CAA पर हेमंत के कड़े तेवर, एक भी झारखंडी प्रभावित हुआ तो नहीं लागू करेंगे नागरिकता संशोधन कानून Jharkhand Election Result 2019
Jharkhand Election Result 2019 हेमंत सोरेन ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून की वजह से झारखंड के एक भी व्यक्ति के पलायन की नौबत आई तो वे इसे लागू नहीं करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून की वजह से झारखंड के एक भी व्यक्ति के पलायन की नौबत आई तो वे इसे लागू नहीं करेंगे। सोरेन विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि चुनाव में भारी व्यस्तता की वजह से वे नागरिकता संशोधन कानून का पूरा अध्ययन नहीं कर पाए हैं, लेकिन देशभर में इसका व्यापक विरोध हो रहा है। विस्तार से अध्ययन के बाद वे इसपर अंतिम फैसला लेंगे। कहा कि इस नीति का राज्य पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। अगर झारखंड के एक भी व्यक्ति को इससे घर छोडऩे की नौबत आई तो वे इसे लागू नहीं करेंगे। हेमंत सोरेन का बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय कैबिनेट में नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने के लिए 394 1.35 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में उनकी जीत लोकतंत्र की जीत है। वे भूमि अधिकार का कानून लागू करेंगे और भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा जन वितरण प्रणाली से आधार को हटाकर सबको राशनकार्ड के जरिए अनाज उपलब्ध कराने की पहल करेंगे। उनकी प्राथमिकताओं में बेरोजगारी हटाना, रोजगार के नए अवसर प्रदान करना, खेतों तक सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराना, सबको शुद्ध पेयजल मुहैया कराना आदि है। उन्होंने कहा कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा और संसाधनों के विकास पर पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि झारखंड को विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा किया जा सके।
बंद हो सकते हैं कमल क्लब
रघुवर दास ने अपने कार्यकाल के दौरान कमल क्लब गठित किए थे। झामुमो ने विपक्ष में रहते हुए इसका कड़ा विरोध किया था। संभावना जताई जा रही है कि हेमंत सोरेन कमल क्लब को बंद करने का निर्णय लेंगे। हेमंत सोरेन दस रुपये में धोती, साड़ी, लूंगी की योजना लागू कर सकते है। इसे झामुमो के घोषणापत्र में भी शामिल किया गया है। अपने पिछले कार्यकाल में हेमंत सोरेन ने सोना सोबरन धोती, साड़ी योजना आरंभ की थी। सरकार बनने के बाद रघुवर दास ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।