'न मेकअप न जेवर.. सिर पर पल्‍लू और रिश्‍तों की दुहाई', ससुरावालों को मनाने में जुटीं बहूरानी डिंपल; क्‍या परीक्षा में हो पाएंगी पास?

Lok Sabha Election 2024 मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही है। मुलायम सिंह यादव ने यहां के लोगों के साथ ऐसा अपनापन का रिश्ता बनाया था कि वह और उनकी पार्टी के प्रत्याशी चुनावों में अजेय रहे। मुलायम के साथ उनके परिवार के भी लोगों के साथ पारिवारिक रिश्ते अब तक बने हुए हैं। इस चुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव यहां से सपा की प्रत्‍याशी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Deepti Mishra Publish:Thu, 02 May 2024 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 03 May 2024 12:37 PM (IST)
'न मेकअप न जेवर.. सिर पर पल्‍लू और रिश्‍तों की दुहाई', ससुरावालों को मनाने में जुटीं बहूरानी डिंपल; क्‍या परीक्षा में हो पाएंगी पास?
‘बहू’ के अंदाज में विश्वास जीतने को जुटीं डिंपल। फाइल फोटो

 दिलीप शर्मा, मैनपुरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए मैनपुरी लोकसभा सीट का चुनाव कोई आम चुनाव नहीं है, बल्कि विरासत बचाने और बनाए रखने की अग्नि परीक्षा है। इसमें खरा उतरने के लिए सैफई परिवार की बहूरानी डिंपल यादव दिन-रात जुटी हैं।

उनकी सादगी और बहू का अंदाज ही उनकी पहचान बन चुका है। बड़ों को देखकर सिर पर पल्लू और सम्मान का भाव। छोटों से अपनापन। डिंपल की कोशिश विरासत को सहेजने के साथ अपनेपन के रिश्ते को बढ़ाने की है।

मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही है। मुलायम सिंह यादव ने यहां के लोगों के साथ ऐसा अपनापन का रिश्ता बनाया था कि वह और उनकी पार्टी के प्रत्याशी चुनावों में अजेय रहे। मुलायम के साथ उनके परिवार के भी लोगों के साथ पारिवारिक रिश्ते अब तक बने हुए हैं।

 मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद वर्ष 2022 के उपचुनाव में उनकी पुत्रवधू व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा से प्रत्याशी बनीं तो उन्होंने पुराने रिश्तों की दुहाई दी। जनता ने भी सहानुभूति की लहर में उनको बंपर जीत दिलाई थी। इस बार डिंपल यादव के सामने भाजपा प्रत्याशी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और बसपा प्रत्याशी पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को हराने की चुनौती है।

उपचुनाव में डिंपल यादव के साथ पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित पूरा सैफई परिवार प्रचार में उतरा था, परंतु इस बार परिवार के सदस्यों का बहुत कम समय मिल पाया है। ऐसे में जीत चुनौती को पूरा करने के लिए सैफई परिवार की ये बहुरानी अकेले ही पसीना बहा रही हैं। पूरे प्रचार में अब तक वह साड़ी में ही नजर आई हैं।

जरी बॉर्डर वाली हल्के रंग की काटन और हैंडलूम की साड़ियां, ढीले बंधे बाल और माथे पर छोटी सी बिंदिया। कोई गहना नहीं, गले में रुद्राक्ष की पतली माला। एक हाथ में काला धागा और दूसरे हाथ में कड़ा। चेहरे पर न के बराबर मेकअप, समर्थकों के बीच उनकी लोकप्रियता को बढ़ाता दिखता है।

लुभाता है सादगी भरा अंदाज

सीनियर फैशन स्टाइलिस्ट व इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन एंड आर्ट्स की चीफ मेंटोर गरिमा सारस्वत पांडे कहती हैं कि डिंपल यादव का लुक बहुत ही सादगी भरा और आकर्षक रहता है। वह गर्मियों में कॉटन और लिलिन की साड़ियों में दिखती हैं। ये साड़ियां विशेष ब्रांड बॉर्डर वाली हैं और उसके साथ थ्री-फोर स्लीव का कंट्रास्ट ब्लाउज रहता है।

डिंपल यादव साड़ियों को ओपन पल्ले में पहनती हैं, जिसमें पल्लू को पीछे से घुमाकर आगे रखती हैं। इस स्टाइल में पल्लू को सिर पर रखने में बहुत आसानी होती है। सभी साड़ियां पेस्टल शेड लाइट कलर की होती हैं। उनके कानों में अक्सर छोटे स्टड दिखाई देते हैं।

माथे पर मीडियम साइज की बिंदी ओर ढीले अंदाज में बांधे गए बाल भी उनकी पहचान हैं। इस तरह एक सेलिब्रिटी का सादगी भरा अंदाज देखने वालों को लुभाता है और उनकी छवि अपनों के बीच जैसी ही बनती है।

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शालीनता और सौम्यता का रखती हैं ध्यान

चुनाव प्रचार के दौरान सादगी के इस लुक के साथ मतदाताओं के बीच संपर्क और संवाद का उनका अंदाज भी बिल्कुल घर की बहू जैसा ही है। प्रचार के दौरान वह शालीनता और सौम्यता का हर पल ध्यान रखती हैं। मतदाताओं के बीच उनके सिर का पल्लू उनके सिर पर लगभग हर वक्त दिखता है। प्रचार में पहुंचते ही सबके साथ घुलने-मिलने की कोशिश करती हैं। हर एक के साथ आत्मीयता के साथ मिलती हैं।

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बुजुर्गों को आगे बढ़कर, हाथ जोड़कर अभिवादन करती हैं। इस दौरान पल्लू सिर पर करना नहीं भूलतीं। महिलाओं के साथ संपर्क में भी घर-परिवार की बात छेड़ देती हैं। बुजुर्ग महिलाओं के हाथ आशीर्वाद को उठें तो तुरंत सिर झुकाकर उनका मान रखती हैं।

किसी के घर जाएं तो बच्चों को प्यार और पालतू जानवरों को दुलार करना नहीं भूलतीं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि डिंपल यादव का यह आम परिवार की बहू जैसा अंदाज ही उनको प्रचार में खास बना रहा है। इससे लोग सीधे उनसे जुड़ रहे हैं।

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