Lok Sabha Election 2019: फलोदी सट्टा बाजार में दांव लगाने की गति हुई तेज, इस दल के भाव कम
Lok Sabha Election 2019 तीन चरण का मतदान खत्म होने के बाद राजस्थान के चर्चित फलोदी सट्टा बाजार में एनडीए की सत्ता में वापसी की संभावनाओं को लेकर दांव लगाने में तेजी है।
संजय मिश्र, जोधपुर। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election 2019) के तीन चरण का मतदान खत्म होने के बाद राजस्थान के चर्चित फलोदी सट्टा बाजार में भी नई संसद के आंकडों को लेकर दांव लगाने का खेल तेज हो गया है। सियासत पर सट्टा लगाने के इस खेल में सटोरिए केंद्र की सत्ता के दावेदारों से लेकर सूबे में पार्टियों की झोली में आने वाली संभावित सीटों के आंकडों पर जमकर दांव लगा रहे हैं। फलोदी सट्टा बाजार में भाजपा की अगुआई वाली एनडीए की सत्ता में वापसी की संभावनाओं को लेकर दांव लगाने में तेजी है तो कांग्रेस के सीटों का आंकडा तीन अंकों में पहुंचने को लेकर भी सटोरिए दांव लगा रहे हैं।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान जहां पार्टियां और उनके नेता भीषण गर्मी में पसीना बहा रहे हैं वहीं फलोदी के सट्टा बाजार में दांव लगाने वाले खिलाड़ी उनकी सभाओं में जुट रही भीड़ के साथ जातीय समीकरण के बदलते गुणा भाग के आधार पर जीत हार का दांव लगा रहे हैं। फलोदी सट्टा बाजार से जुडे कई सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि इस बाजार में भाजपा की अगुआई वाली एनडीए के भाव सबसे कम हैं। फलोदी सट्टा बाजार में जिसका सबसे कम भाव होता है उसकी स्थिति मजबूत मानी जाती है। पार्टियों की सीटों की संख्या का भी इस सट्टा बाजार का अपना अनुमान है और इनके हिसाब से कांग्रेस भी पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेगी मगर सत्ता की दौड़ में उसका भाव भाजपा से महंगा है।
फलोदी सट्टा बाजार का दिलचस्प पहलू यह भी है कि राजस्थान की लोकसभा सीटों की लगभग रोजाना की राजनीतिक गतिविधियों का असर से यहां का भाव चढ़ता और उतरता है। इसका उदाहरण देते हुए बाजार के सूत्रों ने बताया कि जोधपुर लोकसभा सीट पर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और भाजपा के सूबे के एक दिग्गज केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद सिंह शेखावत आमने सामने हैं वहां कांटे की टक्कर देखते हुए दोनों का बाजार भाव बराबर एक रुपया था मगर बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडडा के जाट इलाके में हुई सभाओं की वजह से वैभव कुछ एक पैसे कम हुआ। हालांकि जोधपुर सीट को लेकर फलोदी के सटोरियो अंतिम समय तक ज्यादा रिस्क लेने का संकेत नहीं दे रहे।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी फलोदी बाजार ने कांग्रेस के सत्ता में आने को लेकर खूब सट्टा लगाया था। फलोदी सट्टा बाजार यहां काफी चर्चित है क्योंकि यहां के सटोरियों को मुंबई के शेयर बाजार पर भी दांव लगाने में माहिर माना जाता है।