हमले के बाद भर रहे थे दम, अब नेताओं ने भुला दिए शहीदों के परिवार

लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सियासत खूब हो रही है। सभी राजनीतिक पार्टियां इस पर सियासत कर रही हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 02:01 AM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 11:35 AM (IST)
हमले के बाद भर रहे थे दम, अब नेताओं ने भुला दिए शहीदों के परिवार
हमले के बाद भर रहे थे दम, अब नेताओं ने भुला दिए शहीदों के परिवार

सम्भल(मोहित सिंह)। लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सियासत खूब हो रही है। सभी राजनीतिक पार्टियां इस पर सियासत कर रही हैं। जवानों की शौर्य पर राजनीति करने वालों को शहीदों की याद तक नहीं आती है।

राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज जहां हमले के बाद से सेना के जवान और उनके परिवार वालों के साथ होने का दम भर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पहले शहीद हुए जवानों के परिजनों की अनदेखी की जा रही है। वक्त के साथ शहीद की शहादत को भी भूल जाते हैं। या फिर यह कहें कि राजनेता केवल वादों के वेंटीलेटर पर शहीद की शहादत को नमन कर रहे हैं। शहादत के वक्त शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे नेताओं ने परिजनों से वादे तो बड़े किए लेकिन पूरे आज तक नहीं हो सके हैं। शहीदों के गांव आज भी विकास की राह देख रहे हैं। हर चुनाव में वोट के खातिर नेता शहीदों के घर पहुंचते हैं, हर बार की तरह लंबे-चौड़े वादे करते हैं लेकिन चुनावी जंग खत्म होने के बाद दोबारा उस घर का रूख नहीं करते। शहीद के परिजनों को वादा खिलाफी का गम नहीं है, वजह है जवानों और उनके परिजनों के दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं। उनको गर्व है कि सुरक्षा के सवाल पर सियासत का डमरू शोर तो मचा सकता है लेकिन रक्षा हमारे जवान ही करेंगे। पुलवामा हमले के बाद से केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर सभी को नाज है। हमले के तेरह दिन बाद एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की कार्रवाई को बड़ी कामयाबी बताते हैं। इस हमले के बाद शुरू हुए चुनावी वादों के बीच जागरण की टीम ने वर्ष 2007 में दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवान करमवीर सिंह के गांव सैदपुर जसकोली का दौरा किया तो सभी ने एयर स्ट्राइक की सराहना की। उनका कहना है कि आखिर कब तक इन हमलों में हम अपने जवानों की शहादत देखते रहेंगे। अब वक्त आ गया है कि हमें भी घर में घुसकर बदला लेना चाहिए। हालांकि नेताओं के वादों के सवाल पर उन्होंने नाराजगी जताई।

वादों को याद नहीं करना चाहते शहीद के भाई

शहीद के भाई प्रमोद ने तो यहां तक कह दिया कि केवल सियासी बातें व वादों को वह याद भी नहीं करना चाहते। टीम ने जब गांव का दौरा किया तो सियासी चर्चा होती मिली। ठहरकर उनसे बात की तो केंद्र सरकार की पहल को ग्रामीणों ने सराहा। शहीद करमवीर पर गर्व जताया पर बोले कि किसी भी नेता ने कुछ ऐसा नहीं किया कि लगे सैदपुर जसकोली शहीद का गांव है।

घटना से है अफसोस

सेना ने एयर स्ट्राइक कर पुलवामा में शहीद हुए जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। अब जरूरत है कि हर हमले का जवाब इसी तरह से दिया जाए। हालांकि पुलवामा हमले की सूचना मिलने पर बहुत अफसोस हुआ था।

प्रमोद कुमार, शहीद के भाई

जवानों का बढ़ा हौसला

करमवीर जब शहीद हुआ था तो गांव में तमाम नेता आए थे, वादे किए लेकिन गांव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिससे लगे की यह शहीद का गांव है। पुलवामा हमले के बाद सरकार के जवाब ने हमारे जवानों को हौसला बढ़ाया है।

खड़क सिंह, ग्रामीण

सालों से हो रहे आतंकी हमले

सालों से हमारे जवानों पर आतंकी हमले हो रहे हैं। जिसकी वजह है केंद्र सरकार द्वारा ठोस कदम न उठाना। लेकिन पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने जो एयर स्ट्राइक की। उसकी सभी तारीफ कर रहे हैं।

नेपाल सिंह, ग्रामीण 

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