लोकसभा चुनाव 2019 : जुगाड़ की सीढ़ी से लोकसभा पहुंचने की कवायद

लोकसभा चुनाव में महागठबंधन और भाजपा को ही प्रमुख दल माना जा रहा है। कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है तो गठबंधन में बसपा कोटे की सीट होने से यहां भी नाम लगभग तय माना जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 22 Mar 2019 03:33 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2019 : जुगाड़ की सीढ़ी से लोकसभा पहुंचने की कवायद
लोकसभा चुनाव 2019 : जुगाड़ की सीढ़ी से लोकसभा पहुंचने की कवायद

गोरखपुर/संतकबीर नगर, वेदप्रकाश गुप्त। लोकसभा चुनाव को लेकर संतकबीर नगर से कांग्रेस, महागठबंधन और भाजपा को ही प्रमुख दल माना जा रहा है। इसमें कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित करके अपना पत्ता खोल दिया है तो वहीं गठबंधन में बसपा कोटे की सीट होने से यहां भी नाम लगभग तय माना जा रहा है। टिकट के लिए सबसे अधिक कशमकश भाजपा में सामने आ रही है। संभावितों द्वारा संगठन और सरकार के जिम्मेदारों के दर पर दस्तक देकर पाले को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।

जूता कांड के बाद भाजपा में अचानक टिकट को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया। यहां पूर्व और निवर्तमान सांसद के साथ ही अंदरखाने संगठन के जिम्मेदार पदों पर तैनात कुछ नेताओें द्वारा भी जोर लगाया जा रहा है। इसके साथ ही दूसरे दल में रहे एक जनप्रतिनिधि द्वारा भी कमल पाने के लिए पुरजोर प्रयास जारी है हालांकि अभी उन्हें दल के अंदर का टिकट नहीं मिल सका है।  भाजपा में टिकटिया बुखार का आलम यह है कि दावेदारों का नाम भले ही जनता के सामने आ रहा है पर मौके पर कोई दिख नहीं रहा है। सभी दिल्ली और लखनऊ में डेरा डालकर अपनों से जुगाड़ लगा रहे हैं। संतकबीर की धरती पर जातीय समीकरणों के आधार पर भी टिकट के दावेदारों की मजबूती का आकलन किया जा रहा है। यहां तीन प्रमुख खेमों से उम्मीदवारों का नाम सामने आ जाने के बाद ही परिणाम को लेकर गुणागणित आरंभ होगी पर पहले  पायदान पर अभी तक भाजपा के उम्मीदवार का नाम जारी होने के साथ बसपा द्वारा औपचारिक घोषणा तक ही राजनैतिक चर्चाएं सिमटकर रहती दिख रही हैं।

तीन मंडलों में तीन सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र की है लोकसभा

संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र में शामिल खजनी विधासभा सीट गोरखपुर मंडल में, आलापुर अंबेडकरनगर और मेहदावल, खलीलाबाद और धनघटा बस्ती मंडल में हैं। सबसे अहम बात यह भी है कि इन्हीं तीन मंडलों के आठ लोकसभा क्षेत्रों में सिर्फ संतकबीर नगर की सीट ऐसी है जहां तीन विधानसभा क्षेत्र धनघटा, आलापुर और खजनी आरक्षित हैं। इसे लेकर भी यहां वोटों का ध्रुवीकरण कुछ नए तरह से सामने आते रहे हैं।

चुनावी ज्ञान : एक ईवीएम में कितने कैंडिडेट्स और वोट?

एक ईवीएम में ज्यादा से ज्यादा 64 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग की जा सकती है। दरअसल एक बैलटिंग यूनिट में 16 कैंडिडेट्स के लिए वोटिंग की जा सकती है और एक कंट्रोल यूनिट से 4 से ज्यादा बैलटिंग यूनिट को नहीं जोड़ा सकता है। अगर उम्मीदवारों की संख्या 64 से ज्यादा होती है तो फिर चुनाव आयोग को बैलट से चुनाव कराना पड़ सकता है। एक ईवीएम में सिर्फ 3,840 वोट डाला जा सकता है। दरअसल भारत में एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,500 से ज्यादा नहीं होती है। इस हिसाब से एक ईवीएम मशीन एक मतदान केंद्र के लिए पर्याप्त होती है।

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