Interview: हमारी परवरिश के लिए मॉम ने छोड़ दी थीं फ़िल्में, घर पर नहीं मिला फ़िल्मी माहौल- अनमोल ठकेरिया ढिल्लों

बतौर निर्माता संजय ने जावेद जाफ़री के बेटे मीज़ान जाफ़री और अपनी बहन बेला सेगल की बेटी शिमीन सेगल को मलाल से ब्रेक दिया। Tuesdays Fridays से संजय ने दो नये चेहरों को बॉलीवुड में लॉन्च किया- वेटरन एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों के बेटे अनमोल ठकेरिया ढिल्लों और जटलेका मल्होत्रा।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 02:35 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:15 PM (IST)
Interview: हमारी परवरिश के लिए मॉम ने छोड़ दी थीं फ़िल्में, घर पर नहीं मिला फ़िल्मी माहौल- अनमोल ठकेरिया ढिल्लों
Anmol Thakeria Dhillon is son of Poonam Dhillon.

मनोज वशिष्ठ, जेएनएन। संजय लीला भंसाली ने अपने फ़िल्मी करियर में अधिकतर स्थापित सितारों के साथ ही काम किया है। रणबीर कपूर और सोनम कपूर ऐसे अपवाद हैं, जिन्हें भंसाली के निर्देशन में हिंदी सिनेमा में अपना करियर शुरू करने का मौक़ा मिला। वहीं, बतौर निर्माता संजय ने जावेद जाफ़री के बेटे मीज़ान जाफ़री और अपनी बहन बेला सेगल की बेटी शिमीन सेगल को मलाल से ब्रेक दिया। इनके अलावा ट्यूज़डे एंड फ्राइडेज़ (Tuesdays & Fridays) से संजय ने दो नये चेहरों को बॉलीवुड में लॉन्च किया- वेटरन एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों के बेटे अनमोल ठकेरिया ढिल्लों और जटलेका मल्होत्रा।

यह फ़िल्म कोरोना वायरस को लेकर चल रही अनिश्चितताओं के बीच 19 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी और इसके लगभग दो महीनों बाद फ़िल्म 16 अप्रैल से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर दी गयी, जहां फ़िल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिला और शुरुआती दो हफ़्तों तक भारत में टॉप 10 की लिस्ट में शामिल रही। अनमोल ने जागरण डॉटकॉम से अपनी पहली फ़िल्म, संजय लीला भंसाली और भावी योजनाओं पर विस्तार से बात की।

 

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ट्यूज़डेज़ एंड फ्राइडेज़ को सिनेमाघरों में अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली। मन में यह ख़्याल नहीं आता कि फ़िल्म इस दौर (कोरोना वायरस पैनडेमिक) के गुज़रने के बाद रिलीज़ होती तो बेहतर होता?

जब मैंने यह फ़िल्म साइन की थी तो बड़े पर्दे के लिए ही तैयारी थी। मगर, उस समय में ऐसा कोई अंदाज़ा भी नहीं था। शुरुआत में थोड़ा अफ़सोस हुआ। मगर, फिर आपको हालात के हिसाब से देखना पड़ता कि ज़िदंगी में अभी क्या ज़रूरी है। इस दौर में फ़िल्म का सिनेमाघरों में रिलीज़ होना ही बड़ी बात है। अभी नेटफ्लिक्स पर जो प्यार मिल रहा है, उसे मैं इसी नज़रिए से देख रहा हूं। मैं यह सोचकर चलता हूं कि इस बार नहीं तो अगली बार अच्छा होगा। मेरी एक और बड़ी फ़िल्म होगी, जो बड़े पर्दे पर आएगी और बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब होगी। पॉज़िटिव साइड देखता हूं कि मिस्टर संजय लीला भंसाली की फ़िल्म से शुरुआत करने का मौक़ा कितने लोगों को मौक़ा मिलता है। अब बस आगे बढ़ना चाहता हूं।

ट्यूज़डेज़ एंड फ्राइडेज़ कैसे मिली? संजय लीला भंसाली के साथ करियर की शुरुआत कितना मायने रखती है?

