MP Election 2018: रूठने-मनाने का दौर खत्म, कई हटे तो कई डटे

MP Election 2018 करीब एक दर्जन बागी नेता अपनी-अपनी पार्टी के बड़े नेताओं का आग्रह मानते हुए मैदान से हट गए हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 02:29 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 02:29 PM (IST)
MP Election 2018: रूठने-मनाने का दौर खत्म, कई हटे तो कई डटे
MP Election 2018: रूठने-मनाने का दौर खत्म, कई हटे तो कई डटे

इंदौर/भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस की परेशानी काफी हद तक दूर होती नजर आ रही है। पार्टी से बगावत कर नामांकन दाखिल करने वाले कई नेताओं ने नामांकन वापस ले लिए हैं, हालांकि कुछ जगह बागियों ने नाम वापस नहीं लिया है। राघवजी भाई, जितेंद्र डागा, प्रीति अग्निहोत्री, कमलेश खंडेलवाल, विधायक संगीता चारेल सहित एक दर्जन से ज्यादा बागी नेताओं ने नाम वापस ले लिए हैं। वहीं रामकृष्ण कुसमरिया, समीक्षा गुप्ता ने मैदान छोड़ने से इंकार कर दिया है।

विदिशा की शमशाबाद से दो बागियों ने नामांकन वापस लिए। इनमें पूर्व वित्तमंत्री राघवजी और कांग्रेस नेता सिंधु विक्रम सिंह शामिल हैं। राघवजी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल और नरेंद्र सिंह तोमर के कहने पर उन्होंने चुनावी मैदान से हटने का फैसला किया। राघवजी भाई ने सपाक्स की ओर से नामांकन भरा था।

इसी तरह बागियों के कारण इंदौर सबसे ज्यादा चर्चाओं में आ गया था। इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 में कांग्रेस की बागी प्रत्याशी प्रीति अग्निहोत्री और कमलेश खंडेलवाल ने भी अपने नामांकन वापस ले लिए हैं। इससे कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया बागी हुई प्रीति और उनके पति गोलू अग्निहोत्री से मिलने पहुंचे थे, लेकिन तब तक प्रीति ने अंतिम फैसला नहीं लिया। बुधवार को प्रीति और कमलेश दोनों ने नामांकन वापस ले लिए। इसी तरह इंदौर विधान सभा क्षेत्र 3 में ललित पोरवाल, जगदीश धनेरिया और किशोर मीणा ने भी फार्म वापस ले लिया। भाजपा से जुड़े इन तीनों नेताओं ने एक ही  क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया था। धनेरिया और मीणा ने सोमवार को ही नाम वापस लेने का कह दिया था, लेकिन ललित पोरवाल ने अंतिम समय नाम वापस लिया। पोरवाल को कैलाश विजयवर्गीय की पत्नी आशा विजयवर्गीय कलेक्टरेट पहुंची। गौरतलब है कि क्षेत्र 3 से कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। तब से कोशिश की जा रही थी कि सभी बागी उम्मीदवार नामांकन वापस ले। 

इधर भोपाल के हुजूर विधानसभा से पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने भी नाम वापस ले लिया है। दोपहर में उन्हें सीएम हाउस में चर्चा के लिए बुलाया गया। सीएम शिवराज सिंह के अलावा पार्टी के बड़े नेताओं ने उनसे चर्चा की। डागा ने भी अंतिम समय में नामांकन वापस ले लिया। 

ग्वालियर में भाजपा के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। ग्वालियर दक्षिण से पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था। पार्टी के बड़े नेता उन्हें मनाने के लिए अंतिम समय तक कोशिश करते रहे लेकिन उन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया। इधर भितरवार से ब्रजेन्द्र तिवारी के परिवार के जितिन तिवारी सहित 3 ने नामांकन वापस लिए हैं। यहीं से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हरपाल मांझी ने नामांकन वापस लिया है।

जबलपुर उत्तर विधानसभा से सपाक्स के उम्मीदवार आशीष जैन ने नामांकन वापस लिया।

इधर उज्जैन जिले की 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के बागियों ने नाम वापस नहीं लिए है। उज्जैन उत्तर से माया त्रिवेदी, दक्षिण से जयसिंह दरबार और महिदपुर से दिनेश जैन निर्दलीय चुनाव लडेंगे।

दमोह में भाजपा के लिए परेशानी का कारण बने पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया उर्फ बाबा को मनाने में पार्टी नेताओं को कामयाबी नहीं मिली। कुसमरिया दमोह और पथरिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उनसे मिलने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को उन्होंने बैरंग लौटा दिया।

इधर रतलाम से सैलाना विधायक संगीता चारेल भाजपा से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है। रतलाम शहर विधायक चेतन कश्यप के मनाने पर चारेल ने नामांकन वापस लिया।

बड़वानी जिले की पानसेमल विधानसभा कांग्रेस के बागी उम्मीदवार एवं जनपद पंचायत निवाली के अध्यक्ष विकास डावर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। डावर पर नाम वापस लेने का काफी दबाव था। प्रदेश कांग्रेस  अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अन्य नेताओं से आश्वासन मिलने के बाद डावर ने नामांकन वापस लिया।

इधर आगर-मालवा की सुसनेर सीट से भाजपा के बागी पूर्व विधायक गोसंवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष संतोष जोशी ने भी नामांकन वापस ले लिया है। वे निर्दलीय के रुप में मैदान में थे। इससे भाजपा ने राहत की सांस ली है।

देवास के हाटपीपल्या विधानसभा से कांग्रेस से बागी हुए राजवीर सिंह बघेल ने भी नामांकन वापस ले लिया है।इसी विधानसभा से बागी भाजपा के तेजसिंह बघेल ने भी नामांकन वापस ले लिया है। 

इसी तरह राजगढ़ में पूर्व जनपद अध्यक्ष रमाकांत तिवारी भी चुनावी मैदान से हट गए हैं। हालांकि उनकी नाराजगी कम नहीं हुई है। नाम वापसी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के जिला व प्रदेश स्तरीय नेताओं ने दबाव बनाया था। वे जल्द ही अपने 5 हजार समर्थकों के साथ भाजपा से इस्तीफा देंगे।

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