अपने दौर की बिंदास अभिनेत्री तनुजा 75 की उम्र में भी हैं ज़िंदादिल, बेटी काजोल ने शेयर की ये फोटो
आखिरी बार बड़े पर्दे पर तनुजा साल 2012 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘सन ऑफ सरदार’ में दिखाई दी थी। इस फ़िल्म में अजय देवगन लीड रोल में थे।
मुंबई। आज की पीढ़ी उन्हें काजोल की मां और अजय देवगन की सास के नाम से ज्यादा जानती है। लेकिन, कभी उनकी गिनती बॉलीवुड के ग्लैमरस, बेबाक और बिंदास अभिनेत्री के रूप में होती थी। हम बात कर रहे हैं अदाकारा तनुजा की। काजोल इन दिनों अपनी मॉम संग सिंगापुर में छुट्टियां मना रही हैं।
बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुजा ने हाल ही में 23 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाया है। बता दें कि काजोल की मॉम तनुजा के पिता कुमारसेन समर्थ एक फ़िल्म डायरेक्टर थे और मां शोभना समर्थ एक कामयाब एक्ट्रेस। उनका पूरा परिवार फ़िल्मों से जुड़ा रहा है। आपको पता ही होगा कि अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस नूतन उनकी बड़ी बहन थीं। बहरहाल, सिंगापुर से आई इन तस्वीरों में आप मां-बेटी का ये प्यारा सा अंदाज़ देख सकते हैं। सिंगापुर में ही अजय-काजोल की बेटी निसा भी पढ़ाई कर रही है। लगता है ये दोनों उसी से मिलने गयी हैं। आज भी तनुजा जब कभी कहीं नज़र आती हैं तो उनके चेहरे से उनकी ज़िंदादिली साफ़ महसूस की जा सकती है!
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बात तनुजा की करें तो उन्होंने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरूआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1950 में आई फ़िल्म ‘हमारी बेटी’ के जरिए की थी। बतौर लीड एक्ट्रेस उनकी पहली फ़िल्म ‘छबीली’ थी। साल 1961 में आई फ़िल्म 'हमारी याद आएगी' तनुजा के करियर में एक अहम पड़ाव साबित हुई। तनुजा ने ‘आज और कल’, ‘दो चोर’, ‘दो दूनी चार’, ‘बहारें फिर भी आएंगी’, ‘घराना’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘ज्वेल थीफ’, ‘जीयो और जीने दो’ और ‘प्रेमरोग’ जैसी कई यादगार फ़िल्मों में काम किया। इन्होंने हिंदी ही नहीं मराठी, बंगाली और गुजराती फ़िल्मों में भी काम किया है। उन्हें फ़िल्मफेयर से दो बार बेस्ट स्पोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला। साल 2014 में उन्हें फ़िल्मफेयर ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
कहते हैं बचपन में तनुजा को अपनी मां शोभना समर्थ और दीदी नूतन का इतना अधिक लाड़-प्यार मिला कि वो काफी फ्री सी हो गयी और इसलिए भी 50 के दशक में उन्हें टॉम ब्वॉय का खिताब मिल गया। एक खुलापन झलकता था उनके रवैये से। वे पार्टियों में बोल्ड कपड़े पहनतीं, खुलेआम सिगरेट और शराब पीतीं और इस वजह से उस दौर की ट्रेडिशनल एक्ट्रेसेस से हटकर तनुजा काफी बिंदास मानी जाती थीं। जिसका असर उनकी फ़िल्मी किरदारों में भी दिखा। देव आनंद की ‘ज्वेलथीफ’ में वैजयंती माला लीड रोल में थी, लेकिन तनुजा पर फ़िल्माया गाना 'रात अकेली है' काफी प्रसिद्ध हुआ था जो आज भी लोगों को याद है।
बलराज साहनी के बेटे परीक्षित साहनी की पहली फ़िल्म 'पवित्र पापी' में तनुजा ने यादगार परफोर्मेंस दिया। इसके बाद वो भाभी, मौसी और मां के रोल ज्यादा करने लगी। उन्होंने कुछ टीवी सीरियल्स में भी काम किया। साल 1943 बंगाली डायरेक्टर शोमू मुखर्जी के साथ शादी के बंधन में बंधी तनुजा की दो बेटियां काजोल और तनीषा हैं। शादी के कुछ साल बाद ही तनुजा और शोमू अलग हो गए थे, लेकिन उन्होंने कभी तलाक नहीं लिया।
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10 अप्रैल 2008 में बीमारी के कारण शोमू मुखर्जी का निधन हो चुका है। बड़ी बेटी काजोल की चुलबुली और शोखी भरी एक्टिंग में तनुजा की झलक मिलती है। आखिरी बार बड़े पर्दे पर तनुजा साल 2012 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘सन ऑफ सरदार’ में दिखाई दी थी। इस फ़िल्म में काजोल के पति और तनुजा के दामाद अजय देवगन लीड रोल में थे।