ऋषि कपूर के आशीर्वाद को अपनी सफलता की वजह मानते हैं शाह रुख़ ख़ान, ऐसी थी पहली मुलाक़ात

Shah Rukh Khan on Rishi Kapoor दीवाना 26 जून 1992 को रिलीज़ हुई थी। ऋषि उस वक़्त 40 पर पहुंचने वाले थे और हिंदी सिनेमा में रोमांटिक हीरो के तौर पर उनकी पारी बेसाख्ता चल रही थी।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 01:39 PM (IST) Updated:Sat, 02 May 2020 07:54 AM (IST)
ऋषि कपूर के आशीर्वाद को अपनी सफलता की वजह मानते हैं शाह रुख़ ख़ान, ऐसी थी पहली मुलाक़ात
ऋषि कपूर के आशीर्वाद को अपनी सफलता की वजह मानते हैं शाह रुख़ ख़ान, ऐसी थी पहली मुलाक़ात

नई दिल्ली, जेएनएन। चार दशक से अधिक के करियर में ऋषि कपूर ने अलग-अलग पीढ़ियों के साथ काम किया। बॉलीवुड में किंग ऑफ़ रोमांस कहे जाने वाले शाह रुख़ ख़ान ने ऋषि के साथ ही फ़िल्म 'दीवाना' से डेब्यू किया था। यह शाह रुख़ की पहली रिलीज़ फ़िल्म थी।

ऋषि कपूर हीरो थे, दिव्या भारती हीरोइन और शाह रुख़ ख़ान सेकंड लीड। शायद यही वजह है कि शाह रुख़ के दिल में ऋषि कपूर के लिए हमेशा एक ख़ास जगह रही। शाह रुख़ ने सोशल मीडिया के ज़रिए ऋषि के लिए अपने जज़्बात ज़ाहिर किये हैं।

दीवाना 26 जून 1992 को रिलीज़ हुई थी। ऋषि उस वक़्त 40 पर पहुंचने वाले थे और हिंदी सिनेमा में रोमांटिक हीरो के तौर पर उनकी पारी बेसाख्ता चल रही थी। शाह रुख़ दीवाना से अपना करियर शुरू करने वाले थे, लिहाज़ा उनके मन में वही बातें थीं, जो एक स्टार को लेकर एक न्यूकमर के ज़हन में चलता है। ऋषि के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने का ख़्याल ही शाह रुख़ के लिए काफ़ी था। 

शाह रुख़ ख़ान लिखते हैं कि अगर उस वक़्त में फेल भी हो जाता तो मलाल नहीं होता, क्योंकि ऋषि कपूर के साथ काम करने का संतोष उन्हें रहता। शाह रुख़ याद करते हैं कि सेट पर पहले दिन वो मेरा सीन ख़त्म होने तक रुके और पैक अप के बाद अपनी चिर-परिचित मुस्कान के साथ बोले- यार तुझमें एनर्जी बहुत है। और उसी दिन अपने ज़हन में मैंने ख़ुद को एक्टर मान लिया। 

 

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Heartfelt condolences to the Kapoor khandaan. May Allah give you all the strength to deal with your loss.

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शाह रुख़ आगे लिखते हैं कि कुछ दिन पहले मैं उनसे मिला था और उस फ़िल्म में मुझे स्वीकार करने के लिए उनका आभार जताया था। उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि उन्होंने मुझे कितना प्रेरित किया था। उनकी जैसी गरिमा कुछ ही लोगों में होती है। दूसरों की सफलता को पचाने की क्षमता कुछ में ही होती है। मैं उन्हें कई चीज़ों के लिए याद रखूंगा, लेकिन सबसे ज़्यादा हर मुलाक़ात में सिर पर हाथ फेरने के लिए याद रखूंगा। मैं हमेशा दिल में यह बात रखूंगा कि जो भी बना उनके आशीर्वाद से ही हूं। आपकी बहुत याद आएगी सर। 

दीवाना का फ़िल्म का निर्देशन राज कंवर ने किया था, जबकि गुड्डू धनोआ प्रोड्यूसर थे। फ़िल्म की पटकथा सागर सरहदी ने लिखा। म्यूज़िकल-रोमांटिक दीवाना बड़ी हिट रही थी। 

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