हॉकी नेशनल गेम है ! ये गलत है तो स्कूल में पढ़ाया ही क्यों गया : दिलजीत दोसांझ
दिलजीत यह भी मानते हैं कि स्पोर्ट्स को लेकर फिल्म बनती है या ऐसी पर्सनालिटी को लेकर तो लोगों में कम से कम उन्हें लेकर बातचीत तो शुरू होती है.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. दिलजीत दोसांझ की फिल्म सूरमा जल्द ही दर्शकों के सामने होगी. इस फिल्म में दिलजीत ने जाने माने हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह का किरदार निभाया है. ये संदीप सिंह की बायोपिक फिल्म है.
इस फिल्म को लेकर दिलजीत ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि उन्हें यह बात अब बहुत अजीब लग रही है कि अगर हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं था, तो फिर हमें स्कूल में गलत क्यों पढ़ाया गया. फिर हाल ही में मैंने जब इंटरनेट पर इंडिया का नेशनल स्पोर्ट्स टाइप किया तब भी हॉकी ही आया गूगल पर. फिर हमारे देश में अब तक तय नहीं हो पाया है कि नेशनल स्पोर्ट्स कौन सा स्पोर्ट्स है. दिलजीत कहते हैं कि उन्हें लगता है कि हॉकी ही होनी चाहिए. भारत ने चूंकि इस गेम में आठ ओलम्पिक गोल्ड मेडल जीते हैं. हमारे कितने सारे खिलाड़ियों ने इस खेल में अपना नाम बनाया है. बेहतरीन प्रदर्शन किया है. ध्यान चंद से लेकर धनराज पिल्लै तक ने कमाल किया है. दिलजीत कहते हैं कि बचपन में जब वह खिलाड़ियों को खेलते देखते थे तब उनको ये पता ही नहीं था कि हॉकी हमारा अपना गेम है. बाहर के गेम की तरह लगता था. दिलजीत कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि हॉकी पर फिल्म कर रहा हूं. इसलिए कह रहा हूं कि इसे राष्ट्रीय खेल माना जाये लेकिन मुझे लगता कि हॉकी में काफी कुछ योगदान हुआ है तो इसे नेशनल गेम बनाना चाहिए.
दिलजीत यह भी मानते हैं कि स्पोर्ट्स को लेकर फिल्म बनती है या ऐसी पर्सनालिटी को लेकर तो लोगों में कम से कम उन्हें लेकर बातचीत तो शुरू होती है. जैसे जब दिलजीत ने यह कहानी नहीं सुनी थी तो उनको संदीप सिंह के बारे में इतनी गहराई से कुछ भी पता नहीं था. इसलिए वह मानते हैं कि लोगों के सामने इस तरह की कहानी पहुंचनी ही चाहिए. इस फिल्म में उनके साथ तापसी पन्नू भी हैं.
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