प्रत्याशी के साथ एक दिन: पहले श्री कृष्ण की आराधना फिर श्रीअन्न का नाश्ता, ऐसे शुरू होता है हेमा मालिनी का प्रचार अभियान

मांट विधानसभा क्षेत्र का गांव सोनई। दोपहर 145 बजे गाड़ियों का काफिला आकर रुका। गेट खुला और उसमें से निकलीं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी। शोले की बसंती ड्रीम गर्ल और सीता-गीता। फिल्मों में अलग-अलग नामों से जिन्हें ग्रामीण जानते थे वह सामने थीं। नजर से नजर मिली तो गूंजने लगा जिंदाबाद-जिंदाबाद। मंच पर हेमा चढ़ीं और नारों की गूंज तेज होती रही। विनीत मिश्र की रिपोर्ट...

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Fri, 19 Apr 2024 04:52 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2024 04:52 PM (IST)
प्रत्याशी के साथ एक दिन: पहले श्री कृष्ण की आराधना फिर श्रीअन्न का नाश्ता, ऐसे शुरू होता है हेमा मालिनी का प्रचार अभियान
मांट विस क्षेत्र के आयराखेड़ा में मंच पर लोगों को बुलाकर हाथ मिलातीं भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी l जागरण

जागरण, मथुरा। बुधवार को वृंदावन स्थित आवास से निकलीं भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी की ये पहली जनसभा थी। आंखों पर काले रंग का चश्मा और पीली चमकदार साड़ी। ये फिल्मी ग्लैमर का कमाल था। मंच पर उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन किया, तो सामने कुर्सियों पर डटे लोगों ने दोनों हाथ हवा में लहराकर स्वागत किया। फिल्मी पारी में सुपरहिट रहीं हेमा राजनीति में भी परिपक्व नजर आती हैं।

जब हेमा मालिनी ने गाया भजन

रामनवमी का दिन था, कान्हा की नगरी में राम की जयजयकार हुई, तो फिर हेमा कहां पीछे रहतीं। राधे-राधे और यमुना मैया के जयकारे से शुरू हुआ संबोधन, तुरंत भगवान राम के जयकारे पर पहुंचा। दो बार सांसद रहने के बाद हेमा राजनीतिक माहौल को भी बखूबी समझती हैं।

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बोलीं, रामनवमी है, तो पहले राम का भजन जरूरी है। सामने बैठे लोगों ने हां में स्वीकृति दी, तो हेमा ने भजन गाया। श्रीराम चंद्र कृपालु भज मनु हरण भव भय दारुणम...। भजन गूंजा तो मंच भक्ति के रंग में रंग गया।

सोनई वह गांव है, जिसे ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के सुंदरीकरण के दौरान छोड़ा जा रहा था। ग्रामीणों ने आंदोलन किया था। हेमा ने फिर आश्वासन दिया, सोनई छूटेगा नहीं। यहां भी विकास की गंगा बहेगी। यमुना सबके दिल में हैं, इसलिए उन्हें भी निर्मल करेंगे।

बसंती ने हाथ जोड़कर मांगी माफी

कार्यकर्ताओं ने गदा भेंट किया तो कुछ देर हवा में लहराया। यहां से काफिला तीन किमी दूर आयराखेड़ा पहुंचा। देरी से पहुंचने की सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगी। सामने करीब दो सौ लोग कुर्सियों पर डटे थे। लोग बसंती-बसंती कहकर शोर मचाने लगे। इस पर हेमा मुस्कराईं और बोलीं यहां से कहीं जाने के लिए मोटर नहीं मिलेगी। बसंती का तांगा ही मिलेगा। इस पर जोरदार तालियां बजीं। इसके बाद संबोधन शुरू हुआ।

शाम ढलते घर लौट आया काफिला

ब्रज चौरासी से लेकर यमुना और ब्रज के विकास पर बात की। सभा खत्म हुई, तो श्रोता बनी महिलाओं को इशारे से अपने पास बुलाया। फिर क्या था महिलाएं दौड़ पड़ीं। 55 साल की सुमित्रा और राधा ने हाथ बढ़ाया, तो उनकी बेसब्री समझ हेमा ने भी मंच से हाथ बढ़ा दिया। फिर एक के बाद एक हाथ मिलाने की होड़ सी मच गई।

यहां छात्रा दीपिका से पूछा, किस क्लास में हो, जवाब मिला इंटर। खूब पढ़ो, तभी आगे बढ़ोगी। इस बीच सेल्फी लेने वालों की भीड़ लग गई। सबको फिर मिलने का वादा करके आगे बढ़ गईं। अब अगली सभा इसी विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ौना में। घड़ी की सुई साढ़े पांच बजा रही थी। यहां ग्रामीणों को विकास का आश्वासन। तब तक शाम ढलने लगी थी। इसके बाद काफिला घर लौट पड़ा।

कृष्ण की आराधना, श्रीअन्न का नाश्ता...

सुबह करीब सात बजे उठकर हेमा मालिनी ने भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की और फिर श्रीअन्न का नाश्ता किया। इसके बाद कुछ टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिया और मतदाताओं से वोट की अपील के लिए खुद के वीडियो शूट किए। तब तक दोपहर के एक बज गए।

वह बोलीं, ‘आज देर हो गई, इसलिए घर से ही हल्का खाना खाकर निकली हूं। लोकसभा चुनाव के कारण थोड़ा व्यस्तता ज्यादा है। एक दिन पहले ही उनके अगले दिन के कार्यक्रम तैयार हो जाते हैं। सुबह कुछ प्रमुख लोगों से फोन पर वार्ता कर हेमा मालिनी सभा और जनसंपर्क के लिए निकल पड़ती हैं।

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