Madhya Pradesh Chunav 2018 : रायशुमारी के हिसाब से नहीं बंटे भाजपा के टिकट
Madhya Pradesh Chunav 2018 2018 के चुनाव में बागियों की संख्या ज्यादा नहीं है पर माहौल ऐसा बना कि सभी तरफ बागी खड़े हो गए हों।
भोपाल। चुनाव सिर पर आने के बाद टिकट के दावेदारों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रमुख कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए प्रदेशभर में रायशुमारी कराई।
विधानसभावार इसमें प्रदेश के दो नेताओं की ड्यूटी लगाई गई। कार्यकर्ताओं से तीन लिफाफे में अपनी विधानसभा के तीन दावेदारों के नाम वरीयता क्रम में लिखवाए गए।बागियों का कहना है कि प्रदेश की सारी विधानसभा सीटों से दावेदारों का फीडबैक मंगाया तो गया, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। भाजपा सूत्रों के मुताबिक 2018 के चुनाव में बागियों की संख्या ज्यादा नहीं है पर माहौल ऐसा बना कि सभी तरफ बागी खड़े हो गए हों।
पार्टी नेताओं का मानना है कि बड़े नेताओं के बागी होने के कारण ऐसा परिदृश्य दिख रहा है। बागियों का कहना है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं की राय को तवज्जो नहीं दी। रायशुमारी कराई तो लेकिन उस पर अमल कहीं भी नहीं किया गया। उनका मानना है कि सर्वे में भी जो स्थितियां सामने आई थीं,उसके मुताबिक टिकट नहीं काटे गए।
परफॉरमेंस की बात तो हुई, लेकिन फिर नकारे लोगों को चुनाव लड़ाया गया। टिकट से वंचित रहे महाकोशल के एक नेता का कहना है कि 2013 और 2018 के प्रत्याशियों की सूची में काई अंतर नहीं है। पार्टी ने उपचुनाव हारा, लेकिन सबक नहीं लिया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि रायशुमारी को पार्टी ने पूरी तवज्जो दी है। बागियों की सिर्फ चर्चा ही चर्चा है। जहां बागी हैं उनमें से कई तो भाजपा की ही मदद कर रहे हैं।