मेरे लिए उनकी फ़िल्म मिलना बड़ी बात थी, क्योंकि मैंने सपने में सोचा भी नहीं था कि करियर की शुरुआत में ही सर के साथ फ़िल्म करने का मौक़ा मिलेगा। सर से जब मिला था तो उन्होंने एक्टिंग और डांस के ऑडिशन के टेप मांगे थे। जब मैं उनसे पहली बार मिला तो डरा हुआ था, लेकिन वो बहुत प्यार से बात करते हैं और आपको सहज महसूस करवाते हैं। हंसी मज़ाक भी करते हैं। रिहर्सल के दौरान एक-दो सीन सर के साथ किये थे। उन्होंने कह दिया था कि डायरेक्टर कोई और हैं, इसलिए मैं हस्तक्षेप नहीं करूंगा। लेकिन, उनके साथ थोड़ा वक़्त बिताना भी बहुत कुछ सिखा देता है। अभी भी सपने जैसा ही लगता ह कि मैंने सर के साथ काम किया है।

 

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कहीं कोई दबाव था कि पूनम ढिल्लों के बेटे हैं तो लोगों को काफ़ी अपेक्षाएं होंगी?

मेरे ज़हन में कभी नहीं रहा कि मेरी मॉम एक बड़ी फ़िल्म स्टार रह चुकी हैं। मुझे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिला। मेरी को-स्टार जटलिका और मुझे समान रूप से ट्रीट किया गया। जैसे आप इंटर्नशिप करते हो, मेरे लिए वैसे ही था। मुझ पर किसी ने यह दबाव भी नहीं डाला कि आपकी मॉम एक्ट्रेस रह चुकी हैं तो आपको अलग करना है। घर पर भी ऐसा कोई प्रेशर नहीं था। फ़िल्म के बाद मेरे पास जो मैसेज आ रहे हैं, वो मेरी एक्टिंग, किरदार और लुक्स के लिए ही आ रहे हैं। ज़्यादातार लोगों को बाद में पता चला कि पूनम ढिल्लों का बेटा हूं। यह अच्छी बात है कि लोग पहले आपके काम से आपको जानते हैं, फिर उन्हें पता चलता है कि इनकी मॉम भी एक्ट्रेस रह चुकी हैं।

आपने एक्टिंग के लिए कोई फॉर्मल ट्रेनिंग ली?

मैंने एडवरटाइज़िंग और मार्केटिंग में डिग्री ली है। घर पर मॉम बहुत स्ट्रिक्ट थीं तो उन्होंने कहा, जो भी करना है करो, लेकिन पहले पढ़ाई पूरी करना ज़रूरी है। मैंने कुछ एक्टिंग वर्कशॉप की हैं, लेकिन काफ़ी कुछ देखते-देखते सीखा हूं। फ़िल्मों में आने से पहले मैंने सहायक निर्देशक के तौर पर कुछ विज्ञापनों में काम किया था। एयरटेल के कुछ विज्ञापनों में मैंने मिस्टर राम माधवानी को असिस्ट किया था।

इंडस्ट्री में आने से पहले पूनम जी ने किसी तरह की कोई ख़ास सलाह दी?

एक्टिंग के लिए मॉम ने किसी तरह की टिप्स नहीं दीं। उन्हें कहा कि तुम्हारा दौर अलग है। डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अच्छे मिले हैं। आप अच्छे हाथों में हो तो मैं उन पर आंख मूंदकर भरोसा करूंगी। बस उन्होंने यह सलाह ज़रूर दी कि ईमानदारी और कृतज्ञता के साथ अपना करो। किसी को एटीट्यूड मत दिखाओ। विनम्र बने रहो। वही सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।

 

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आप एक फ़िल्मी परिवार से आते हैं। इस माहौल ने आपको एक्टर बनाने में कितनी मदद की?

