Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो ने जिद छोड़ी, बाबूलाल अड़े; महागठबंधन में अब भी गांठ

Jharkhand Assembly Election 2019 महागठबंधन को लेकर सस्पेंस अभी भी खत्म होता नहीं दिख रहा है। अब इसके पीछे मुख्य कारण बाबूलाल मरांडी बनते दिख रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 07:25 AM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 03:41 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो ने जिद छोड़ी, बाबूलाल अड़े; महागठबंधन में अब भी गांठ
Jharkhand Assembly Election 2019: झामुमो ने जिद छोड़ी, बाबूलाल अड़े; महागठबंधन में अब भी गांठ

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 अब तक विधानसभा चुनाव में नेतृत्व करने की बात कर रहा झामुमो अब अपनी जिद छोड़ता दिख रहा है। पार्टी नेतृत्व परिणाम के बाद भी फैसले को तैयार है लेकिन बाबूलाल मरांडी अभी भी सीटों की जिद को पकड़े हुए हैं। इस बीच, कांग्रेस ने संभावित फैसले को एक दिन टालते हुए शनिवार नौ नवंबर को चुनाव समिति की बैठक बुलाई है जिसमें सीट बंटवारे पर मुहर लगेगी। इस दौरान बाबूलाल मरांडी को मनाने का प्रयास किया जाएगा या उनके बगैर ही महागठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी।

महागठबंधन को लेकर सस्पेंस अभी भी खत्म होता नहीं दिख रहा है। अब इसके पीछे मुख्य कारण बाबूलाल मरांडी बनते दिख रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से मिलने के बाद वे किसी दूसरे नेता से संपर्क में नहीं हैं और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि तीन बार मुलाकात के प्रयास में वे विफल हुए हैं। उन्होंने प्रदेश में नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवाल का जवाब भी लगभग भविष्य पर टाल दिया है। दूसरी ओर, बाबूलाल 15 सीट की जिद को पकड़े बैठे हैं। सार्वजनिक तौर पर वे सभी 81 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात भी कर रहे हैं।

कयास लगाया जा रहा है कि झामुमो का हाल का बयान बाबूलाल को कठघरे में खड़ा करने के सामने आया है ताकि गठबंधन टूटने का ठीकरा किसी न किसी पर फोड़ा जाए। ऐसी बातों से कहीं न कहीं गठबंधन के टूटने के भी आसार लग रहे हैं। हालांकि कांग्रेस आस बांधे हुए है और दिल्ली से पूरी कोशिशें की जा रही हैं। बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने अन्य नेताओं के साथ इस मसले पर विस्तार से चर्चा भी की।

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