ऐसे पता चलता है कितना हुआ फिल्म का Box Office Collection, जानें- इसमें किस-किस का होता है हिस्सा?

Box Office Collection फिल्म रिलीज होने के बाद बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की काफी चर्चा होती है। ऐसे में आज जानते हैं कि आखिर इसे कैल्कुलेट कैसे किया जाता है...

By Mohit PareekEdited By: Publish:Thu, 22 Aug 2019 03:29 PM (IST) Updated:Thu, 22 Aug 2019 03:45 PM (IST)
ऐसे पता चलता है कितना हुआ फिल्म का Box Office Collection, जानें- इसमें किस-किस का होता है हिस्सा?
ऐसे पता चलता है कितना हुआ फिल्म का Box Office Collection, जानें- इसमें किस-किस का होता है हिस्सा?

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में फिल्म का काफी लंबा व्यापार है, हर साल भारत की अर्थव्यवस्था में करोड़ों रुपये का योगदान सिनेमा का ही होता है। हर हफ्ते दो चार फिल्में रिलीज होती हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों बिजनेस करती है। हाल ही में रिलीज हुई मिशन मंगल ने 121 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है, जबकि बाटला हाउस ने 50 करोड़ से ज्यादा कमा लिए हैं। आप भी हमेशा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में सुनते होंगे, लेकिन आपने कभी सोचा है आखिर फिल्म की कमाई कैसे होता है और यह कलेक्शन कैसे कैलकुलेट किया जाता है। आज यहां देखें आपके हर सवाल का जवाब...

बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को कैलकुलेट करने से पहले जानते हैं कि आखिर ये डिस्ट्रीब्यूटर क्या होता है। दरअसल, डिस्ट्रीब्यूटर, प्रोडूसर और थियेटर मालिकों के बीच की कड़ी का काम करता है। प्रोड्यूसर अपनी फिल्म को 'ऑल इंडिया' के डिस्ट्रीब्यूटर को फिल्म के राइट्स दे देता है। अधिकतर बार प्रोड्यूसर किसी थर्ड पार्टी के जरिए ऐसा करते हैं, ऐसे में फायदा या नुकसान थर्ड पार्टी के हिस्से में आता है।

उसके बाद बात करते हैं कि आखिर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या है... दरअसल एक कलेक्शन होता है ग्रॉस कलेक्शन, जिसमें टिकटों की खरीद से आया पूरा पैसा शामिल होता है। वहीं एक नेट कलेक्शन होता है, जिसमें एंटरटेनमेंट टैक्स और अन्य खर्च आदि हटा दिए जाते हैं। वहीं अगर कमाई की बात करें तो कमाई टिकटों से ही नहीं बल्कि थिएटर के बाहर से सैटेलाइट राइट्स, म्यूजिक राइट्स आदि की वजह से भी होती है।

कलेक्शन में किसका कितना हिस्सा?

थियेटर मालिकों के पास टोटल कलेक्शन इकठ्ठा होता है और कुल कलेक्शन में से मनोरंजन कर (लगभग 30%) काटा जाता है। यह हर राज्य सरकार के हिसाब से अलग अलग तय किया गया है। अंत में मनोरंजन कर चुकाने के बाद एग्रीमेंट के अनुसार जितना रुपया बचता है उसका एक हिस्सा डिस्ट्रीब्यूटर को लौटा दिया जाता है। डिस्ट्रीब्यूटर्स को थियेटर मालिकों से मिलने वाला रिटर्न सप्ताह के आधार पर दिया जाता है।

कितना हिस्सा होता है डिस्ट्रीब्यूटर का?

अगर फिल्म मल्टीप्लेक्स में रिलीज होती है तो पहले सप्ताह के कुल कलेक्शन का 50%, दूसरे सप्ताह में 42%, तीसरे में 37% और चौथे के बाद 30% भाग फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर को जाता है। लेकिन यदि फिल्म सिंगल स्क्रीन पर रिलीज होती है तो वितरक को फिल्म रिलीज़ के पहले सप्ताह से लेकर जब तक फिल्म चलती है वितरक को सामन्यतः 70-90% भाग देना पड़ता है।

वहीं डिस्ट्रीब्यूटर को सिनेमाघरों में टिकट की बिक्री से होने वाली आय के अलावा नॉन थियेट्रिकल स्रोतों जैसे म्यूजिक राईट, सेटेलाइट अधिकार और विदेशी सब्सिडी आदि से भी इनकम होती है।  

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