फिल्म को बेचने के लिए नहीं दिए हॉट सीन: पूजा गुप्ता

कहा जा रहा है कि 'शॉर्टकट रोमियो' में मैसेज भी है? जी हां। एक तो इसकी कहानी देश के बेहद प्रभावी कॉरपोरेट घराने से प्रभावित है। उस घराने में जो घटना घटी थी, फिल्म की कहानी वही है। दूसरी बात कि 'पराई नार, पराया धन' पर नजर डालने के क्या नतीजे होते हैं, फिल्म उस

By Edited By: Publish:Thu, 20 Jun 2013 01:12 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2013 01:18 PM (IST)
फिल्म को बेचने के लिए नहीं दिए हॉट सीन: पूजा गुप्ता

'फालतू' और 'गो गोवा गॉन' ने पूजा गुप्ता के करियर को नई उड़ान दी है। अब 'शॉर्टकट रोमियो' से उन्हें सफलता के हैट्रिक की उम्मीद है। आइए जानते हैं इस बारे में क्या सोचती हैं वो:-

कहा जा रहा है कि 'शॉर्टकट रोमियो' में मैसेज भी है?

-जी हां। एक तो इसकी कहानी देश के बेहद प्रभावी कॉरपोरेट घराने से प्रभावित है। उस घराने में जो घटना घटी थी, फिल्म की कहानी वही है। दूसरी बात कि 'पराई नार, पराया धन' पर नजर डालने के क्या नतीजे होते हैं, फिल्म उस बारे में है। हमारे महाकाव्य 'रामायण' व 'महाभारत' भी इस मैसेज को प्रभावी तरीके से प्रेषित करते हैं।

यानी वैसे कृत्य को नील का किरदार अंजाम देता है?

-जी हां। वह सूरज नामक शख्स का रोल प्ले कर रहे हैं। सूरज सफल होने के लिए शॉर्टकट रास्ते तलाशता रहता है। उस चक्कर में वह मोनिका यानी अमीषा पटेल के किरदार के जाल में फंसता है। मोनिका अमीर शादीशुदा लड़की है। पति से बेहतर संबंध न होने के चलते वह सूरज से विवाहेत्तर संबंध बनाती है। उस बात का सूरज फायदा उठाता है। वह मोनिका को ब्लैकमेल कर जल्द-से-जल्द अमीर बनने की कोशिश करता है। मैं शेरी के रोल में हूं। वह सूरज की असल गर्लफ्रेंड है। वह उसे सही राह पर लाने में मदद करती है। वह काफी हद तक जूलियट जैसी है।

फिल्म में आप व नील के अंतरंग दृश्यों की काफी चर्चा है। आपकी प्रतिक्रिया?

-फिल्म को बेचने की खातिर जबरन उसमें हॉट सीन डालने जैसी कोई बात नहींहै। हां, ऐसा एक सीक्वेंस है, पर वह कहानी में स्वाभाविक तरीके से आता है।

आप अब तक हॉट अवतार में रही हैं। आगे भी उस इमेज को बरकरार रखना चाहूंगी?

-मुझे हॉट अवतार से कोई परहेज नहीं है। दूसरी बात, मैं अभी उस मुकाम पर नहींपहुंची हूं, जहां अपनी मर्जी की फिल्में चूज कर सकूं। जब उस ओहदे पर जाऊंगी तो 'चालबाज' की रीमेक बना श्रीदेवी का रोल करूंगी। वैसे सितारों से ज्यादा मेरी प्राथमिकता उम्दा निर्देशक हैं।

गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आपने लगातार दो सफल फिल्में दी हैं। मानती हैं कि आप हिंदी फिल्मों द्वारा स्वीकार कर ली गई हैं?

-अभी नहीं। वैसा सोचना भी सही नहीं होगा, क्योंकि उस केस में मैं आत्मसंतुष्ट हो जाऊंगी। मैं हमेशा असुरक्षित महसूस करते रहना चाहूंगी ताकि हर काम में अपना बेस्ट दे सकूं। 'शॉर्टकट रोमियो' मेरी अग्निपरीक्षा है। अगर मेरी सफलता की हैट्रिक लगती है तब यह कहना सही होगा कि मैं एक्सेप्ट हो रही हूं। [सप्तरंग टीम]

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