Raj Kundra Case: राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका पर अब 20 को होगी सुनवाई, जारी रहेगी न्यायिक हिरासत

सात अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज और रायन की ज़मानत याचिका डिसमिस कर दी थी। जस्टिस एएस गडकरी ने कहा था कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा हिरासत में रिमांड कानून के अनुरूप है और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 04:21 PM (IST)
Raj Kundra Case: राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका पर अब 20 को होगी सुनवाई, जारी रहेगी न्यायिक हिरासत
Raj Kundra bail application hearing. Photo- Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। अश्लील फ़िल्म निर्माण और ऐप के ज़रिए उन्हें प्रसारित करने के केस में गिरफ़्तार बिज़नेसमैन राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका पर मुंबई सेशंस कोर्ट में अब 20 अगस्त को सुनवाई होगी। अदालत राज कुंद्रा और उनके सहयोगी रायन थोर्पे की ज़मानत याचिका की सुनवाई कर रही है। इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट दोनों को ज़मानत देने से इनकार कर चुकी है। वहीं, बॉम्बे हाई कोर्ट में भी राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका खारिज हो चुकी है। 

पोर्नोग्राफिक फ़िल्म केस में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राज को 19 जुलाई की रात को गिरफ़्तार किया था। उन्हें पहले 23 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया था, जिसे बढ़ाकर 27 जुलाई तक कर दिया गया था। 27 जुलाई को अदालत ने राज और रायन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान सेशंस कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। फ़िलहाल राज और रायन न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। 

Mumbai: Hearing on bail applications of businessman and actor Shilpa Shetty's husband Raj Kundra and Ryan Thorpe adjourned for 20th August.

(File photo) pic.twitter.com/DOcCuSZpQn

— ANI (@ANI) August 10, 2021

राज ने 28 जुलाई को मजिस्ट्रेट कोर्ट में ज़मानत की अर्ज़ी दाख़िल की थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था। अदालत ने इसके पीछे अपराध की गंभीरता का हवाला दिया है। साथ ही इस बात की आशंका भी जतायी गयी कि केस की जांच चल रही है। ऐसे में ज़मानत देने से सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की आशंका रहेगी। अदालत ने पाया कि जांच अधिकारियों ने बहुत सा डाटा जमा किया है, लेकिन कुछ डाटा आरोपियों द्वारा डिलीट भी कर दिया गया। ऐसे हालात में आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

सात अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज और रायन की ज़मानत याचिका डिसमिस कर दी थी। जस्टिस एएस गडकरी ने कहा था कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा हिरासत में रिमांड कानून के अनुरूप है और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। 

कोर्ट ने ज़मानत पर राज कुंद्रा और रायन थोर्पे के वकीलों की दलीलें सुनीं। राज कुंद्रा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पुलिस का दावा है कि राज ने सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत भेजे गये नोटिस पर साइन करने से मना कर दिया था, इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा था।

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