MP Election 2018: भाषण से गायब दिखे मुद्दे, नेताओं के जुबान पर चढ़े ऐसे जुमले

MP Election 2018: इस बार के विधानसभा चुनाव में मुद्दों ने ध्यान न खींचा हो, लेकिन जुमलों जरुर लोगों के जुबान पर चढ़ गए।

By Saurabh MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Nov 2018 10:36 AM (IST) Updated:Tue, 27 Nov 2018 10:36 AM (IST)
MP Election 2018: भाषण से गायब दिखे मुद्दे, नेताओं के जुबान पर चढ़े ऐसे जुमले
MP Election 2018: भाषण से गायब दिखे मुद्दे, नेताओं के जुबान पर चढ़े ऐसे जुमले

भोपाल। वक्त है बदलाव का.....माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज। इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास रहा। दोनों ही पार्टियों के बड़े चेहरों ने देश के दिल को जीतने की पूरी कोशिश की। भाजपा के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह ने मोर्चा संभाला तो वहीं कांग्रेस के प्रचार की कमान राहुल गांधी, पीसीसी चीफ कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में रही। 

इस दौरान लोगों को कई जुमले सुनने को मिले। कहीं नामदार-कामदार का जिक्र आया, तो कहीं चालीस दिन, चालीस सवाल के जरिए विरोधी को घेरने की कोशिश की गई। अब भले ही पार्टियों को इसमें कामयाबी मिली हो य न हो, लेकिन जनता के लिए चुनाव बड़ा दिलचस्प रहा। 

शुरुआत प्रदेश के सपनों को लूटने की बात से हुई। कांग्रेस ने इसे अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया। जुमला भी कुछ इसी तरह गढ़ा गया।

वो लूट रहे है सपनों को,

मैं चैन से कैसे बैठ जाऊं,

वो बेच रहे हैं मध्यप्रदेश,

खामोश मैं कैसे हो जाऊं ..

— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) 1 August 2017
अब बात प्रदेश के सपनों को लूटने की आए तो भाजपा भला कहां चुप बैठती। निशाने पर राजा- महाराजा आ गए। शिवराज सिंह की सरल छवि को आगे करते हुए भाजपा ने भी नया जुमला गढ़ा। माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज !

ना दरबारी, ना राजा और ना ही महाराज इस बार फिरसे शिवराज : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi #ModiSangMP pic.twitter.com/7aTqoFi3E1— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) 26 November 2018

जैसे-जैसे चुनाव प्रचार बढ़ता चला गया, वैसे-वैसे नए जुमले सामने आते गए। कांग्रेस ने सीएम शिवराज की 'मामा' वाली छवि पर कटाक्ष किया तो दूसरी तरफ से भी पलटवार हुआ। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर की सियासी रणभूमि से इसका जवाब दिया। उन्होंने एंडरसन और क्वात्रोची के बहाने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि शिवराज मामा को गाली देते हो, इन दोनों मामाओं को क्यों नहीं याद करते। 
अच्छा होता कि आप शिवराज को गाली देने के बजाय अपने मामा क्वात्रोची को गाली देते, जिनके लिए आपने घर के दरवाजे खोलकर रखे थे। बोफोर्स कांड में शामिल क्वात्रोची आपको क्यों याद नहीं आए? आपके दूसरे मामा एंडरसन (भोपाल गैस कांड का आरोपी) को भी आपको याद नहीं आए, जिन्हें अमेरिका भगाने का काम राजा के पिता की सरकार ने किया था। 

अच्छा होता @ChouhanShivraj जी को गाली देने से पहले @INCIndia के नामदार ने अपने क्वात्रोची मामा को याद कर लिया होता जिसको आपके पापा ने बोफोर्स घोटाले में हिन्दुस्तान की सुरक्षा के लिए आवंटित धन को चुराने का परमिट दिया था : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी#BJPWinningMP pic.twitter.com/Qns4GJzjMf— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) 24 November 2018

इस चुनाव में भ्रष्टाचार की भी बात खूब हुई। एक तरफ जहां चार साल का हिसाब मांगा गया तो वहीं चार पीढ़ी से भी सवाल पूछा गया। इसके लिए नया जुमला गढ़ा गया। नामदारों की चार पीढ़ी, चायवाले के चार साल। इसे आधार बनाकर ही चुनावी रैलियों में हिसाब मांगा गया। 

नामदारों की चार पीढ़ी, चायवाले के चार साल – आओ तुलना करें, किसने कितना किया।

लेकिन कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं, कुसंस्कार भरे हैं और अहंकार सातवें आसमान पर है।

इसलिए, कांग्रेस अब मेरी मां को गाली देने पर आ गई। pic.twitter.com/rzWWA6Effw — Narendra Modi (@narendramodi) 24 November 2018

इसके अलावा भी चुनाव प्रचार के दौरान कई दिलचस्प जुमले सुनने को मिले। जो जनता की जुबान पर भी चढ़े नजर आए। 

जिस @RahulGandhi को ये नहीं पता कि आलू फैक्ट्री में बनता है या जमीन के अन्दर होता है वो किसानों का क्या भला करेंगे। दिग्गी राजा के समय किसानों को 18% की दर पर ऋण दिया जाता था और आज @ChouhanShivraj जी के समय किसानों को बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है : श्री @AmitShah

#BJPWinningMP pic.twitter.com/K1ZwEfX8gf — Rakesh Singh (@MPRakeshSingh) 24 November 2018


न किसान पुत्र,न बेटियों का मामा,न आदिवासियों का भाई

न रोजगार,न शिक्षा,न स्वास्थ्य,न फसलों की कमाई

केवल रिश्वतखोरों और घोटालेबाजों से दोस्ती निभाई

संसाधनों की लूट,अपराधियों को खुली छूट

खोखली प्रसिद्धी की चली चाल,खूब कमाया माल

MP को हर स्तर पर कर दिया बदहाल!

भोपाल प्रेस वार्ता- pic.twitter.com/jMaNlKshSE— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) 26 November 2018

जो पिछले 15 वर्ष से खेती को घाटे का धंधा बनाते चले गये..

किसानो को कर्ज के दलदल में धकेलते चले गये..

हक माँगने पर सीने में गोलियाँ व लाठियाँ दागते रहे..

कर्ज माफ़ी की माँग पर उनका मज़ाक उड़ाते रहे..

वो चुनाव के दो दिन पूर्व फिर किसान भाइयों को अगले 5 साल के झूठे सपने दिखा रहे है.— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) 26 November 2018

chat bot
आपका साथी