Jharkhand Assembly Election 2019: नए चेहरों को साख बचाने की चुनौती, झामुमो की प्रतिष्ठा भी दांव पर; हाल-ए-संताल

Jharkhand Assembly Election 2019 10 सामान्य सात अनुसूचित जनजाति व एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों वाला संताल परगना प्रमंडल झारखंड की राजनीति की धुरी रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 08:07 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: नए चेहरों को साख बचाने की चुनौती, झामुमो की प्रतिष्ठा भी दांव पर; हाल-ए-संताल
Jharkhand Assembly Election 2019: नए चेहरों को साख बचाने की चुनौती, झामुमो की प्रतिष्ठा भी दांव पर; हाल-ए-संताल

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 यह कहना गलत नहीं होगा कि 10 सामान्य, सात अनुसूचित जनजाति व एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों वाला संताल परगना प्रमंडल झारखंड की राजनीति की धुरी रही है। कभी यह क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का अभेद किला माना जाता था। कालांतर में अन्य दलों ने इसमें सेंध लगानी शुरू कर दी। यह संताल ही है, जहां मुख्यमंत्री रहते हुए नेता प्रतिपक्ष व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को दुमका विधानसभा में मुंह की खानी पड़ी थी।

विगत लोकसभा चुनाव में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के हाथ से दुमका भी फिसल गया। संताल के शीर्ष नेताओं में शुमार पिता-पुत्र की इस हार के बाद करीब-करीब यह तय हो गया है कि सिर्फ परंपरागत वोट, चेहरा और सिंबल ही सीट फतह करने के लिए पर्याप्त नहीं है। संताल परगना की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें, तो यहां की विधानसभा सीटों पर अब तक सीधा मुकाबला होता आया है।

दो-चार सीटों को छोड़ दें, तो आज अधिकतर सीटों पर मुख्य मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झामुमो नजर आता है। बहरहाल संताल फतह करने की जुगत में सभी दलों ने अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को साधने की कवायद तेज कर दी है। सत्ता पक्ष जहां विकास के नाम पर लोगों से वोट मांग रहा है, वहीं विपक्षी पार्टियां जल, जंगल और जमीन की रक्षा तथा आदिवासियों और मूलवासियों को न्याय दिलाने की बात कह वोटरों को साध रहा है।

अब दलों की यह कवायद क्या रंग लाएगी, यह भविष्य ही तय करेगा। बहरहाल, आसन्न चुनाव में हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा जहां दांव पर रहेगी, वहीं बादल पत्रलेख, अनंत कुमार ओझा, इरफान अंसारी सरीखे लगभग आधा दर्जन नए चेहरों को अपनी साख बचाने की चुनौती होगी। इधर, विपक्षी दलों के बीच महागठबंधन का पेच अबतक फंसा हुआ है। दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद हार-जीत के गणित में बदलाव से भी गुरेज नहीं किया जा सकता है।

भाजपा को सात, झामुमो को छह, और कांग्रेस को मिली थीं तीन सीटें

2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो यहां भाजपा ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे इतर, झामुमो को छह, कांग्रेस को तीन और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) को दो सीटों से संतोष करना पड़ा था। झाविमो के दो सीटों में से पोड़ैयाहाट की सीट प्रदीप यादव तथा सारठ रणधीर कुमार सिंह ने फतह की थी। हालांकि, सिंह ने बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और वे राज्य के कृषि मंत्री बना दिए गए। 

राजमहल, बोरियो, जामा व जरमुंडी में कांटे की टक्कर के आसार

2014 के विधानसभा चुनाव में जीत-हार के अंतर का मूल्यांकन करें तो राजमहल, बोरियो, जामा व जरमुंडी सीटों पर कांटे की टक्कर के आसार हैं। इन सीटों पर बहुत कम मतों के अंतर से प्रतिद्वंद्वी ने शिकस्त खाई थी। राजमहल में जीत का यह अंतर 702 तथा बोरियो में 712 मतों से रहा था। इससे इतर, जामा में 2306 तथा जरमुंडी में 2708 मतों के अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ था। 

