Lok Sabha Election 2019: बांका में जातीय समीकरणों के बीच असली मुद्दे गौण, त्रिकोणीय भिड़ंत

बिहार के बांका लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोटिंग हो रही है। यहां जातीय समीकरण हावी हैं। असली मुद्दे गौण होते नजर आ रहे हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 06:08 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 08:01 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: बांका में जातीय समीकरणों के बीच असली मुद्दे गौण, त्रिकोणीय भिड़ंत
Lok Sabha Election 2019: बांका में जातीय समीकरणों के बीच असली मुद्दे गौण, त्रिकोणीय भिड़ंत

बांका [संजय सिंह]। बिहार में दूसरे चरण के चुनाव का मतदान जारी है। 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी बांका में राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय और क्षेत्रीय मुद्दे उछाले गए। लेकिन मतदान का समय नजदीक आते ही असली मुद्दे गौण होते और जातिगत समीकरण हावी होते दिखे। समीकरण को देखें तो राजद उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण यादव और जदयू के गिरिधारी यादव के बीच निर्दलीय प्रत्याशी पुतुल कुमारी के चुनावी मैदान में डटे रहने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

दूसरे चरण की वोटिंग में सर्वाधिक प्रत्याशी 
दूसरे चरण की वोटिंग 18 अप्रैल को है। इस चरण में बिहार की पांचों सीटों में से सर्वाधिक 20 प्रत्याशी बांका में ही हैं। प्रत्याशियों पर एक नजर...
जदयू- गिरिधारी यादव 
राजद- जयप्रकाश नारायण यादव 
निर्दलीय- पुतुल कुमारी 
झामुमो- पप्पू यादव 
बसपा- रफीक आलम 
निर्दलीय- कैलाश प्रसाद सिंह, नीलू देवी, फैसल अंसारी, अमरजीत कुमार, उमाकांत यादव, एमपी यादव, नरेश यादव, पवन ठाकुर, प्रमोद सिंह वेल्डन, प्रवीण कुमार झा, मनोज कुमार साह, मृत्युंजय राय, मुख्तार आलम, संजीव कुमार कुणाल तथा सैय्यद आलमदार हुसैन।
महागठबंधन से तेजस्वी ने की हैं 7 सभाएं
राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव को जाति विशेष के साथ पार्टी के कैडर वोटों की आस है। सांसद रहते हुए अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों की बदौलत उम्मीद। उनके पक्ष में तेजस्वी यादव ने सात सभाएं कीं। राजद के कई कद्दावर नेता भी वोट के लिए गांव-गांव घूमे। 
एनडीए की ओर से सीएम नीतीश ने की हैं 6 सभाएं
जदयू प्रत्याशी गिरिधारी यादव बेलहर के विधायक हैं। वे पूर्व में दो बार सांसद भी रह चुके हैं। जदयू उम्मीदवार के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छह सभाएं हो चुकी हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान भी वोट मांग चुके हैं। एनडीए के कैडर वोटों के अलावा जाति-बिरादरी के वोट को लेकर गिरिधारी यादव आश्वस्त दिख रहे। उनका मानना है कि उन्हें केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। 
अपने दम पर मैदान में हैं पुतुल कुमारी
वहीं हाल ही भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं पुतुल कुमारी की अपनी उम्मीद है। वे अपने पति दिग्विजय सिंह द्वारा कराए गए विकास कार्यों का हवाला देकर वोट मांग रही हैं। यहां अभी जो माहौल दिख रहा है, उसमें जातीय गोलबंदी हावी है। हालांकि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने भाषण में पुतुल कुमारी से बैठने का आग्रह किया था, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वहीं कटोरिया के पूर्व विधायक पप्पू यादव भी झामुमो से चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। यादव जाति से ये तीसरे प्रत्याशी हैं। 
खास बातें 
कुल मतदाता: 1687920
पुरुष: 896329
महिला: 791591
थर्ड जेंडर : 20
मतदान केंद: 1816

chat bot
आपका साथी