Karma के सेट पर दिलीप कुमार को एक घंटे तक घूरते रहे थे अनुपम खेर, फिर सुभाष घई को हुई चिंता...

कर्मा में दिलीप कुुमार और अनुपम पर फ़िल्माया गया जेल वाला सीन आज भी रोमांचित कर देता है जिसमें दिलीप साहब का किरदार डॉ. डेंग का थप्पड़ मारता है और उसकी गूंज सुनाई देती है। दरअसल वो गूंज थप्पड़ की नहीं बल्कि उस अदाकारी की थी।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 03:23 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 03:23 PM (IST)
Karma के सेट पर दिलीप कुमार को एक घंटे तक घूरते रहे थे अनुपम खेर, फिर सुभाष घई को हुई चिंता...
Anupam Kher Dilip Kumar in Karma. Photo- Screenshot

नई दिल्ली, जेएनएन। सुभाष घई की 1986 में आयी फ़िल्म कर्मा में पहली बार अनुपम खेर और दिलीप कुमार का आमना-सामना हुआ था। इस फ़िल्म में दिलीप कुमार जेलर के किरदार में थे और अनुपम ने डॉ. डेंग नाम के खलनायक का रोल निभाया था। इस फ़िल्म में दिलीप कुुमार और अनुपम पर फ़िल्माया गया जेल वाला सीन आज भी रोमांचित कर देता है, जिसमें दिलीप साहब का किरदार डॉ. डेंग का थप्पड़ मारता है और उसकी गूंज सुनाई देती है। दरअसल, वो गूंज थप्पड़ की नहीं, बल्कि उस अदाकारी की थी, जिसने सिनेमा की तमाम पीढ़ियों को प्रभावित किया।

अनुपम खेर के लिए फ़िल्म कर्मा के सेट पर दिलीप कुमार से पहली मुलाक़ात आज भी याद है। अनुपम बताते हैं- जब पहली बार उनसे मुलाक़ात हुई तो तक़रीबन एक घंटे तक उनको ताकता रहा था। सुभाष घई मुझे साइड मेें ले जाकर बोले- तू मेरी फ़िल्म का विलेन है। ऐसे प्यार से उन्हें घूरते रहोगे तो मुश्किल हो जाएगी।

मैंने उनसे कहा, जिस शख़्सियत की वजह से फ़िल्मों में आया हूं। उन्हें एक घंटा क्या, ताउम्र घूर सकता हूं। मेरे पहले शॉट के बाद जब दिलीप कुमार ने सुभाष घई से कहा, लाले यह तो बड़ा डेंजरस एक्टर आया है, यह दूर तक जाएगा,तो मुझे लगा कि मुझे एक्टिंग का सबसे बड़ा पुरस्कार मिला है। अब मुझे दुनिया की कोई ताक़त नहीं रोक सकती है।

दिलीप कुमार के निधन पर अनुपम खेर ने एक इमोशनल वीडियो के ज़रिए अपनी यादें और जज़्बात साझा किये हैं। अनुपम खेर कहते हैं कि दिलीप कुमार के पास कुछ देर बैठना ही अभिनय सिखा जाता है। उनके जैसा पूर्ण कलाकार ना कभी आया था और ना कभी आएगा। अनुपम कहते हैं कि यह मेरा निजी नुक़सान है। मैंने एक दोस्त, गाइड, मेंटॉर और एक्टिंग गुरु खो दिया है।

The legend lives on!! There is and there will always be a part of #DilipKumar Saab in every Indian actor for generations to come! His performances were like magic. Thank you Sir for those amazing moments i could spend with you! You taught me so much about life, living & acting! pic.twitter.com/edlguQez9i— Anupam Kher (@AnupamPKher) July 7, 2021

अनुपम बताते हैं कि उन्होंने स्कूल से भागकर जो पहली फ़िल्म देखी थी, वो गोपी थी। टिकट ख़रीदने के चक्कर में नाक तुड़वा ली। ख़ून बहता रहा, मगर फ़िल्म देखना नहीं छोड़ा। मधुमती 18 बार और राम और श्याम 40 बार देखी है। मुझे उनके साथ चार फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा मिला और मैंने उनके साथ बहुत वक़्त गुज़ारा। मैं उनसे बहुत सवाल करता था। एक दिन हंसकर और शायद तंग आकर बोले- तू बंदा है या बंदर। अनुपम कहते हैं कि दिलीप साहब हिंदुस्तानी सिनेमा की आत्मा हैं और आत्मा अमर होती है। इस फ़िल्म में अनिल कपूर, नसीरूद्दीन शाह, जैकी श्रॉफ, श्रीदेवी, पूनम ढिल्लों, शक्ति कपूर और नूतन ने मुख्य किरदार निभाये थे।

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