Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में भाजपा ने बनाई खास रणनीति, इन सीटों पर 60 फीसदी मत हासिल करने का तय किया लक्ष्य

लोकसभा चुनाव में भाजपा का मध्य प्रदेश पर खास फोकस है। पार्टी कमजोर बूथों पर अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है। यही वजह है कि उसकी निगाहें उन 17 हजार बूथों पर है जहां पिछले चुनाव में कम मत मिले थे। पार्टी ने सभी सीटों पर 50 फीसदी से अधिक मत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश नेतृत्व ने इस लक्ष्य को बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2024 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2024 08:44 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में भाजपा ने बनाई खास रणनीति, इन सीटों पर 60 फीसदी मत हासिल करने का तय किया लक्ष्य
लोकसभा चुनाव 2024: 17 हजार कमजोर बूथों पर है भाजपा की निगाह। (File Photo)

जेएनएन, इंदौर। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मध्य प्रदेश में भाजपा की निगाहें सभी सीटों पर हैं। वहीं कांग्रेस लंबे मंथन के बाद हर सीट पर प्रत्याशी उतार रही है। अब भाजपा ने हर लोकसभा सीट पर मतों का लक्ष्य भी तय कर दिया है। केंद्रीय नेतृत्व ने 50 फीसदी मतों का लक्ष्य हर सीट में हासिल करने का रखा है। कांग्रेस अभी तक सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है।

पिछले तीन चुनाव में भाजपा को मध्य प्रदेश की कई सीटों पर 50 फीसदी से अधिक मत मिले हैं। इन सीटों में भोपाल, जबलपुर, विदिशा, सागर, दमोह और बैतूल का नाम शामिल है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 29 में से 25 सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे। यही वजह है कि अब भाजपा के प्रदेश नेतृ्त्व ने लक्ष्य को 50 से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया है।

इन्हें मिले सर्वाधिक मत

2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था। मंडला, रतलाम और मुरैना को छोड़कर बाकी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को 50 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। 2009 में सुषमा स्वराज को 78 और 2019 में होशंगाबाद से प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह को सर्वाधिक 69.35 फीसदी मत मिले थे। दूसरे नंबर पर इंदौर के शंकर लालवानी थे। उन्हें कुल 65 प्रतिशत मत मिले थे।

2014 लोकसभा चुनाव में ये थे आंकड़े

भाजपा के 20 उम्मीदवार 50 फीसदी से अधिक मत लेकर चुनाव जीते इनमें विदिशा सीट से सुषमा स्वराज को सर्वाधिक 66 फीसदी मत मिले थे गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को 52 और छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 50 फीसदी मत मिले थे

17 हजार बूथों पर भाजपा की निगाह

मध्य प्रदेश में भाजपा हर सीट पर 60 फीसदी से अधिक मत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी सभी सीटों को फतेह करना चाहती है। प्रदेश के 17 हजार बूथों पर पार्टी की खास निगाह है। यहां पर उसे कम वोट मिले थे। गांव चलो और बूथ चलो अभियान के माध्यम से पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 13 सीटों पर 60 फीसदी से अधिक मत मिले थे। पार्टी ने अब इसी आंकड़े को लक्ष्य बना लिया है।

भोपाल लोकसभा सीट

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कैलाश जोशी ने 2009 में लोकसभा चुनाव जीता था। उन्हें भाजपा ने मैदान में उतारा था। 2014 में भी भाजपा के आलोक संजर ने 32.95 फीसदी मतों से चुनाव जीता। 2019 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा ने पहली बार चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया था। प्रज्ञा ने कांग्रेस प्रत्याशी को तीन लाख 64 हजार 822 मतों से शिकस्त दी थी।

विदिशा लोकसभा सीट

इस सीट से सुषमा स्वराज ने 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था। स्वराज ने 2014 में यहां से चार लाख 10 हजार 698 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। 2019 में रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रमेशचंद्र पटेल को पांच लाख तीन हजार 84 मतों के अंतर से हराया था।

जबलपुर लोकसभा सीट

जबलपुर सीट से भाजपा नेता राकेश सिंह लगातार तीन बार से सांसद हैं। उन्होंने 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव यहां से जीता। जीत का उनका सिलसिला 2019 में भी जारी रहा। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी विवेक कृष्ण तन्खा को चार लाख 54 हजार 744 वोटों से हराया था।

सागर लोकसभा सीट

सागर सीट पर भाजपा तीन चुनाव से लगातार जीत रही है। 2009 में भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह ने इस सीट से चुनाव जीता था। 2014 में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी नारायण यादव ने चुनाव फतेह किया। 2019 में भाजपा प्रत्याशी राजबहादुर सिंह ने तीन लाख पांच हजार 542 मतों से जीत हासिल की थी।

दमोह लोकसभा सीट

इस सीट से शिवराज भैया ने 2009 में चुनाव जीता। इसके बाद 2014 में प्रहलाद सिंह पटेल ने दो लाख 13 हजार 299 मतों से जीत दर्ज की। 2019 में भी भाजपा नेता प्रहलाद सिंह पटेल ने यहां से चुनाव जीता था।

बैतूल लोकसभा सीट

बैतूल लोकसभा सीट से 2009 और 2014 में भाजपा प्रत्याशी ज्योति धुर्वे ने चुनाव जीता था। 2019 में भाजपा ने प्रत्याशी बदल दिया और दुर्गा दास उइके को मैदान में उतारा। दुर्गा दास ने तीन लाख 60 हजार 241 मतों से जीत दर्ज की थी।

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