देखिए, हर फ़िल्मी घर का माहौल अलग होता है। पर हमारे घर में फ़िल्मी माहौल बिल्कुल नहीं था। मॉम ने हम लोगों (अनमोल और बहन पलोमा) के जन्म के बाद फ़िल्में करना छोड़ दिया था। मॉम को हमारी पढ़ाई-लिखाई और परवरिश पर फोकस करना था। इसीलिए बचपन में फ़िल्मों को लेकर इतनी बातचीत नहीं होती थी। फिर हम कुछ बड़े हुए और मॉम ने काम शुरू किया तो डैड की किसी फ़िल्म के सेट पर कभी-कभार चले जाते थे। लेकिन, यह भी सच है कि जो लोग फ़िल्म परिवारों से नहीं होते, उनके मुक़ाबले हमें इंडस्ट्री का थोड़ा ज़्यादा आइडिया तो होता ही है, क्योंकि बातें होती हैं तो आप सुनते हैं।

पूनम जी की कौन सी फ़िल्में आपको पसंद हैं?

ईमानदारी से कहूं तो मैंने उनकी ज़्यादा फ़िल्में नहीं देखी हैं। (हंसते हुए) दूर ही रहता हूं उनकी फ़िल्मों से, क्योंकि मुझे अजीब लगता था कि मॉम के साथ कोई दूसरा आदमी रोमांस कर रहा है। मेरे लिए वो थोड़ा असहज हो जाता था, क्योंकि मैं उनका बेटा हूं। उनकी फ़िल्में देखकर शर्माता था। मैंने उनके गाने देखे हैं। जैसे, नूरी, सोनी महीवाल फ़िल्म के गाने या ऋषि कपूर के साथ कई मशहूर गाने किये हैं। उनके गाने देखता हूं, एंजॉय करता हूं। हां, अभी जो नया काम कर रही हैं मॉम, वो मैं देखता हूं। 2019 में मॉम ने जय मम्मी दी फ़िल्म की थी, वो मैंने देखी। उसमें उन्होंने मदर का रोल निभाया था। लेकिन, मॉम को यंग एज में रोमांस करते देखने से शर्माता हूं।

एक्टिंग में आपको शुरुआत तो हो गयी, अब आगे के लिए क्या तैयारियां हैं और किस तरह की फ़िल्में करना चाहते हैं?

मैं बहुत लालची एक्टर हूं और एक एक्टर के लिए विविधता बहुत ज़रूरी है। इसलिए सब करना चाहूंगा। पहली फ़िल्म रोमांटिक कॉमेडी है। मैंने लवर बॉय का रोल निभाया। अब मुझे पीरियड फ़िल्में करनी हैं। एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी और दोबारा रोमांस करना चाहूंगा। आगे के प्रोजेक्ट अभी प्लानिंग स्टेज में हैं। कोविड-19 की वजह से सब चीज़ों की रफ़्तार काफ़ी धीमी हो गयी है।

आपने जिस दौर में फ़िल्मों में करियर शुरू किया है, ओटीटी का बहुत बोलबाला है। इस प्लेटफॉर्म पर काम करना चाहेंगे?

ओटीटी के लिए बिल्कुल ओपन हूं। ट्यूज़डेज़ एंड फ्राइडेज़ को कितने लोग घर पर देख रहे हैं। अभी तो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी समान रूप से अहमियत दी जा रही है। अगर सब्जेक्ट अच्छा है और किरदार दमदार है तो बिल्कुल करना चाहूंगा।

इंडस्ट्री में अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं?

हर एक्टर को कोशिश करनी चाहिए कि अपनी ख़ुद की अलग पहचान बनाये। मगर, रोल मॉडल होना भी अहम है, क्योंकि आप उनके करियर को देखते हो। उनसे सीखते हो। उन्होंने किस तरह की फ़िल्मों का चुनाव किया या किस तरह की फ़िल्में कर रहे है। उस लिहाज़ से मुझे रणबीर कपूर अच्छे लगते हैं। मैं जब यंग था, तब से उनकी फ़िल्में देख रहा हूं। वो किस तरह के किरदार निभाते हैं? कौन से निर्देशकों के साथ काम करते हैं? मैं उनको फॉलो करता हूं।

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