Lok Sabha Election 2024: अमेठी-रायबरेली पर असमंजस में कांग्रेस, इन सीटों पर भी बढ़ी बेचैनी; गांधी परिवार पर टिकी उम्मीदें

Lok Sabha Election 2024 के लिए कांग्रेस की ओर से जारी प्रत्याशियों की नौ सूची में अब तक रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। गांधी परिवार की इन दोनों परंपरागत सीटों पर असमंजस की स्थिति बरकरार है। सबके मन में एक ही सवाल है कि राहुल और प्रियंका इन सीटों से लड़ेंगे या नहीं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

By Jagran NewsEdited By: Sachin Pandey Publish:Sat, 30 Mar 2024 12:47 PM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2024 12:47 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: अमेठी-रायबरेली पर असमंजस में कांग्रेस, इन सीटों पर भी बढ़ी बेचैनी; गांधी परिवार पर टिकी उम्मीदें
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस अब तक प्रत्याशियों की नौ सूची जारी कर चुकी है।

आलोक मिश्र, लखनऊ। देश के सबसे बड़े प्रदेश में 'शून्य' की आशंका। यही वह खतरा है, जो हर कांग्रेसी को भीतर ही भीतर बेचैन कर रहा है। भले ही सपा से हाथ मिलाकर कांग्रेस उसके हिस्से आई 17 सीटों में से 13 पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। लेकिन शेष बची चार सीटों में अमेठी व रायबरेली की उम्मीदवारी ही सबसे महत्वपूर्ण है।

रायबरेली की 'एकमात्र' सीट ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेसियों के मनोबल का आसरा भी है। अन्य सीटों पर अपनी हार-जीत की चिंता छोड़कर फिलवक्त कार्यकर्ताओं के दिमाग में एक ही सवाल कौंध रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका वाड्रा चुनाव मैदान में होंगे या नहीं। केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय पर टिकी उनकी निगाहों में सारी उम्मीदें 'नेहरू-गांधी' परिवार से ही हैं।

नहीं लगी अंतिम मुहर

सपा-कांग्रेस के बीच 21 फरवरी को गठबंधन की घोषणा हुई थी। एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी कांग्रेस अब तक अपनी परंपरागत सीट अमेठी व रायबरेली के अलावा उसके हिस्से आई मथुरा और प्रयागराग सीट पर उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगा सकी है।

कांग्रेस नेता स्वीकारते हैं कि इस अनिर्णय का सीधा असर उसके कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ रहा है। संगठन व पदाधिकारी अमेठी से राहुल गांधी व रायबरेली से प्रियंका वाड्रा के चुनाव मैदान में उतरने की हर कार्यकर्ता की मांग को केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा चुके हैं।

प्रियंका को लड़ाने की मांग

सोनिया गांधी के रायबरेली की सीट छोड़ने के बाद उत्तर प्रदेश की प्रभारी रह चुकीं प्रियंका को ही सबसे मुफीद उम्मीदवार माना जा रहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रियंका इस सीट से अपनी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की विरासत संभालेंगी तो कार्यकर्ताओं को संजीवनी जरूर मिलेगी।

इसकी मांग लखनऊ में बीते दिनों हुए प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में भी उठी, जहां प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मिलने वाले हर पदाधिकारी ने अपने जिले के कार्यकर्ता की जो 'चिट्ठी' बांची, उसका मजमून एक ही था कि .... 'अमेठी से राहुल भैया और रायबरेली से प्रियंका दीदी को ही चुनाव लड़ने के लिए किसी भी तरह मनाइए'।

दो सीटें देती हैं संदेश

एक नेता इसके पीछे बड़ा तर्क भी देते हैं। बेबाकी से कहते हैं कि ... इसमें कोई संदेह नहीं कि कांग्रेस के हिस्से आई सीटों पर पार्टी के पास अपने चेहरों का टोटा है। तभी तो ज्यादातर सीटों पर दूसरे दलों से आए नेताओं को मौका देना पड़ रहा है। फिर 'दो सीटें' ही तो देश में उप्र कांग्रेस का संदेश देती आई हैं।

पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में यह चर्चा भी जोरशोर से सुनाई पड़ती है कि कार्यकर्ताओं की भावना का आदर न हुआ तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जागा जोश, चुनाव से पहले ही ठंडा भी पड़ जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद इस सीट पर किसी अन्य उम्मीदवार को लेकर भी भीतरखाने मंथन चल रहा है।

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अमेठी में नए चेहरे पर भी मंथन

नेहरू-गांधी परिवार के कई चेहरों के लिए लोकसभा पहुंचने की पहली सीढ़ी रही अमेठी की सीट पर किसी नए प्रयोग की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में भी रायबरेली की सीट प्रदेश कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है।

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कांग्रेस ने 23 मार्च को नौ और फिर 27 मार्च को चार सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। जबकि दूसरे चरण (26 अप्रैल) की मथुरा, पांचवें चरण (20 मई) की अमेठी व रायबरेली के अलावा छठे चरण (25 मई) की प्रयागराज सीट पर प्रत्याशियों के नाम अब तक घोषित नहीं किए गए हैं।

प्रयागराज, मथुरा पर भी फैसला बाकी

प्रयागराज सीट से सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्जवल रमण सिंह को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। उज्जवल जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे। मथुरा की सीट पर कांग्रेस विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए का हिस्सा बने लोकदल के किसी नेता को मैदान में उतारने पर भी विचार कर रही है। हालांकि इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

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