Lok Sabha Election: लू भरी हवाएं और प्रचंड गर्मी बनी चुनाव की चुनौती, मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए करने होंगे खास इंतजाम

सर्दी में मौसम में होने वाले चुनाव में मतदान का प्रतिशत 80 प्रतिशत से ऊपर रहता है। जबकि भीषण गर्मी में चुनाव का मतदान प्रतिशत 5 से 10 प्रतिशत प्रभावित हो जाता है। इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए सारे कदम अभी से ही उठाने होंगे। मतदान केंद्र पर टेंट और पानी के साथ राहत के लिए और भी इंतजाम उठाना होंगे।

By PremVijay Patil Edited By: Jeet Kumar Publish:Sat, 27 Apr 2024 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2024 06:00 AM (IST)
Lok Sabha Election: लू भरी हवाएं और प्रचंड गर्मी बनी चुनाव की चुनौती, मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए करने होंगे खास इंतजाम
लू भरी हवाओं और प्रचंड गर्मी बनी चुनाव की चुनौती

प्रेमविजय, धार। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल धार, झाबुआ व आलीराजापुर जिले में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। तापमापी का पारा लगभग 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग ने हीट वेव यानी गर्म लू भरी हवाओं के चलने की चेतावनी दी है। ऐसे में लोगों की सेहत से लेकर अन्य कई मामलों में गंभीर स्थिति बन सकती है।

सबसे अहम बात यह है कि ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव करवाना है। जबकि 13 मई को भी भीषण गर्मी का दौर रहेगा। ऐसे में मतदाताओं को गर्मी से बचने के लिए विविध स्तर पर प्रयास करना होंगे। तभी जाकर मतदान का प्रतिशत बढ़ सकेगा।

मतदान केंद्र पर टेंट और पानी के करने होंगे इंतजाम

सर्दी में मौसम में होने वाले चुनाव में मतदान का प्रतिशत 80 प्रतिशत से ऊपर रहता है। जबकि भीषण गर्मी में चुनाव का मतदान प्रतिशत 5 से 10 प्रतिशत प्रभावित हो जाता है। इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए सारे कदम अभी से ही उठाने होंगे। मतदान केंद्र पर टेंट और पानी के साथ राहत के लिए और भी इंतजाम उठाना होंगे।

तापमान की स्थिति चिंताजनक होने लगी है

लोकसभा के चुनाव पिछले लंबे समय से गर्मी के मौसम में ही हो रहे हैं। भीषण गर्मी में ही चुनाव प्रक्रिया चलती है। इसमें अप्रैल, मई और जून तीनों भीषण गर्मी के मौसम रहते हैं। इस दौरान यह प्रक्रिया की जाती है। ऐसे में चुनाव में कई बार लोगों की सहभागिता को लेकर उत्साह की कमी देखी जाती है। उसकी एक बड़ी वजह यह है की मौसम बहुत ही तेजी से बदलते जा रहा है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के चलते अब तेजी से तापमान बढ़ने लगा है। मालवा में भी तापमान की स्थिति चिंताजनक होने लगी है। अप्रैल में 17 तारीख को 42 डिग्री तापमान धार सहन कर चुका है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह की चिंताजनक स्थिति आगामी दिनों में हो सकती है।

मौसम बहुत सामान्य स्थिति में नहीं रहेगा

इस तरह से अधिकतम तापमान की यह स्थिति है। जबकि न्यूनतम तापमान भी 24 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच में बना रहेगा। इस तरह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में ही बहुत ही चिंता जनक स्थिति बनी हुई है। वहीं आद्रता की स्थिति देखें तो यह 28 प्रतिशत से लेकर 21 प्रतिशत तक बनी रहेगी। हवाओं की रफ्तार की स्थिति देखें तो 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर आगामी एक सप्ताह तक 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये हवा चल सकती है। ऐसे में किसी भी तरह से लू भरी हवा की ही स्थिति बनेगी। मौसम बहुत सामान्य स्थिति में नहीं रहेगा।

2011 का कीर्तिमान तोड़ सकत है गर्मी

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में इस बात की संभावना जाहिर की है कि 30 अप्रैल को फिर से तापमान 42 डिसे हो सकता है। यानी गर्मी और गर्मी के अलावा मौसम में कोई राहत नहीं रहेगी। गर्मी वर्ष 2011 का कीर्तिमान तोड़ सकती है।

दरअसल जिले के मौसम के इतिहास के बारे में देखें तो अब तक की सबसे भीषण गर्मी 42.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा है। यह तापमान 29 अप्रैल 2011 को रहा था। इसमें 42.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान बना रहा था। जबकि इस साल 2024 में तापमान अप्रैल और मई में इससे भी ऊंचाई पर जा सकता है। इसकी वजह मौसम में आया परिवर्तन है। मौसम और जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ ने बताया कि इस तरह की भीषण गर्मी आगामी दिनों में जारी रहेगी।

छाछ व निंबू पानी पिला चुके है

धार जिले में गत 2019 में चुनाव में लोगों को ठंडे पानी के पिलाने को कार्य विविध सरकार एजेंसी व निजी संस्थाओं ने किया था। इसके तहत लोगों को लू से बचाने के लिए कई मतदान केंद्र पर छाछ, निंबू पानी से लेकर शीतल पेय पदार्थों को इतंजात समाज सेवा के तौर किया था। इससे मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में सफलता मिली थी। इस बार भी इसी तरह के प्रयास करना होंगे।

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