गुरुजी के हाथ से फिसल गया दुमका

विगत लोकसभा चुनाव के परिणामों पर गौर करें तो संताल परगना के तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से दुमका झामुमो के हाथ फिसल गया था। यह सीट झामुमो की परंपरागत सीट मानी जाती थी, जिसपर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी का कब्जा था। इससे इतर, राजमहल सीट पर झामुमो के विजय हांसदा और गोड्डा पर भाजपा के निशिकांत दुबे का दबदबा कायम रहा। 

विधानसभा सीटों की स्थिति

भाजपा : दुमका, बोरियो, राजमहल, महगामा, गोड्डा, देवघर, मधुपुर और सारठ।

झामुमो : जामा, शिकारीपाड़ा, लिट्टी पाड़ा, बरहेट, महेशपुर और नाला।

कांग्रेस : जरमुंडी, जामताड़ा और पाकुड़।

झाविमो : पोड़ैयाहाट।

जानें एक-एक सीट का हाल राजमहल : यहां भाजपा और झामुमो के बीच मुख्य मुकाबला दिख रहा है। महज 702 वोटों के अंतर से यहां भाजपा प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। बोरियो : मौजूदा परिदृश्य में बोरियो में भी भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर का प्लॉट नजर आ रहा है। बरहेट : यहां झामुमो मुख्य मुकाबले में है। यहां जीत का अंतर 24087 मतों से था। ऐसे में मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा को जनता कितना तवज्जो देगी, वक्त तय करेगा। लिट्टीपाड़ा : पिछले दो चुनावों की बात करें तो यह सीट झामुमो के खाते में रही हैं। जीत का अंतर भी 20 से 25 हजार मतों से रहा है। अनिल मुर्मू के निधन के बाद हुए उप चुनाव में भी यह सीट झामुमो के नाम रही। ऐसे में यहां बिना किसी बड़े चमत्कार का झामुमो से यह सीट झटक लेना दूसरे दलों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। पाकुड़ : यह सीट कांग्रेस के पाले में है। यहां मुकाबला झामुमो से था। गठबंधन के सीट शेयङ्क्षरग फार्मूले में अगर यह सीट कांग्रेस के हाथ लगती है तो यहां भाजपा को दिक्कत हो सकती है। महेशपुर : यहां झामुमो ने 6156 मतों से जीत हासिल की थी। दूसरे स्थान पर भाजपा थी। भाजपा का दावा पिछले पांच वर्षों में विकास के इतिहास गढऩे का है। अब यह जनता पर निर्भर करता है कि वह भाजपा को कितना अंक देती है। यहां झामुमो से उसका सीधा मुकाबला है। शिकारीपाड़ा : इस सीट पर झामुमो का कब्जा रहा है। उन्होंने झाविमो के परितोष सोरेन को 24501 के मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। परितोष अब भाजपा में हैं। मुकाबला आमने-सामने का है। नाला : यहां मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच है। 2009 में यह सीट भाजपा के पाले में थी, 2014 में यह फिसलकर झामुमो के खाते में चली गई। जामताड़ा : कांग्रेस ने यह सीट भाजपा प्रत्याशी को 9139 मतों के अंतर से हराकर हासिल की थी। लिहाजा, इस बार मुकाबला भी इन्हीं दोनों के बीच है। दुमका : मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन यह सीट हार गए थे। अब उनके समक्ष अपनी साख बचाने की चुनौती है। जामा : झामुमो की सीता सोरेन यहां 2306 वोटों से विजयी हुई थीं। ऐसे में भाजपा को यहां कमजोर समझना भूल होगी। जरमुंडी : यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम झामुमो के बीच है। महज 2708 वोटों के अंतर से बादल ने कांग्रेस का परचम लहराया था। मधुपुर : इस सीट पर बहरहाल भाजपा का कब्जा है। झामुमो भी यहां कमजोर नहीं है। मुकाबला करीब-करीब बराबरी का है। सारठ : झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़कर रणधीर कुमार सिंह पहली बार विधायक बने। दूसरे स्थान पर यहां भाजपा थी। रणधीर सिंह ने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया और कृषि मंत्री बन गए। अब जनता किसके पक्ष में मतदान करेगी, यह वक्त ही बताएगा। देवघर : यहां भाजपा ने परचम लहराया था। दूसरे नंबर पर यहां राजद था। जीत का अंतर 20.82 फीसद वोटों से था। ऐसे में यहां भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है। पोड़ैयाहाट : झाविमो के प्रदीप यादव यहां लगातार विजयी होते रहे हैं। बहरहाल उनपर उनकी ही पार्टी की एक नेत्री ने दुव्र्यवहार का आरोप लगाया है। इसके लिए उन्हें सजा भी हुई। अब जनता उन्हें कितना तवज्जो देगी, इंतजार करना होगा। गोड्डा : कभी यह सीट राजद के कब्जे में था। 2014 के चुनाव में भाजपा ने यह सीट राजद से छीन ली। जनता दोनों ही विधायकों के कार्यकाल का आकलन कर रही है। मुकाबला बराबरी का दिख रहा है। महागामा : यहां जीत हार का अंतर लगभग 20 फीसद मतों से था। भाजपा ने यहां जीत दर्ज की थी। ऐसे में यहां भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है।

