रिलीज़ डेट पर नहीं चलेगी फ़िल्मकारों की मनमर्ज़ी, CBFC ने कसा शिकंजा

सीबीएफसी ऑफ़िस अब नई लोकेशन पर जा रहा है। पता बदलने के साथ नीतियों में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब दफ़्तर में प्रोड्यूसर्स को लाइन लगाने की ज़रूरत नहीं होगी।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Publish:Wed, 15 Mar 2017 04:25 PM (IST) Updated:Thu, 16 Mar 2017 07:27 AM (IST)
रिलीज़ डेट पर नहीं चलेगी फ़िल्मकारों की मनमर्ज़ी, CBFC ने कसा शिकंजा
रिलीज़ डेट पर नहीं चलेगी फ़िल्मकारों की मनमर्ज़ी, CBFC ने कसा शिकंजा

मुंबई। सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन यानि सेंसर बोर्ड का नाम आजकल विवादों में ज़्यादा रहता है। फ़िल्म सर्टिफिकेशन को लेकर फ़िल्ममेकर्स अक्सर सीबीएफसी चीफ़ पहलाज निहलानी से दो-दो हाथ करते नज़र आते हैं। तमाम चिंताओं और खींचतान के बीच अच्छी ख़बर ये है कि फ़िल्म सीबीएफसी ऑफ़िस अब डिजिटल होने जा रहा है, जिसके चलते फ़िल्ममेकर्स की भागदौड़ कम हो जाएगी। मगर, बुरी ख़बर ये है कि फ़िल्ममेकर्स को रिलीज़ डेट के लिए अब सेंसर बोर्ड का मुंह ताकना होगा। 

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सीबीएफसी चीफ पहलाज निहलानी ने जानकारी दी, कि हफ़्ते दो हफ़्ते में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। निहलानी कहते हैं कि ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी है। इसका सबसे बड़ा फ़ायदा ये होगा कि प्रोड्यूसर्स को अब सीबीएफसी के दफ़्तर में अपनी फ़िल्म की डीवीडी जमा नहीं करवानी होंगी। सब कुछ ऑनलाइन ही होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया हिंदी फ़िल्मों के साथ सभी क्षेत्रीय भाषाओं की फ़िल्मों पर भी लागू होगी। इस प्रक्रिया का सबसे अहम पहलू ये है कि फ़िल्ममेकर्स सेंसर सर्टिफिकेट जारी होने से पहले अपनी फ़िल्म की रिलीज़ डेट का एलान नहीं कर सकेंगे। 

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ग़ौरतलब है कि आज कल फ़िल्ममेकर्स फ़िल्मों की शूटिंग शुरू होने से पहले ही इसकी रिलीज़ डेट एनाउंस कर देते हैं। ऐसी फ़िल्में इस फ़ैसले से प्रभावित होंगी। इस बारे में सीबीएफसी चीफ़ ने साफ़ किया- ''फ़िल्ममेकर्स अपनी रिलीज़ डेट चुनने के लिए आज़ाद होंगे। फ़िल्म बनने के शुरुआती दौर में वो इसका एलान भी कर सकते हैं, लेकिन जब रिलीज़ नज़दीक़ होगी, तो वे सेंसर सर्टिफिकेट हासिल किए बिना विज्ञापनों में रिलीज़ डेट मेंशन नहीं कर सकेंगे।'' 

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सीबीएफसी का ये नियम फ़िल्ममेकर्स को नागवार गुज़र सकता है। इस बारे में पहलाज निहलानी कहते हैं कि इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता। जब तक कि किसी फ़िल्ममेकर को सेंसर सर्टिफिकेट ना मिल जाए, वो रिलीज़ डेट को लेकर कांफिडेंट कैसे हो सकता है? और अगर वे सेंसर सर्टिफिकेट के बिना फ़िल्म की रिलीज़ डेट जनता को बता रहे हैं, इसका मतलब वो उन्हें बेवकूफ़ बना रहे हैं। 

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इसके अलावा पहलाज निहलानी ने बताया कि सीबीएफसी ऑफ़िस अब नई लोकेशन पर जा रहा है। पता बदलने के साथ नीतियों में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब दफ़्तर में प्रोड्यूसर्स को लाइन लगाने की ज़रूरत नहीं होगी। पेपर वर्क कम होगा और अब पहले आओ पहले पाओ की नीति का कड़ाई से पालन किया जाएगा। 

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