जब इंदिरा गांधी की रैली में सुषमा स्वराज ने कर दिया था 'खेला', माइक बंद होने से बदल गया था चुनावी पांसा

आज बात 1977 लोकसभा चुनाव के एक दिलचस्प किस्से की करेंगे। छत्तीसगढ़ के गोड्डा में इंदिरा गांधी की चुनावी जनसभा थी। मगर खराब माइक ने यहां चुनावी पांसा पलट दिया था। इसका फायदा सुषमा स्वराज ने उठाया। उन्होंने इंदिरा गांधी की रैली से लौट रही जनता का रुख अपनी ओर मोड़ दिया था। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस प्रत्याशी को बड़ी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Fri, 29 Mar 2024 12:34 PM (IST) Updated:Fri, 29 Mar 2024 12:34 PM (IST)
जब इंदिरा गांधी की रैली में सुषमा स्वराज ने कर दिया था 'खेला', माइक बंद होने से बदल गया था चुनावी पांसा
लोकसभा चुनाव 2024: जब इंदिरा गांधी की सभा में उमड़ी भीड़ सुषमा की ओर मुड़ गई थी।

विधु विनोद ,गोड्डा। आपातकाल के दौरान वर्ष 1977 में देश में हुए आम चुनाव के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं सामने आई थीं। गोड्डा से तब कांग्रेस के प्रत्याशी जगदीश नारायण मंडल के लिए चुनावी सभा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गोड्डा के सिकटिया मैदान आई थीं।

उस समय जेपी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का जनमानस पर गहरा प्रभाव था। इसके बावजूद इंदिरा गांधी को देखने और सुनने तीन लाख से अधिक की भीड़ जुटी थी। मंच से इंदिरा का भाषण शुरू हुआ तो माइक खराब हो गया।

जब बिफर पड़ीं इंदिरा और सभा कर दी खत्म

लोग हाथ हिलाकर आवाज नहीं आने का संकेत कर रहे थे। इसे देख कर इंदिरा गांधी को लग रहा था कि जनता उन्हें सुनना नहीं चाह रही है, जबकि उनकी आवाज ही लोगों तक नहीं पहुंच रही थी। आयरन लेडी बिफर गई और सभा खत्म हो गई।

उसी समय विद्यार्थी परिषद की सुषमा स्वराज ने भीड़ को अपनी ओर मोड़ते हुए खुली जीप से ही भाषण दिया और जनता पार्टी के उम्मीदवार जगदंबी प्रसाद यादव के लिए लोगों से आशीर्वाद मांगा था।

डेढ़ लाख से अधिक वोट से हार गए थे जगदीश मंडल

जेपी लहर में जगदीश नारायण मंडल उर्फ जगदीश बाबू जैसे ईमानदार और जनप्रिय नेता को भी मुंहकी खानी पड़ी थी। 1977 के चुनाव में उन्हें डेढ़ लाख से अधिक मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद से वह लोस चुनाव नहीं लड़े। बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय पंचायत सभा के वह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। जगदीश मंडल गोड्डा के पोड़ैयाहाट प्रखंड के बकसरा गांव के रहने वाले थे।

आजादी के बाद वे 1957 तक पोड़ैयाहाट के विधायक भी रहे। कांग्रेस नेता सच्चिदानंद साह कहते हैं कि जगदीश बाबू सरीखे नेता आज नहीं मिलते। चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से जो पैसे दिए जाते थे, चुनाव खर्च के बाद जो पैसा बचते थे, उसे हिसाब कर पार्टी को लौटा देते थे। उनकी सादगी की मिसाल आज भी दी जाती है।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने अब इस समुदाय को साधा, यहां BJP ने 50% टिकट महिलाओं को दिए, क्‍या कारगर होगी रणनीति?

आपातकाल के दौरान पुलिस से छिप-छिपकर जनता पार्टी का चुनाव अभियान चलता था। सिकटिया में इंदिरा गांधी की सभा में भारी भीड़ उमड़ी थी। खेत में लगी चने की फसल उखाड़ कर कार्यकर्ता लाते थे, जिसे खाकर पूरी सभा सबने देखी और सुनी थी। - भानू प्रकाश दुबे, वरिष्ठ अधिवक्ता सह जेपी आंदोलन के प्रमुख नेता, गोड्डा।

आईने से

गोड्डा में आपातकाल के दौरान हुए 1977 के चुनाव में दिलचस्प रहा था राजनीतिक घटनाक्रम सिकटिया मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश नारायण मंडल के लिए इंदिरा गांधी ने की थी चुनावी सभा माइक खराब होने से बिफर गई थीं आयरन लेडी, सभा खत्म होने के बाद लौट रही भीड़ को सुषमा ने लपका

जगदीश नारायण मंडल जैसे ईमानदार और कर्मठ जननेता गोड्डा के प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इंदिरा गांधी की सभा में अगर माइक खराब नहीं हुआ होता तो उस वक्त यहां माहौल नहीं बदला होता। सुषमा स्वराज ने इंदिरा गांधी की सभा में आई भीड़ को संबोधित कर जनता पार्टी के पक्ष में माहौल बना दी। -सच्चिदानंद साह, कांग्रेस नेता, गोड्डा।

यह भी पढ़ें: बारातियों ने किया खेला! बिहार में लालू के चंगुल में फंसी कांग्रेस, अब रिश्‍ता टूटेगा या राजद के सामने घुटने टेकेगा 'दूल्‍हा'?

chat bot
आपका साथी