Jharkhand Assembly Election 2019: विश्रामपुर में दिलचस्प मुकाबले के आसार, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के सामने पूर्व सांसद

Jharkhand Assembly Election 2019. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भाजपा प्रत्याशी हैं। दूसरी तरफ मुखिया से लोकसभा तक का सफर तय करने वाले ददई दुबे कांग्रेस प्रत्याशी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 04:15 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 04:31 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: विश्रामपुर में दिलचस्प मुकाबले के आसार, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के सामने पूर्व सांसद
Jharkhand Assembly Election 2019: विश्रामपुर में दिलचस्प मुकाबले के आसार, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के सामने पूर्व सांसद

विश्रामपुर (पलामू), रघुवीर पांडेय। Jharkhand Assembly Election 2019 - विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला दिलचस्प होगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सह स्थानीय विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी भाजपा प्रत्याशी हैं। दूसरी तरफ मुखिया से लोकसभा तक का सफर तय करने वाले ददई दुबे कांग्रेस प्रत्याशी। 2014  में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दूसरे स्थान रहीं अंजू सिंह व ब्रह्मदेव प्रसाद भी चुनाव मैदान में पार्टी के बैनर तले चुनावी मैदान में है।

इस बार के विधानसभा चुनाव में जेवीएम से अंजू सिंह, जदयू से ब्रह्मदेव प्रसाद, बहुजन से राजन मेहता व निर्दलीय नरेश प्रसाद सिंह प्रत्याशी के रूप में चुनाव को दिलचस्प बना सकते हैं। इनके अलावा कई राजनीतिक दल के प्रत्याशी व निर्दलीय समीकरण को बनाने-बिगाडऩे का काम कर सकते हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र चंद्रवंशी, महागठबंधन प्रत्याशी चंद्रशेखर दुबे, जेवीएम प्रत्याश्याी अंजू सिंह व जदयू प्रत्याशी ब्रह्मदेव प्रसाद के बीच दिख रहा है।

यहां कभी बाहुबली रहे विनोद सिंह भी चुनाव जीतते रहे थे। विश्रामपुर विधानसभा चुनाव 1985 में पहली बार चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने विनोद सिंह को हराकर अपने को स्थापित किया। उन्हें चार बार विधायक रहने का गौरव प्राप्त हुआ। 1995 में सरकारी कर्मचारी की नौकरी छोड़ रामचंद्र चंद्रवंशी चुनावी मैदान में उतरे। पहली बार में ही उन्होंने चंद्रशेखर दुबे को हराकर विश्रामपुर विधानसभा में अपनी जीत दर्ज कराई। रामचंद्र चंद्रवंशी को तीन बार विधायक रहने का मौका मिला है।

2014 में विश्रामपुर विधानसभा चुनाव भाजपा के सिंबल पर लड़ा। उन्हें  जीत भी मिली। एक बार फिर वे भाजपा के प्रत्याशी हैं। 2014 विश्रामपुर विधानसभा में 334 मतदान केंद्र बनाए गए थे। उस समय कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 72 हजार 888 थी। चुनाव मैदान में 22 प्रत्याशियों ने भाग्य अजमाया था। मतदान 61 प्रतिशत हुआ था। इसमें रामचंद्र चंद्रवंशी को 37 हजार 974 मत मिले थे।

निर्दलीय प्रत्याशी रहीं अंजू देवी ने 24 हजार 64, कांग्रेस प्रत्याशी अजय दुबे 22 हजार 417, बीएसपी प्रत्याशी अशर्फी चंद्रवंशी 19 हजार 145 व पांचवें स्थान पर रहे जेवीएम प्रत्याशी राजेश मेहता को 13 हजार 709 मत मिले। अन्य 17 प्रत्याशियों को 49 हजार 960 मत मिले। कुल 22 प्रत्याशियों को मिलाकर 1 लाख 67 हजार 269 मत मिला था। जातीय समीकरण पर नजर डाली जाए तो सबसे ज्यादा ब्राह्मण, दूसरे में अनुसूचित जाति व तीसरे में पिछड़ी जाति का वोट निर्णायक साबित होता है। अल्पसंख्यकों की भी संख्या अच्छी -खासी है।

'विश्रामपुर विधानसभा में विकास का जो भी स्वरूप देखने को मिल रहा है वह मेरे कार्यकाल का है। मौका मिला तो क्षेत्र हित के लिए आगे बढ़कर कार्य किया। स्वास्थ्य मंत्री रहते झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई। विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित रक्षा की है। भारतीय जनता पार्टी ने मेरे 5 वर्षों में किए गए बेहतर कार्यों को देखते हुए ही मुझे प्रत्याशी बनाया है।' -रामचंद्र चंद्रवंशी, विश्रामपुर से भाजपा प्रत्याशी सह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री।

'क्षेत्र का कहीं भी विकास नहीं हुआ। केवल अपना विकास में पूर्व के दोनों प्रतिनिधियों ने समय दिया है। सड़क पुल पुलिया तो एक सामान्य प्रक्रिया के तहत बनाया जाना है। इसमें विधायक की कोई उपलब्धि नहीं। पिछले 35 वर्षों से विश्रामपुर विधानसभा केवल दो ही लोगों के बीच में उलझ कर रह गया। विकास के नाम पर कोई भी कार्य नहीं किया गया।' -अंजू सिंह, 2014 में दूसरे स्थान पर रहीं निर्दलीय प्रत्याशी।

वर्ष 2014 के चुनाव में मिले मत

रामचंद्र चंद्रवंशी (भाजपा) : 37 हजार 974

अंजू देवी (निर्दलीय) : 24 हजार 064

विश्रामपुर विस क्षेत्र में मतदताओं की संख्या

कुल मतदाता : 308434

पुरुष मतदाता : 166405

महिला मतदाता : 142029

बूथों की संख्या : 367

तीन बड़े मुद्दे

सिंचाई : विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान है। लेकिन किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं। कौरव सिंचाई परियोजना बर्षों से लंबित है।

बिजली : क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्ता लचर है। खासकर मझिआंव में तो हर दिन मात्र 4-5 घंटे ही विद्युत आपूर्ति हो रही है।

सड़क : ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बदहाल हैं। जर्जर सड़कों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लोग परेशान हैं।

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