फ्लैशबैक 2014  : सीट - विजेता/उप विजेता - मत - मत का प्रतिशत - आरक्षित - मतदाता राजमहल - अनंत कुमार ओझा (भाजपा)/ मो. तजुद्दीन (झामुमो) - 77481/76779 - 39.71/39.35 - सामान्य - 269959 बोरियो - ताला मरांडी (भाजपा)/ लोबिन हेम्ब्रम (झामुमो) - 57565/56853 - 36.39/35.94 - एसटी - 233878 बरहेट - हेमंत सोरेन (झामुमो)/ हेमलाल मुर्मू (भाजपा) - 62515/38428 - 46.18/28.38 - एसटी - 185700 लिट्टीपाड़ा - डॉ. अनिल मुर्मू (झामुमो)/ साइमन मरांडी (भाजपा) - 67194/42111 - 45.93/28.78 - एसटी - 122609 पाकुड़ - आलमगीर आलम (कांग्रेस)/अकील अख्तर (झामुमो) - 83338/65272 - 35.41/27.74 - सामान्य - 291418 महेशपुर - स्टीफन मरांडी (झामुमो)/ देवीधन टुडू (भाजपा) - 51866/45710 - 32.25/28.42 - एसटी - 201344 शिकारीपाड़ा - नलिन सोरेन (झामुमो)/ परितोष सोरेन (झाविमो) - 61901/37400  42.05/25.41 - एसटी - 193266 नाला - रविंद्र नाथ महतो (झामुमो)/ सत्यानंद झा (भाजपा) - 56131/49116 - 33.70/29.49 - सामान्य - 206648 जामताड़ा - इरफान अंसारी (कांग्रेस)/ बिरेंद्र मंडल (भाजपा) - 67488/58349 - 35.18/30.42 - सामान्य - 244034 दुमका - लुइस मरांडी (भाजपा)/ हेमंत सोरेन (झामुमो) - 69760/64846 - 44.65/41.51 -एसटी - 224542 जामा - सीता सोरेन (झामुमो)/ सुरेश मुर्मू (भाजपा) - 53250/50944 - 39.80/38.08 - एसटी - 187170 जरमुंडी - बादल (कांग्रेस)/ हरि नारायण (झामुमो) - 43981/41273 - 28.83/27.05 - सामान्य - 206926 मधुपुर - राज पालिवार (भाजपा)/ हाजी हुसैन अंसारी (झामुमो) - 74325/67441 - 37.34/33.88 - सामान्य - 280478 सारठ - रणधीर कुमार सिंह (झाविमो)/ उदय शंकर सिंह (भाजपा) - 62717/48816 - 33.78/26.29 - सामान्य - 241885 देवघर - नारायण दास (भाजपा)/ सुरेश पासवान (राजद) - 92022/46870 - 42.42/21.60 - एससी - 335692 पोड़ैयाहाट - प्रदीप यादव (झाविमो)/ देवेंद्र नाथ सिंह (भाजपा) - 64036/52878 - 35.51/29.33 - सामान्य - 263155 गोड्डा - रघुनंदन मंडल (भाजपा)/ संजय प्रसाद यादव (राजद) - 87158/52672 - 48.71/29.44 - सामान्य - 270793 महागामा - अशोक कुमार (भाजपा)/ शहीद इकबाल (झाविमो) - 39075/18355 - 39.28/21.73 - सामान्य - 275642

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