Happy Birthday Mala Sinha : जब रेडियो पर दी गई थी माला सिन्हा और राजेंद्र कुमार की मौत की खबर, जानें दिलचस्प किस्सा

अभिनेत्री माला सिन्हा ने अपने तीन दशक के कॅरियर में करीब सौ फिल्में की। 11 नवंबर 1936 को जन्मीं माला सिन्हा के पिता बंगाली और मां नेपाली थीं। आज हम आपको माला सिन्हा के जन्मदिन पर उनकी लाइफ से जुड़ा दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं।

By Priti KushwahaEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 10:29 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 02:42 PM (IST)
Happy Birthday Mala Sinha : जब रेडियो पर दी गई थी माला सिन्हा और राजेंद्र कुमार की मौत की खबर, जानें दिलचस्प किस्सा
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स्मिता श्रीवास्तव,जेएनएन। 'हिमालय की गोद में’, ‘प्यासा’, ‘गुमराह’, ‘आंखें’, ‘धूल का फूल’, जैसी हिट फिल्मों की हिट अभिनेत्री माला सिन्हा ने अपने तीन दशक के कॅरियर में करीब सौ फिल्में की। इंडस्ट्री की खूबसूरत एक्ट्रेसेस में शुमार माला सिन्हा का जन्म 11 नवंबर, 1936 को हुआ था। माला सिन्हा के पिता बंगाली और मां नेपाली थीं। सिनेमेटोग्राफर और निर्देशक प्रेम सागर जन्मदिन पर उन्हें स्नेहिल शुभकामनाएं देने के साथ ही पिता रामानंद सागर के निर्देशन में बनी फिल्मों ‘आंखें’, ‘गीत’ और ‘ललकार’ के दरम्यान माला सिन्हा के साथ बिताए लम्हों की यादें साझा कर रहे हैं...

#Happy Birthday #MALASINHA ji 💝

WISHING YOU MANY MORE CANDLES TO BLOW 🎂 🎂 pic.twitter.com/yXCDjLVyNz

— SIJAR SHARMA (@SijarSharma) November 11, 2020

जब पायलट ने कहा था क्रैश लैंडिंग करनी पड़ेगी 

माला सिन्हा ने हमारे साथ ‘आंखें’ के बाद ‘गीत’ और ‘ललकार’ फिल्मों में काम किया था। वर्ष 1969 में हम लोग फिल्म ‘गीत’ का निर्माण कर रहे थे। उस समय मनाली के लिए कोई हवाई जहाज सेवा नहीं थी। कुल्लू के करीब एयर फील्ड है भुंतर, वहां पर प्राइवेट प्लेन उतरते थे। पापा जी ने दिल्ली से एक प्राइवेट डकोटा प्लेन बुक कराया। वह हमें दिल्ली के पालम हवाई अड्डे से कुल्लू लेकर जाने वाला था। उस फ्लाइट में राजेंद्र कुमार, माला सिन्हा, मैं, मेरे भाई और पापा जी समेत फिल्म यूनिट के सभी सदस्य मौजूद थे। यात्रा के दौरान सब मस्ती कर रहे थे। उस प्लेन का पायलट डच था। मेरे बड़े भाई सुभाष प्रोडक्शन संभालते थे। वह कुल्लू में सबके स्वागत के इंतजार में थे। एक घंटा 20 मिनट की फ्लाइट थी। मगर उससे अधिक समय हो गया। प्लेन लैंड ही नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद हमने देखा कि प्लेन डगमगा रहा है। पायलट ने अनाउंस किया कि हम पहाड़ों में भटक गए हैं। उन्हें कहीं पर क्रैश लैंडिंग करनी पड़ेगी। उस वक्त सभी के चेहरे देखने वाले थे। राजेंद्र कुमार रुआंसे थे। उन्हें लगा कि वह मरेंगे तो परिवार उनके साथ नहीं होगा। माला सिन्हा चीखें मार के रो रही थीं कि उनकी मृत्यु के साथ पूरा परिवार खत्म हो जाएगा। वह अपने माता-पिता के साथ यात्र कर रही थीं।

बीते जमाने की मशहूर फिल्म अभिनेत्री माला सिन्हा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

ईश्वर से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हो और सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।

🎂🎂🎂🎂#माला_सिन्हा#Malasinha @BharatKumar1857 #HappyBirthdayMalaSinha pic.twitter.com/b6tHz3dGMl— Arun Kumar Pandey🇮🇳 Delhi Wale 🇮🇳 (@ArunPan9315) November 11, 2020

