एक और फिल्म करना चाहेंगे, मगर उसके लिए दोनों की डेट्स मैच करनी चाहिए।' सोनम फिल्मी परिवार से हैं तो क्या कभी अपने पापा अनिल कपूर और चचेरे भाई अर्जुन कपूर के संग किसी फिल्म में साथ दिखेंगी? वे कहती हैं, 'कतई नहीं। अर्जुन ने वह आइडिया सुना भी तो मार डालेगा मुझे। दूसरों का पता नहीं, मगर मैं तो भई सेट पर अपने पिता या परिवार के किसी भी सदस्य के संग सहज नहीं हो सकती। लिहाजा वैसी कोई फिल्म तो सपने में भी नहीं सोच सकती!'

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