जब सीएम के बेटे पर लगा स्मगलर होने का आरोप, देश में इन सामानों की होती थी तस्करी, जानें पूरा मामला

संसद में तस्करी का मुद्दा उठा। मामला इतना बढ़ गया कि एक सीएम के बेटे का नाम सामने आने लगा। उन पर तस्कर होने का आरोप लगा। तस्करी का मामला हरियाणा के कैथल से सांसद मूल चंद जैन और अन्य सांसदों ने उठाया था। सदन में केंद्रीय मंत्री बीआर भगत को मामले में जवाब देना पड़ा था। उस समय देश में फाउंटेन पेन रेजर ब्लेड्स की तस्करी होती थी।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Fri, 29 Mar 2024 12:49 PM (IST) Updated:Fri, 29 Mar 2024 12:49 PM (IST)
जब सीएम के बेटे पर लगा स्मगलर होने का आरोप, देश में इन सामानों की होती थी तस्करी, जानें पूरा मामला
Lok Sabha Chunav 2024: सीएम के बेटे पर लगा स्मगलर होने का आरोप।

अमित पोपली, झज्जर। साल 1956 में देश में तस्करी किए गए सोने और मुद्रा का मूल्य करीब 59 लाख रुपये था। 1957 में जून तक यह 47 लाख 37 हजार 373 तक जा पहुंचा। सदन में केंद्रीय मंत्री बीआर भगत ने आंकड़ा बताते हुए यह तो स्वीकारा कि सीमावर्ती इलाके में तस्करी हो रही है, लेकिन इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय गैंग है, यह कह पाना जल्दबाजी होगा।

कैथल से सांसद मूल चंद जैन ने उठाया था मुद्दा

मंत्री ने यह जवाब कैथल से सांसद मूल चंद जैन और अन्य सांसदों के सवाल पर दिया था। सांसदों ने अंतरराष्ट्रीय गैंग द्वारा भारत में सोने की स्मगलिंग का मुद्दा उठाया था। सदन में यह मुद्दा इस हद तक जा पहुंचा कि एक सूबे के सीएम के बेटे पर स्मगलर्स के गैंग का लीडर होने तक का आरोप लगा।

हालांकि, वित्त मंत्री टीटी कृष्णामाचारी ने कहा कि बाहर कागजात में क्या उल्लेख किया जा रहा है, उसके बारे में यहां कोई राय व्यक्त नहीं कर सकता, निश्चित रूप से उस व्यक्ति के बारे में बिल्कुल नहीं, जो सदन में अपना बचाव करने की स्थिति में नहीं है।

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...हर तरफ आदमी तैनात नहीं कर सकते

करीब चार पन्नों में इस विषय पर सांसदों से लेकर मंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी। विषय में यह भी आया कि, हम अपराध नहीं होने देना चाहते हैं और इसलिए, हमारे पास इसे लागू करने के लिए भारतीय दंड संहिता और पुलिस है। अपराध फिर भी किए जाते हैं और वे अधिकांश मामले इसी तरह के तस्करी के संबंध में हैं।

हमारी सीमा रेखा बहुत बड़ी है। सैकड़ों मील तक हर तरफ आदमी तैनात नहीं कर सकते। हम इस उद्देश्य के लिए और जहां तक संभव हो सके तस्करी रोकने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रहे हैं। हम इसे रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

अगर कोई पूछे कि क्या हम तस्करी को पूरी तरह से रोकने में सक्षम हैं, तो मैं इसका उत्तर दूसरे ढंग से दूंगा। सवाल यह है कि क्या कोई सरकार अपराधों को पूरी तरह से कम करने में सक्षम है?

किन सामानों की होती थी तस्करी?

एक अन्य सत्र में केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि लग्जरी गुड्स की श्रेणी में आने वाले उत्पादों का व्यापार ज्यादा होता है, खास कर फाउंटेन पेन, रेजर ब्लेड्स और मोटर के पार्टस इत्यादि वस्तुएं चोरी छिपे लाई जाती हैं। एक दो मामलों में सोना भी बरामद हुआ है। 1956 में सोना लाने के तीन केस पकड़े गए, जो सोना बरामद हुआ उसकी कीमत 1,19,604 रुपये और 34 नए पैसे थी।

सन 1960 में दो केस पकड़े गए और जो सोना बरामद हुआ उसकी कीमत 16,566 रुपये थी। पृष्ठभूमि में यह सामने आया कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया, वे भारतीय हैं। वे मुख्य रूप से वाहक, गरीब लोग हैं जो कि इस्तेमाल किए गए लेकिन वास्तविक एजेंट अलग-अलग व्यक्ति हैं।

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