Lok Sabha Election 2024: कौन हैं विक्रमादित्य सिंह, जिनका कंगना रनौत से मुकाबला, जानिए इनसे जुड़ी पांच बातें

फिल्म अभिनेत्री और फिल्मी क्वीन कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से पहली बार सियासत में कदम रखा है। उनके सामने हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार से संबंध रखने वाले विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। दोनों प्रत्याशियों की वजह से मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Wed, 17 Apr 2024 07:53 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 07:53 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: कौन हैं विक्रमादित्य सिंह, जिनका कंगना रनौत से मुकाबला, जानिए इनसे जुड़ी पांच बातें
लोकसभा चुनाव 2024: कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह। (फाइल फोटो)

चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को प्रत्याशी घोषित किया है। कंगना के सामने कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को उतारा है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। कंगना रनौत और विक्रमादित्य की वजह से मंडी लोकसभा सीट देशभर में चर्चा का केंद्र बनी है। आइये जानते हैं विक्रमादित्य से जुड़ी पांच बातें...

विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। विक्रमादित्य सिंह मौजूदा समय में शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं। वहीं राज्य की सुक्खू सरकार में मंत्री हैं।

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विक्रमादित्य का जन्म 17 अक्टूबर, 1989 को शिमला में हुआ। शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की। विक्रमादित्य ने इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। 2013 से 2018 तक विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। 2017 में विक्रमादित्य पहली बार शिमला ग्रामीण सीट से विधानसभा का चुनाव जीते थे। विक्रमादित्य का संबंध हिमाचल प्रदेश की बुशहर रियासत से है। पिता के निधन के बाद विक्रमादित्य को राजा का ताज पहनाया गया था। 2022 में विक्रमादित्य ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद राज्य की सुक्खू सरकार में मंत्री रहे। हालांकि राजनीतिक गतिरोध के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। बाद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

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