Women's Day पर जानिये फ़िल्मों से ऐसे 5 dialogues, जो है हर औरत के दिल की बात

"कभी किसी को इतना भी मत मारो कि डर ही खत्म हो जाए।" 'मैरी कॉम' फ़िल्म का यह सुपरहिट डायलॉग कहीं न कहीं तमाम मर्दों को...

By Hirendra JEdited By: Publish:Wed, 08 Mar 2017 09:08 AM (IST) Updated:Wed, 08 Mar 2017 09:28 AM (IST)
Women's Day पर जानिये फ़िल्मों से ऐसे 5 dialogues, जो है हर औरत के दिल की बात
Women's Day पर जानिये फ़िल्मों से ऐसे 5 dialogues, जो है हर औरत के दिल की बात

मुंबई। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। आठ मार्च की तारीख़ दुनिया भर में महिलाओं को समर्पित है। मेल डोमिनेटेड सामाजिक ढांचे में इस दिन हर कोई जैसे यह संकल्प दोहराता है कि आधी आबादी की भी यह दुनिया उतनी ही है जितना पुरुषों की। आज लड़कियों के लिए समाज में ढेरों चुनौतियां हैं। उन्हें खुद को स्ट्रांग बनाये रखना महत्वपूर्ण है। हाल में दंगल और पिंक जैसी फ़िल्मों में नज़रिये से बात कहने की कोशिश की गयी है। फ़िल्में भी कई बार इंस्पायर करती हैं।

आइये इस कड़ी में हम बॉलीवुड से 5 ऐसे संवाद शेयर कर रहे हैं, जो कहीं न कहीं हर लड़की के मन की बात है, दिल की बात है।

इसे भी पढ़ें: Women's Day पर विद्या बालन का ऐलान, My Body......My Rules

पहला संवाद- " मर्द खाना बनाये तो कला है, औरत बनाये तो उसका फ़र्ज़ है।" श्री देवी की फ़िल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' का यह सिर्फ़ एक वाक्य भर नहीं है। बल्कि, मेल डोमिनेटेड सोच पर एक गहरी चोट है।

इसी कड़ी में 'पिंक' फ़िल्म का यह डायलॉग कौन भूल सकता है, में जैसे एक नयी बहस शुरू कर दी थी। - " आज तक हम सब लोग एक गलत डायरेक्शन में effort करते ,रहे हैं, हमें लड़कियों को नहीं बल्कि अपने लड़को को रोकना होगा। अगर हम लड़कों को रोकने लगेंगे आप सुरक्षित हो जाएंगी।" (We should save our boys not our girls, because if we save our boys our girls will be safe.)"

"कभी किसी को इतना भी मत मारो कि डर ही खत्म हो जाए।" 'मैरी कॉम' फ़िल्म का यह सुपरहिट डायलॉग कहीं न कहीं तमाम मर्दों को एक मैसेज देता है जो औरतों पर हाथ उठाते हैं।

करण जौहर समेत इन 5 सेलिब्रिटी ने भी सरोगेसी से पाया है संतान, देखें तस्वीरें

'लज्जा' फ़िल्म का एक संवाद एक कदम आगे जाकर एक औरत को कोई चीज़ समझने वाली पर सोच पर एक तीखी प्रतिक्रिया है। आप भी पढ़िए- " रोटी कमाने के लिए औरत घर से निकली नहीं कि तनख्वाह देने वाला हर आदमी उसे अपने बाप का माल समझता है।

'चांदनी बार' फ़िल्म का यह संवाद तो आपको हिला सकता है। समाज में एक अकेली औरत के साथ कैसा व्यवहार होता है इस तल्ख़ हक़ीक़त को आप इस संवाद में समझ सकते हैं। फ़िल्म में तब्बू ने जिस लहजे में कहा कि- "आदमी के मरने के बाद बीवी बेवा होती है, रखैल नहीं" यह अपने आप में एक बड़ा स्टेटमेंट है। यह समाज की मानसिकता पर प्रहार है।

वुमन डे पर जानिये 5 ऐसी ताज़ा फ़िल्में जिसमें दिखेगा महिलाओं का दम

तो, यह थे बॉलीवुड से 5 ऐसे संवाद जो कहीं न कहीं अगर हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाए और लोग इनका मतलब समझ कर अपना सकें तो कई समस्याओं का हल अपने आप ही हो जाएगा। जागरण डॉट कॉम के सभी पाठकों को "अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस" पर बधाई और शुभकामनाएं।

chat bot
आपका साथी