दलित वोट बैंक के सहारे सत्ता हासिल करने के जुगाड़ में जुटी भाजपा

भाजपा दलित वोट बैंक के सहारे सत्ता तक पहुंचने के जुगाड़ में जुट गई है। इसके लिए पार्टी ने दलित प्रभाव वाले क्षेत्रों के लिए 2079 विस्तारक नियुक्त किए है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 12:29 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 12:30 PM (IST)
दलित वोट बैंक के सहारे सत्ता हासिल करने के जुगाड़ में जुटी भाजपा
दलित वोट बैंक के सहारे सत्ता हासिल करने के जुगाड़ में जुटी भाजपा

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत तय करने को लेकर भाजपा ने अपनी चुनावी कसरत तेज कर दी है। वसुंधरा राजे सरकार से राजपूत समाज की नाराजगी और एससी, एसटी एक्ट के चलते सवर्ण जातियों में रोष को देखते हुए भाजपा ने दलित वोट बैंक पर ध्यान केन्द्रित किया है।

भाजपा दलित वोट बैंक के सहारे सत्ता तक पहुंचने के जुगाड़ में जुट गई है। इसके लिए पार्टी ने दलित प्रभाव वाले क्षेत्रों के लिए 2079 विस्तारक नियुक्त किए हैं। ये विस्तारक अगले दो दिन में अनुसूचित जाति बाहुल्य 4000 ग्राम पंचायतों में पहुंचकर वोट बैंक को गोलबंद करने का काम करेंगे।

एससी वर्ग के लिए आरक्षित 34 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक दर्जन दलित नेताओं को अलग से जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये विस्तारक और एक दर्जन नेता चुनाव सम्पन्न होने तक अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में ही रहेंगे। दलित वोट बैंक को लुभाने में जुटी भाजपा ने अपने ट्विटर अकाउंट से दलित,शोषित और वंचितों तक बीजेपी ने पहुंचाई शिक्षा का नारा बुलंद कर रही है ।

राजस्थान में 18 फीसदी दलित वोट बैंक
राजस्थान के कुल मतदाताओं में 18 फीसदी मतदाता दलित समाज के है। वर्तमान में एससी के लिए आरक्षित 34 विधानसभा सीटों में से 32 विधानसभा सीटें भाजपा के कब्जे में है। भाजपा इन सीटों पर एक बार फिर चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए विस्तारकों एवं नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनाव घोषणा-पत्र में भी भाजपा कुछ ऐसे वादे करने पर विचार कर रही है,जिनसे पार्टी को सीधा लाभ मिल सके।

इन दलित नेताओं को सौंपी
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल,सांसद निहाल चंद मेघवाल और सांसद मनोज राजोरिया सहित आधा दर्जन सांसदों एवं पूर्व मंत्रियों को दलित वोट बैंक को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है । ये नेता राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर दलित मतदाताओं से सम्पर्क साधेंगे ।  

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