रेडियो पर दी गई थी माला सिन्हा की मौत की खबर  

पापा जी पायलट के पास गए। अनुभवी पापा जी पहले भी प्राइवेट पाइपर प्लेन से कुल्लू गए थे। उन्होंने पायलट से नक्शा दिखाने को कहा। उनकी याददाश्त कमाल की थी। उन्होंने पायलट से उस मोड़ पर वापस चलने को कहा, जहां से प्लेन को दाएं जाना था। जब हम उतरे तो वहां पर लोगों की भीड़ थी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने विमान के लापता होने की घोषणा कर दी थी। रेडियो स्टेशन ने माला सिन्हा और राजेंद्र कुमार की मौत की खबर दे दी थी। हमारा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था। कैमरा ऑन होते किरदार में आ जाती थीं माला ​सिन्हा बहरहाल, माला सिन्हा की खासियत थी कि हर किरदार में सहजता से उतर जाती थीं। कैमरे के सामने आने से पहले वह ऐसे पूछती थीं जैसे कुछ पता ही नहीं। कैमरा ऑन होते ही वह किरदार में आ जाती थीं। ‘ललकार’ में एक सीन में उन्हें पता चलता है कि उनका प्रेमी (राजेंद्र कुमार) हवाई दुर्घटना में मर गया है, पर वह इसे स्वीकारती नहीं हैं। वह दृढ़ निश्चय करती हैं कि उसे वापस लेकर आएंगी। वह सीक्वेंस है उनकी फोटो के सामने। पापा जी ने कहा कि माला आंसू चाहिए। उन्होंने उस सीन को इतनी कुशलता से किया कि हम सबके आंसू निकल आए थे।

Happy Birthday Mala Sinha Ji 🎂🍰💐💖#MalaSinha#ManojKumar@BharatKumar1857 @Simi_Garewal @anuvikshat @SumohiniV @ManojVaid15 pic.twitter.com/wZgGcu5ljz— Somesh Maurya 🗨️ 🇮🇳 (@SomeshMaurya19) November 11, 2020

बस में ही फिल्माया गया धर्मेंद्र संगी सीन 

पापा जी माहौल के अनुसार दृश्य जोड़ते थे। हम लोग ‘आंखें’ फिल्म की शूटिंग के लिए जापान गए थे। हमें जापान सरकार की ओर से टूरिस्ट गाइड मिला था। वह सिर्फ जापानी बोलता था। उसे अंग्रेजी समझ नहीं आती थी। पूरी यूनिट बस में सफर करती थी। पापा जी को बस बहुत अच्छी लगी। पापा जी ने कहा कैमरा निकालो। पूरे सीक्वेंस में धमेंद्र माला को देख रहे हैं और माला उन्हें। यह बस में ही फिल्माया गया। फिर हम रेड क्योटो टेंपल में शूटिंग करने गए। वहां बाहर पानी से भरा टब जैसा पात्र रखा होता है। उसमें से पानी निकालने के लिए लकड़ी का बड़ा सा करछुल था। पापा जी ने वहां पर सीन सेट किया और कहा कि धरम तुम पानी पीते रहना। माला तुम्हें देखती रहेंगी। तुम्हारे साइंलेंट इश्क का सीन शूट करेंगे। धमेर्ंद्र ने जैसे ही करछुल से पानी पिया, उनका पुजारी दौड़ता हुआ आया। उसने करछुल को वापस रखा। उसने धमेर्ंद्र को उंगली से इशारा किया कि आप ये क्या कर रहे हैं। इसी बीच हमारा गाइड दौड़ता हुआ आया। उसने स्थानीय भाषा में पुजारी से हमें शूटिंग करने देने के लिए कहा। पुजारी माफी मांगने लगा। वो दृश्य देखकर माला की हंसी फूट गई थी। 

जब खाने में परोसा गया कच्चा मांस  

एक किस्सा सिंगापुर का है। शॉ ब्रदर्स हमारी फिल्म ‘आंखें’ के साउथ ईस्ट एशिया के डिस्ट्रीब्यूटर थे। वह हांगकांग की अमीर शख्सियतों में से थे। उनके बड़े भाई का नाम रन रन शॉ था। हमने पूछा नाम रन रन क्यों है तो उन्होंने कहा कि वह दौड़ते बहुत तेज हैं। उनके छोटे भाई ने सिंगापुर में शूटिंग के इंतजाम किए थे। माला सिन्हा का गाना वहां पर फिल्माया गया था। एक दिन उन्होंने फिल्म यूनिट को खाने पर बुलाया। इस दावत के लिए खानसामे को शंघाई से बुलाया था। वहां पर हमें खाने में कच्चा मांस परोसा गया। उसे कोई खा नहीं सका। सब वापस भूखे होटल पहुंचे। पापा जी के कमरे में सब मिले तो किसी ने कहा मेरे पास डबल रोटी है। माला ने कहा कि उनके पास अचार है। अचार के साथ हमने ब्रेड खाई। माला सिन्हा की सहजता उन्हें हर दिल अजीज बनाती थी। 

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