बॉलीवुड में तेज हुई रॉयल्टी की लड़ाई

फिल्म जगत में कथित एकाधिकार के खिलाफ क्रिएटिव लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। रॉयल्टी बंटवारे को लेकर संगीतकार-गीतकार-लेखक संगठन (आर्टिस्ट एसोसिएशन) ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें टी-सीरीज व वैसा करने वाली किसी भी कंपनी की शर्ते मंजूर नहीं है। जावेद अख्तर, अभिनेता और अब निर्माता बने अभय दे

By Edited By: Publish:Thu, 16 Jan 2014 09:29 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2014 09:32 PM (IST)
बॉलीवुड में तेज हुई रॉयल्टी की लड़ाई

अमित कर्ण, मुंबई। फिल्म जगत में कथित एकाधिकार के खिलाफ क्रिएटिव लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। रॉयल्टी बंटवारे को लेकर संगीतकार-गीतकार-लेखक संगठन (आर्टिस्ट एसोसिएशन) ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें टी-सीरीज व वैसा करने वाली किसी भी कंपनी की शर्ते मंजूर नहीं है। जावेद अख्तर, अभिनेता और अब निर्माता बने अभय देओल, संगीतकार शंकर-एहसान-लॉय और गीतकार सोनू निगम की अगुआई में संगठन ने टी-सीरीज के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की चेतावनी जारी कर दी है।

इन लोगों का कहना है कि रॉयल्टी मामले में 21 जून 2012 से लागू हुए कॉपीराइट एक्ट का पालन हो। वैसा न होने की सूरत में वे टी-सीरीज के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस फैसले पर संगठन के सभी सदस्यों ने गुरुवार की दोपहर सर्वसम्मति से फैसला लिया। इससे पहले पिछले साल अपूर्वा लाखिया की 'जंजीर' के कंटेंट को लेकर जावेद अख्तर और सलीम खान ने अपूर्वा लाखिया के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दर्ज किया था। उसमें आखिरकार अपूर्वा लाखिया द्वारा एक रकम देने के बाद मामला सुलझा था। इस बार मामला कंटेंट के बजाय गीतकारों व संगीतकारों की रॉयल्टी का है। टी-सीरीज पर आरोप है कि वह रॉयल्टी मामले में अपनी मनमर्जी कर रही है। वह संगीतकार व गीतकारों पर 21 जून 2012 से पहले के प्रावधानों के तहत बैकडेट में करार पर हस्ताक्षर करने को दबाव डाल रही है। जावेद अख्तर का कहना है कि हम चाहते हैं कि टी-सीरीज रॉयल्टी मामले में मौजूदा कानून का पालन करे, अन्यथा हमें कानूनी तरीका अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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