एक समय बहुत परेशान हुए थे मनोज

मनोज बाजपेयी की गैंग्स ऑफ वासेपुर की चर्चा इन दिनों सब जगह है लेकिन एक समय में अलग होने के कारण मनोज को नजरअंदाज किया जाता था।

By Edited By: Publish:Mon, 09 Jul 2012 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 09 Jul 2012 05:55 PM (IST)
एक समय बहुत परेशान हुए थे मनोज

मुंबई। मनोज बाजपेयी की गैंग्स ऑफ वासेपुर की चर्चा इन दिनों सब जगह है लेकिन एक समय में अलग होने के कारण मनोज को नजरअंदाज किया जाता था।

मनोज अनुराग कश्यप और दिबाकर बनर्जी जैसे फिल्म निर्देशकों की बहुत तारीफ करते हैं और कहते हैं ऐसे निर्देशकों के कारण ही सिनेमा में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा गैंग्स ऑफ वासेपुर मेरे लिए बहुत खास है। इस तरह की फिल्मों और ऐसे किरदारों को करने में मजा आता है। लेकिन जब मैने 1993 में बैंडिट क्वीन के साथ अपनी शुरुआत की थी, उसके बाद 1998 में सत्या, तब अनुराग कश्यप लेखन कार्य में सहयोग करते थे और दिबाकर बनर्जी इंडस्ट्री में आए ही नहीं थे।

तब मै अकेला अभिनेता था और राम गोपाल वर्मा के अलावा कोई फिल्म निर्देशक नहीं था। तो हां, मुझे परेशान किया गया, गालियां दी गई लेकिन मै डटा रहा। लेकिन आज मै बहुत खुश हूं कि इनके जैसे फिल्म निर्देशक इंडस्ट्री में आ गए हैं।

मनोज ने सत्या, शूल, आरक्षण, पिंजर, राजनीति और कई अन्य फिल्में की हैं। वह बहुत खुश है कि आज अभिनेता की योग्यता उसे काम दिलाती है। इसके बाद बहुत से योग्य अभिनेताओं को काम मिलेगा, उनकी योग्यता के लिए उन्हें पहचान मिलेगी। रिचा चढ्ढा, होमा कुरैशी जैसे अभिनेत्रियों को पहचान मिलेगी।

गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का डंका बजेगा। इसका दूसरा भाग 8 अगस्त को थिएटर में पहुंचेगा।

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