राजस्थान की दौसा सीट पर तीन महिला नेता आमने-सामने

राजस्थान में दौसा एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है जहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 03:45 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 03:45 PM (IST)
राजस्थान की दौसा सीट पर तीन महिला नेता आमने-सामने
राजस्थान की दौसा सीट पर तीन महिला नेता आमने-सामने

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में दौसा एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है जहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। पूर्व विधायक अंजु धानका भी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस तरह दौसा सीट से तीन महिला नेता अपनी किस्मत अजमा रही है।

भाजपा में दौसा सीट पर टिकट को लेकर लंबी खींचतान चली,मामला पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंचा और आखिरकार जसकौर मीणा को टिकट दिया गया। जसकौर मीणा पूर्व में सवाई माधोपुर से सांसद रहते हुए स्व.अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रही है । पूर्व सीएम वसुंधरा राजे यहां से निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला की पत्नी को टिकट देने के पक्ष में थी,वहीं दिग्गज मीणा नेता और राज्यसभा सदस्य डॉ.किरोड़ी लाल मीणा अपनी पत्नी गोलमा देवी को टिकट दिलवाने के पक्ष में थे । आखिरकार बीच का रास्ता निकालते हुए आलाकमान ने जसकौर मीणा को मैदान में उतारा है । कांग्रेस की सविता मीणा चुनाव लड़ रही है ।

किरोड़ी लाल मीणा नहीं कर रहे जसकौर का सहयोग

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार स्थानीय मीणा क्षत्रपों की आपसी खींचतान के चलते यह सीट भाजपा के लिए सिरदर्द बन गई है। विधानसभा चुनाव में भी इस क्षेत्र की सीटों को लेकर काफी खींचतान हुई थी। यहां किरोड़ी लाल मीणा एक ध्रुव बने हुए है तो हुडला दूसरा ध्रुव बनकर उनके विरोधियों को अपने साथ जोड़ रहे है। हुडला को वसुंधरा राजे का निकट माना जाता है।

करीब तीन माह पूर्व संपन्न विधानसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा के विरोध के चलते वसुंधरा राजे चाहते हुए भी हुडला को टिकट नहीं दिला सकी थी। हालांकि हुडला ने महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी गए। अब बड़ा सवाल यह है कि भाजपा के स्थानीय क्षत्रपों की खींचतान का फायदा कांग्रेस को मिलेगा या फिर पार्टी के रणनीतिकार दोनों गुटों को मैनेज करने में कामयाब रहेंगे।

राज्य के उधोग मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि बीजेपी नेताओं में जबरदस्त खींचतान मची है और निश्चित रूप से इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। वहीं दौसा में भाजपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम बालाहेड़ी के अनुसार ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।बालाहेड़ी ने कहा कि भाजपा की प्रत्याशी ही चुनाव जीतेगी,सबकुछ मैनेज हो जाएगा ।वैसे किरोड़ी लाल मीणा और उनके समर्थक फिलहाल जसकौर मीणा का सहयोग नहीं कर रहे है । दौसा संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा सीट आती है ।इनमें से चार में कांग्रेस और तीन में निर्दलीय विधायक है । निर्दलीय विधायकों में एक भाजपा के बागी हुडला है ।

2014 में भाजपा के हरीश चंद्र मीणा ने किरोडी मीणा को 45404 मतों से हराया था। मीणा तब एनपीपी के टिकट प चुनाव लड़े थे। हरीश चंद्र मीणा ने विधानसभा चुनाव के समय भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। निर्दलीय चुनाव लड़ रही अंजु धानका बस्सी विधानसभा सीट से दो बार निर्दलीय विधायक रही है। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही सविता मीणा पहली बार चुनावी राजनीति में उतरी है। वहीं भाजपा की जसकौर मीणा राजनीति की पुरानी खिलाड़ी है।

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