गुमनामी में जीने को बेबस हैं अपने दौर की हिट हीरोइन माला सिन्हा, देखे तस्वीरें

अपने दौर में माला सिन्हा देवानंद, धर्मेन्द्र, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, शम्मी कपूर जैसे अभिनेताओं की पहली पसंद रहीं और उस वक्त के हर बड़े निर्देशक..

By Hirendra JEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 12:26 AM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 09:18 AM (IST)
गुमनामी में जीने को बेबस हैं अपने दौर की हिट हीरोइन माला सिन्हा, देखे तस्वीरें
गुमनामी में जीने को बेबस हैं अपने दौर की हिट हीरोइन माला सिन्हा, देखे तस्वीरें

मुंबई। 11 नवंबर को अपने दौर की चर्चित और हिट अभिनेत्री माला सिन्हा का बर्थडे होता है! कोलकाता में जन्मीं माला सिन्हा इस साल 82 साल की हो गयीं। लेकिन, आज उम्र के इस मुकाम पर उन्हें सब भूल गए हैं। लेकिन, यह भी सच है कि साठ और सत्तर के दशक में जब पर्दे पर हुस्न के साथ हुनर की ज़रूरत होती थी, तो माला सिन्हा को याद किया जाता था।

माला ने उस दौर के सिनेमा को अपनी अदाकारी से ऐसा नवाज़ा कि आज भी वो यादों की माला की बेशक़ीमती मोती हैं। मगर, जिस मोती पर वक़्त की गर्द जम जाए, उसकी कोई क़ीमत नहीं होती। कुछ ऐसा ही माला सिन्हा के साथ हुआ है। पर्दे से दूर होने के बाद कभी-कभार नज़र आने वाली माला की लेटेस्ट तस्वीर देखकर आप चौंक जाएंगे। विश्वास नहीं कर पाएंगे कि ये वही माला सिन्हा हैं।

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गौरतलब है कि जीवन के अस्सी वसंत देख चुकीं माला सिन्हा इन दिनों मुंबई में ही रहती हैं और उनका ज़्यादातर वक़्त अब घर पर ही गुज़रता है। 2013 में दादा साहब फाल्के अवार्ड समारोह में वो आख़िरी बार पब्लिक के बीच दिखाई दी थीं। उनके क़रीबी बताते हैं कि उनकी बेटी प्रतिभा सिन्हा की नाकामयाबी ने उन्हें निराश कर दिया था। माला का बहुत मन था कि उनकी बेटी भी एक अभिनेत्री बनें! बहरहाल, धीरे, धीरे वो सबसे कटती चली गयीं और आज वो आज जैसे एक अज्ञातवास में रहने को विवश हैं। उम्र का भी असर हुआ और अब वो किसी सभा-समारोह नज़र नहीं आतीं।

माला सिन्हा ने हिन्दी के अलावा बंगला और नेपाली फ़िल्मों में भी काम किया है। वो अपनी टैलेंट और ब्यूटी दोनों के लिये जानी जाती रही हैं। 1950 से 1970 के बीच माला सिन्हा सर्वाधिक कामयाब और चर्चित अभिनेत्री थीं। उन्होने सौ से अधिक फ़िल्मों में काम किया है जिनमें से प्रमुख हैं- प्यासा (1957), धूल के फूल (1959), अनपढ़, दिल तेरा दीवाना (1962)।

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अपने दौर में माला सिन्हा देवानंद, धर्मेन्द्र, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, शम्मी कपूर जैसे अभिनेताओं की पहली पसंद रहीं और उस वक्त के हर बड़े निर्देशक जिनमें केदार शर्मा, बिमल राय, सोहराब मोदी, बी.आर. चोपड़ा, यश चोपड़ा, अरविंद सेन, रामानंद सागर, शक्ति सामंत, गुरुदत्त, विजय भट्ट, ऋषिकेश मुखर्जी, सुबोध मुखर्जी, सत्येन बोस आदि जैसे कई नाम शामिल हैं जिनके साथ उन्होंने काम किया। माला बनना आसान नहीं और माला बनकर गुमनामी में जीना भी उतना ही मुश्किल है! जागरण डॉट कॉम के तमाम पाठकों की तरफ से उन्हें जन्मदिन पर बहुत सारी शुभकामनाएं!

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