Election 2019: सिर्फ महिला कर्मचारियों का बूथ और दिव्यांगों के लिए वाहन जैसे सुविधाएं होंगी

इस लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ सिर्फ महिला कर्मचरियों का होगा। मुख्य द्वार से लेकर पोलिंग बूथ के अंदर तक सभी महिला अधिकारी और कर्मचारी होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 04:04 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 04:04 PM (IST)
Election 2019: सिर्फ महिला कर्मचारियों का बूथ और दिव्यांगों के लिए वाहन जैसे सुविधाएं होंगी
Election 2019: सिर्फ महिला कर्मचारियों का बूथ और दिव्यांगों के लिए वाहन जैसे सुविधाएं होंगी

जयपुर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढाने और निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए राजस्थान में इस बार निर्वाचन विभाग ने कई नवाचार किए है। इनमें सिर्फ महिला कर्मचारियों का मतदान केंद्र, दिव्यांगों के लिए वाहन सुविधा और ज्यादा से ज्यादा सेवाओं को ऑनलाइन करने जैसे काम किए गए है।

इस लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ सिर्फ महिला कर्मचरियों का होगा। मुख्य द्वार से लेकर पोलिंग बूथ के अंदर तक सभी महिला अधिकारी और कर्मचारी होंगे। इसमें महिला स्वयंसेवकों का सहयोग भी लिया जाएगा। जिला कलेक्टर को यह भी निर्देश दिए गए मतदान केंद्र पर सुरक्षाकर्मी लगते हैं, वहां पर भी अधिक से अधिक संख्या में महिला पुलिसकर्मी तैनात की जाए। विधानसभा चुनाव में ऐसा किया जा चुका है, लेकिन लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार होगा। इसके साथ ही चुनाव कार्य से जुड़ी वस्तु और सेवा की खरीद पर भुगतान ई पेमेंट गेटवे के जरिये करने की व्यवस्थ्ज्ञा की गई है। पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मियों को भत्ता आदि की राशि भी सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी।

इस बार दिव्यांगों,विशेष योग्यजनों के लिए न सिर्फ मतदान केन्द्रों पर रैम्प होंगे, बल्कि उन्हें लाने-ले जाने के लिए परिवहन सुविधा भी दी गई है। साथ ही दिव्यांगों के लिए एनसीसी या एनएसएस के 1-1 बालक बालिका वोलंटियर्स रहेंगे जो उन्हें मतदान करने में सहायता देंगे। विधानसभा चुनाव में यह हो चुका है,लेकिन लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हो रहा है। हालांकि इस लोकसभा चुनाव में यह सुनिश्चित किया जा रहा है वॉलंटियर्स की उम्र 18 वर्ष से कम हो यानि वह मतदाता नहीं हो।

निर्वाचन विभाग से विभिन्न तरह की अनुमतियां जैसे सभा,रैली,वाहन,अस्थायी इलेक्शन ऑफिस आदि की मंजूरी के लिए एकल खिड़की प्रणाली विकसित की गई है। हैलीकॉप्टर और उसके हैलीपेड में उतरने की मंजूरी के लिए 36 घंटे पहले आवेदन करना जरूरी किया गया है।

इसके साथ्ज्ञ ही राजस्थान में एक इलेक्शन डैशबोर्ड भी बनाया गया है। जिसमे चुनाव से पहले, बाद की रिपोर्ट औश्र परिणाम आदि देखे जा सकेंगे। मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सुविधा के लिए पोस्टर्स के जरिये यह बताया जाएगा कि कैसे वोट करें,ईवीएम क्या है कैसे अपना कास्ट किया वोट देख सकते हैं और किस तरह प्रक्रिया में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। इस लोकसभा चुनाव में पर्चियों को पहचान का एकमात्र आधार नहीं माना है। फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र या वैकल्पिक 11 दस्तावेजों में से एक दिखाने पर ही वोटिंग हो पाएगी।

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