अशोक गहलोत की मुश्किल, कैसे करेंगे राहुल गांधी का वादा पूरा
सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों की कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा अशोक गहलोत सरकार के लिए मुश्किल बन सकती है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों की कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा अशोक गहलोत सरकार के लिए मुश्किल बन सकती है। गहलोत मुख्यमंत्री पद की शपथ तो 17 दिसंबर को लेंगे, लेकिन 59 लाख 84 हजार किसानों की कर्ज माफी के लिए 99 हजार 900 करोड़ रूपए से अधिक के वित्तीय प्रबंध को लेकर वे अभी से सक्रिय हो गए।
शनिवार को गहलोत ने वित्त विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ इस मामले में चर्चा की। किसानों की कर्ज माफी के बाद पहले से ही 3 लाख 82 हजार करोड़ रूपए के कर्ज से जुझ रही राजस्थान सरकार पर करीब 5 लाख करोड़ रूपए का कर्जा हो जाएगा। गहलोत का कहना है कि केबिनेट की पहली बैठक में ही कर्ज माफी का फैसला कर लिया जाएगा।
वित्तीय प्रबंधन में जुटे अधिकारी
मुख्यमंत्री पद का निर्णय होते ही सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने करीब 60 लाख कर्जदार किसानों की सूची मुख्यालय पर मंगवाने के साथ ही सेंट्रल कोआॅपरेटिव बैंक से बकाया लोन की जानकारी मांगी गई है। कर्ज माफी के लिए वित्तीय प्रबंधन कैसे किया जाए, इसको लेकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के प्रमुख वित्त सचिव गोविंद शर्मा कसरत में जुट गए हैं।
शनिवार को गहलोत ने गोविंद शर्मा सहित अन्य अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से चर्चा की। इसके बाद गोविंद शर्मा ने बैंकों के अधिकारियों के साथ अनौपचारिक चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने गहलोत को बताया कि वसुंधरा राजे सरकार द्वारा प्रत्येक किसान का 50 हजार रूपए तक का कर्ज माफ करने के लिए ही नेशनल कॉपरेटिव डेयरी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन से पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था।
पहली केबिनेट में पास होगा घोषणा-पत्र
अशोक गहलोत ने दैनिक जागरण को बताया कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही चुनाव घोषणा-पत्र को पास कराया जाएगा और फिर मुख्य सचिव को सौंपकर लागू करने की जिम्मेदारी तय की जाएगी। घोषणा-पत्र में किए गए वादों को लागू करने के लिए अलग से एक सेल बनाया जाएगा। मुख्य सचिव घोषणा-पत्र लागू करने को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से नियमित रूप से सम्पर्क में रहेंगे।