Lok Sabha Election 2019: जानें- BJP की इस ऐतिहासिक जीत में कितनी रही है अमित शाह की भूमिका?

Loksabha Election Result 2019 भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की इस खास रणनीति ने बीजेपी को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाई है।

By Mohit PareekEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 05:53 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 05:53 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: जानें- BJP की इस ऐतिहासिक जीत में कितनी रही है अमित शाह की भूमिका?
Lok Sabha Election 2019: जानें- BJP की इस ऐतिहासिक जीत में कितनी रही है अमित शाह की भूमिका?

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं और इन नतीजों में एक बात सामने आई है, वो है- 'जनता को मोदी-शाह का साथ पसंद है।' भारतीय जनता पार्टी 350 के ऐतिहासिक आंकड़े के करीब है और माना जा रहा है बीजेपी को यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति की वजह से संभव हुआ है। यह जीत बीजेपी के लिए ऐतिहासिक जीत है और इसमें अमित शाह की अहम भूमिका रही है। जानते हैं इस ऐतिहासिक जीत के सपने को अमित शाह ने किस तरह धरातल पर उतारा है...

बूथ स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी को दी मजबूती
भारतीय जनता पार्टी की जीत में पार्टी के कार्यकर्ताओं का अहम योगदान है और इन कार्यकर्ताओं को एकसूत्र में बांधने का काम अमित शाह ने किया है। अमित शाह ने पार्टी को जमीनी मजबूती प्रदान की है। शाह ने संगठन को मजबूत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और भाजपा को बूथ स्‍तर से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर तक पर मजबूत किया है।

माइक्रो मैनेजमेंट आया काम
बीजेपी की झोली में कई जीत डाल चुके अमित शाह ने यूपी में अपने माइक्रो मैनेजमेंट के जरिए खास रणनीति बनाई, जिसमें समाज के उन तबकों पर विशेष तौर पर फोकस किया गया जो अबतक वंचित रहे हैं. बीजेपी ने उन तबकों पर ध्यान लगाया जिनका वोट बैंक के तौर पर एसपी और बीएसपी ने इस्तेमाल तो किया है लेकिन इनका विकास नहीं हो पाया. माना जा रहा है कि इस खास रणनीति में अमित शाह ने रणनीति के तहत गैर-यादव ओबीसी और गैर-जाटव दलित को अपने पास लाने की पूरी कोशिश की. शाह का बूथ मैनेजमेंट का फॉर्मूला भी कारगर रहा है.

मोदी, राष्ट्रवाद पर केंद्रित रखा चुनाव
अमित शाह ने इस चुनाव में खास काम यह किया कि उन्होंने संगठन को इस तैयार किया कि चुनाव प्रचार में वो स्थानीय मुद्दों पर आगे नहीँ आए और न ही अपने प्रत्याशियों को आगे करके चुनाव लड़ा बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों को केंद्र में रखा और प्रत्याशियों को मोदी के नाम के पीछे रखा। ऐसे में प्रत्याशियों ने भी मोदी की बात की, उनके काम की प्रशंसा की और मोदी को जिताने के लिए कमल के फूल पर वोट करने की अपील की।

हर राज्य के हिसाब से बनाई अलग रणनीति
अमित शाह और उनकी खास टीम ने हर राज्य के आधार पर अलग रणनीति बनाई। बीजेपी ने सभी राज्यों को विभाजित कर उनपर रणनीति बनाई। बताया जाता है कि उन्होंने बीजेपी सरकार वाले राज्य, एनडीए सरकार वाले राज्य और विपक्षी की सरकार वाले राज्य के आधार पर राज्यों को बांटा और चुनाव में उतरने का फैसला किया।

बंगाल-ओडिशा से किया डेमेज कंट्रोल
अमित शाह ने इस चुनाव में बंगाल और ओडिशा पर खास ध्यान दिया और उसका असर रिजल्ट में दिखाई भी दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हुए हल्के नुकसान की भरपाई बंगाल और ओडिशा से की. बता दें कि बीजेपी ने बंगाल में 18 सीट और ओडिशा 11 सीटों पर बढ़त बनाई है।

ध्रुवीकरण पर लगाई रोक
अमित शाह इस बार धुव्रीकरण पर रोक लगाने में कामयाब रहे, जिसकी वजह से उन्हें काफी फायदा हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान ये साफ दिखा बीजेपी ध्रुवीकरण से बची। सांप्रदायिक भाषणों पर तब तक रोक लगाई और इसने अच्छा असर दिखाया।  

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