Lok Sabha Election 2019 : इस बार मामला फंसा है, पिछली बार जैसा माहौल...

Lok Sabha Election 2019. यह लोकसभा चुनाव है। इसमें मतदाता यह तय करेंगे कि देश में किसकी सरकार बने।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 02:56 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 02:56 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 : इस बार मामला फंसा है, पिछली बार जैसा माहौल...
Lok Sabha Election 2019 : इस बार मामला फंसा है, पिछली बार जैसा माहौल...

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : Lok  Sabha Election 2019 जोश व उल्लास से रामवनमी बीत जाने के बाद अब चाय की दुकानों पर बैठकी लगने लगी है, तो पान की दुकानों पर खड़े-खड़े चुनावी माहौल व प्रत्याशियों की हार-जीत के फैक्टर बताए जाने लगे हैं।

दोपहर राजेंद्र विद्यालय के समीप चाचा की चाय की दुकान में दो-चार के समूह में पहुंचे लोग चाय की चुस्कियों के बीच धतकीडीह के सन्नी शर्मा कहते हैं- इस बार झामुमो, झाविमो व कांग्रेस ने मिलकर मामला फंसा दिया है। भाजपा को जमशेदपुर सीट बरकरार रखने में पसीना छूट जाएगा। चर्चा में शामिल होते हुए पूछा कि आपके इलाके में कैसा माहौल है? उनके साथी ने संजय कुमार ने जवाब दिया, 'देखिए, अभी कुछ खास माहौल नहीं है। पिछले चुनाव में जिस तरह मोदी के नाम पर लोग पागल थे, वैसा इस बार अभी तक तो नहीं दिख रहा है।Ó कई इलाकों में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। वैसे बड़े फलक पर देखें तो रोजगार के मामले में कुछ खास नहीं मिला। फिर जनता पिछले पांच साल का हिसाब-किताब तो करेगी ही।

हालांकि सन्नी शर्मा ने उनकी बातों को काटते हुए कहा- मामला फंसा जरूर है, लेकिन यह लोकसभा चुनाव है। इसमें मतदाता यह तय करेंगे कि देश में किसकी सरकार बने। उस लिहाज से भाजपा के प्रति झुकाव बढ़ सकता है। स्थानीय मुद्दे इसमें इतने कारगर नहीं होंगे। चुनावी चर्चा को सुन रहे काशीडीह के लाल्टू सिंह से नहीं रहा गया। बोल पड़े- भाई लोग, अभी से गर्मी काफी बढ़ गई है। चुनाव के परिणाम काफी कुछ इसपर निर्भर करेंगे कि मतदान का प्रतिशत क्या रहा। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। रैलियों, गोष्ठी आदि पर काफी खर्च किया जा रहा है, लेकिन बिहार में मतदान का प्रतिशत कम रहा। इससे चुनावी दंगल में उतरीं पार्टियां चिंतित हैं।

तो अगर शहरी क्षेत्र के मतदाता ज्यादा से ज्यादा घरों से निकलकर मताधिकार का प्रयोग करने की जहमत उठाएंगे तो आपकी बात सही हो सकती है। शहरी क्षेत्र में कम और ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्याशी लोगों को मतदान केंद्रों पर ज्यादा से ज्यादा खींचने में सफल रहे तो परिणाम दूसरे होंगे। इतना जरूर है कि जमशेदपुर के परिणाम में अभी से एकतरफा जीत की संभावना किसी के पक्ष में नहीं दीख रही है। इसपर संजय कुमार बोल पड़े- अभी तो जमशेदपुर क्षेत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई है। माहौल तो बनने दीजिए। 12 मई तक सीन क्लीयर होने लगेगा।

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