VVPAT Issue: 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दखिल की पुनर्विचार याचिका

21 विपक्षी नेताओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान 50 फीसदी वोटिंग मशीनों के नतीजों का मिलान VVPAT के साथ कराए जाने को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 02:22 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 02:22 PM (IST)
VVPAT Issue: 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दखिल की पुनर्विचार याचिका
VVPAT Issue: 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दखिल की पुनर्विचार याचिका

नई दिल्ली, एएनआइ। आज एक बार फिर विपक्षी दल ईवीएम के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में 50 फीसदी ईवीएम के नतीजों का मिलान वीवीपैट के साथ कराने को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की।

इससे पहले भी 21 विपक्षी राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान कराया जाए। कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों का मिलान अनुपात बढ़ाए जाने पर चुनाव आयोग से स्पष्ट जवाब भी मांगा था। जिसके बाद आयोग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मौजूदा व्यवस्था ठीक है इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। अगर 50 फीसद पर्चियों के मिलान की मांग मानी गई तो चुनाव परिणाम आने में कम से कम छह दिनों का समय लगेगा।

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कोर्ट में चुनाव आयोग के हलफनामें का जवाब देते हुए विपक्षी दलों ने कहा था कि अगर वीवीपैट पर्चियों की गिनती के कारण चुनाव नतीजों में छह दिनों की देरी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव आयोग के हलफनामे के जवाब में अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करते हुए विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। आयोग ने हलफनामे में दावा किया है कि नतीजों में औसतन छह दिनों की देरी हो सकती है।

बता दें कि तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की आध्यक्षता में 21 राजनीतिक पार्टियं के द्वारा जनहित याचिका दाखिल की गई थी। नायडू के अलावा याचिकाकर्ताओं में केसी वेणुगोपाल, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, डेरेक ओ ब्रायन, फारूक अब्दुल्ला, शरद यादव, अजीत सिंह, दानिश अली और मनोज झा शामिल हैं। 

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