Lok Sabha Election 2019 : यहां जान जोखिम में डालकर नौ किमी दूर जाकर करते हैं मतदान

Lok Sabha Election 2019. मतदान कर लौटते समय लू लगने से 2009 में एक और वर्ष 2014 में तीन वोटरों की मौत हो गई थी। बावजूद मताधिकार के प्रति यह गांव सजग दिखता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 25 Apr 2019 02:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2019 02:09 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 :  यहां जान जोखिम में डालकर नौ किमी दूर जाकर करते हैं मतदान
Lok Sabha Election 2019 : यहां जान जोखिम में डालकर नौ किमी दूर जाकर करते हैं मतदान

चाईबासा, मनीष दास। Lok  Sabha Election 2019 पश्चिम सिंहभूम जिले से 60 किलोमीटर दूर कुमारडुंगी के परहमसदा गांव के वोटर जान जोखिम में डालकर नौ किलोमीटर दूर मतदान करने जाते हैं। इस सफर में उन्हें जंगल का भी सामना करना पड़ता है। मतदान कर लौटते समय लू लगने से 2009 में एक और वर्ष 2014 में तीन वोटरों की मौत हो गई थी। बावजूद मताधिकार के प्रति यह गांव हर बार सजग दिखता है।

मतदान के लिए जाते समय ग्रामीण जंगल के जानवरों से निपटने के लिए घर से छोटे मोटे हथियार हाथ में लेकर जाते हैं। कई बार पार्टियों के कार्यकर्ता इन्हें अपने वाहन में बैठाकर ले तो जाते हैं, पर अपने पक्ष में मतदान के लिए विवश करते हैं। यह गांव कुमारडुंगी प्रखंड दफ्तर से 22 किलोमीटर दूर है। यह एक राजस्व गांव है। यहां 528 मतदाता हैं। मतदाता बूथ संख्या 196 पर मतदान करते हैं। गांव से नौ किलोमीटर दूर यह बूथ छोटारायकमन पंचायत के प्राथमिक विद्यालय उन्डुदा में है। मुख्य सड़क से होकर यहां तक जाने में 18 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है।

जंगल के रास्ते बूथ पहुंचने में लगते तीन घंटे

जंगल के रास्ते पहुंचने में तीन घंटा लगता है। इस तरह मतदान के चक्कर में इन्हें छह घंटा गुजार देना पड़ता है। 2009 के चुनाव में मतदान कर पैदल लौट रहीं नागी पुरती की लू लगने से मौत हो गई। 2014 के चुनाव में भी मतदान कर वापस लौटने के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी। इनमें बाजलो कोडाकेल, हेरमा बिरुवा और नागी बिरुवा शामिल हैं। बाजलो कोडाकेल व हेरमा बिरुवा पति-पत्नी थे।

ये कहते ग्रामीण

गांव में प्राथमिक विद्यालय है। बावजूद यहां बूथ नहीं बनाया गया। कईबार जिला प्रशासन से मांग की गई। पहल नहीं हुई।

- सीताराम कोडाकेल, ग्रामीण, परहमसदा गांव

धूप में नौ किलोमीटर पैदल चलकर वोट देकर वापस आने के दौरान लोगों की मौत हो जाती है। गांव में बूथ का प्रबंध होना चाहिए।

-विक्रम पूरती, वार्ड सदस्य, परहमसदा

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