राजस्थान में कांग्रेस में कयास, सीएम पद को लेकर तेज होगी जंग

मध्यप्रदेश फॉर्मूला लागू करने की कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश राजस्थान में कामयाब नहीं हो सकी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 01:29 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 01:29 PM (IST)
राजस्थान में कांग्रेस में कयास, सीएम पद को लेकर तेज होगी जंग
राजस्थान में कांग्रेस में कयास, सीएम पद को लेकर तेज होगी जंग

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। मध्यप्रदेश फॉर्मूला लागू करने की कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश राजस्थान में कामयाब नहीं हो सकी। आखिरकार यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दखल के बाद अशोक गहलोत,सचिन पायलट,डॉ.सी.पी.जोशी और डॉ.गिरिजा व्यास विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन इस फैसले से राज्य में सीएम पद को लेकर जंग और तेज हो सकती है।

इस जंग में अब गहलोत और पायलट के साथ जोशी भी शामिल हो गए। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो ये तीनों ही नेता सीएम बनने की दौड़ में रहेंगे, यानी जो भी घमासान होना है वो परिणाम आने के बाद ही होगा। इस कारण पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगा है कि दिग्गजों को चुनाव लड़ाने से कांग्रेस के लिए राज्य में गुत्थी सुलझी है या फिर और अधिक उलझी है?

पायलट की सीट पर कौन रहेगा और को पायलट कौन होगा?

सीएम पद को लेकर मुख्य खींचतान गहलोत और पायलट के बीच चल रही थी। कांग्रेस नेतृत्व चाहता था कि दोनों नेता चुनाव लड़ने के बजाय प्रचार करें और फिर परिणाम के बाद जिसे सीएम बनाने का फैसला हो उसके लिए एक विधायक की सीट खाली करा ली जाए।

पार्टी नेतृत्व का मानना था कि दोनों के चुनाव लड़ने से खींचतान अधिक बढ़ेगी,लेकिन गहलोत शुरू से ही चुनाव लड़ने को लेकर अपना मानस आलाकमान के समक्ष बता चुके थे। राज्य में टिकट तय करने की प्रक्रिया से जुड़े कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि तीन दिन पहले तय हो चुका था कि गहलोत चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस निर्णय से उनके विरोधी खेमे में खुशी नजर आ रही थी। लेकिन गुरूवार को गहलोत ने सोनियां गांधी से मुलाकात कर खुद सहित अन्य दिग्गजों को चुनाव लड़ाने को लेकर जिस तरह की दलीलें पेश की उसके बाद यूपीए चेयरपर्सन ने सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय करवाया।

गहलोत ने गिरिजा व्यास और रामेश्वर डूडी को भी अपने पक्ष में किया और आलाकमान तक उनका संदेश पहुंचाया। राहुल गांधी ने ये कोशिश की है कि दोनों को एक साथ रखा और दिखाया जाए। राहुल के प्रत्येक दौरे में ये दोनों नेता एक साथ दिखते है। कभी बाइक पर तो कभी कार में एक साथ नजर आते हैं,लेकिन सबको पता है कि यह मात्र दिखावा है,दोनों के बीच दूरियां पहले से अधिक बढ़ी है।

राहुल का हाथ अब तक पायलट के साथ

राहुल गांधी खुद और उनके निकटस्थ नेता कई बार सचिन पायलट को सार्वजनिक रूप से खुद के निकट बता चुके है। सभी दिग्गजों के चुनाव लड़ने के निर्णय के बाद भी राहुल के निकटस्थों का मानना है कि आखिरकार सीएम पायलट को बनाया जाएगा,यही संदेश ये नेता कांग्रेसजनों के बीच देने में जुटे है।

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