इतिहास में होते रहे फेल, फिर भी पर्दे पर दिखाते हैं इतिहास

फिल्‍ममेकर आशुतोष गोवारिकर को इतिहास विषय बिल्‍कुल भी अच्‍छा नहीं लगता है। लेकिन उनकी ज्‍यादा फिल्‍मों में इतिहास ही देखने को मिलता है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 18 Jul 2016 01:15 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jul 2016 01:19 PM (IST)
इतिहास में होते रहे फेल, फिर भी पर्दे पर दिखाते हैं इतिहास

मुंबई। इतिहास ऐसा विषय है, जो स्कूल टाइम में हर किसी को अच्छा नहीं लगता। खासकर तारीखें याद रखना तो और भी मुश्किल होता है। निर्देशक आशुतोष गोवारिकर के साथ भी कुछ ऐसा ही था, लेकिन इतिहास से बेरूखी आशुतोष के लिए प्रेरणा बन गई। ‘लगान’, ‘जोधा-अकबर’, ‘खेलें हम जी जान से’ और अब ‘मोहेंजो-दारो’ आशुतोष के इतिहास-प्रेम को दर्शाती हैं।

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मोहेंजो-दारो की एक इवेंट में उन्होंने कहा- “मैं यह सवाल कई बार अपने आप से भी पूछा। अनकही कहानियां मुझे हमेशा से उत्साहित करती हैं। इतिहास में मैं हमेशा फेल होता था। मुझे तारीखें याद नहीं रहती थीं, लेकिन अनकही कहानी को बयां करना मुझे प्रेरित करता है।”

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12 अगस्त को रिलीज़ हो रही मोहेंजो-दारो सिंधु घाटी सभ्यता के दौर की कहानी है, जिसमें रितिक रोशन और पूजा हेगड़े मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।

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