Jharkhand Election Result 2019: समय पर पत्ते खोलेंगे सत्ता के सूत्रधार, गोटियां बैठाने में जुटे चाणक्य

Jharkhand Election Result 2019 जनता ने अपना फैसला सुना दिया है 23 दिसंबर को परिणाम का खुलासा होगा। संभावित चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों के मैनेजर्स की सक्रियता बढ़ गई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 22 Dec 2019 08:35 AM (IST) Updated:Sun, 22 Dec 2019 06:54 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: समय पर पत्ते खोलेंगे सत्ता के सूत्रधार, गोटियां बैठाने में जुटे चाणक्य
Jharkhand Election Result 2019: समय पर पत्ते खोलेंगे सत्ता के सूत्रधार, गोटियां बैठाने में जुटे चाणक्य

खास बातें

मतगणना के पूर्व प्रदेश प्रभारी समेत कांग्रेस के दर्जनभर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पहुंच रहे झारखंड मुख्यमंत्री आवास से सीधे जुड़कर केंद्र से राज्य की गतिविधियों पर नजर रख रही भाजपा की कोर टीम मरांडी ने मुंह खोला, लेकिन अन्य छोटे दलों ने साध रखी है चुप्पी, समय पर पत्ते खोलेंगे सत्ता के सूत्रधार

रांची, राज्य ब्यूरो। जनता ने अपना फैसला सुना दिया है, 23 दिसंबर को परिणाम का खुलासा होगा। संभावित चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों के मैनेजर्स की सक्रियता बढ़ गई है। एग्जिट पोल के रुझान और इससे इतर आने वाले परिणाम के आधार पर रणनीति का खाका तैयार किया जा रहा है। भाजपा और यूपीए के साथ-साथ अन्य छोटे दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है, इनकी कोशिश सत्ता के साथ बने रहने की है।

भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर दिल्ली में हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। भाजपा की दिल्ली में बैठी कोर टीम रांची के बराबर संपर्क में है। मुख्यमंत्री रघुवर दास और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह से शनिवार को फोन पर बातचीत कर फीडबैक लिया गया है। बताया जा रहा है कि रविवार को पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं को रांची भेजा जा सकता है। सोमवार को मतगणना के दौरान सभी स्ट्रांग रूम में पर्याप्त मात्रा में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की तैनाती का निर्देश भी दिया गया है।

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह समेत एक दर्जन नेताओं के झारखंड पहुंचने की सूचना है। इनमें प्रदेश सह प्रभारी उमंग सिंघार, अजय शर्मा आदि नेता पहली खेप में पहुंच रहे हैं तो अन्य दिग्गज दूसरे चरण में पहुंचेंगे। दूसरी ओर, भाजपा के रणनीतिकार भी नई दिल्ली से पल-पल की गतिविधियों पर निगाह रख रहे हैं। वह लगातार मुख्यमंत्री से भी संपर्क में हैं। वहीं, एक्जिट पोल के बाद सत्ता के सूत्रधार माने जा रहे छोटे दलों की गतिविधियों पर भी सभी की नजर है। इनमें झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चुप्पी तोड़ी है, लेकिन अन्य दल अभी चुप हैं। जाहिर सी बात है परिणाम के बाद जोड़-घटाव करने का अवसर मिलेगा। फिलहाल चुप्पी साधे आजसू, राकांपा, और वामपंथी दलों का स्टैंड जानना दिलचस्प होगा।

कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार हाईकमान तमाम विनिंग सीट पर नजर रख रहा है और कोशिश यह है कि वहां कोई ने कोई सीनियर नेता मौजूद हो। विधायकों के इधर-उधर होने की आशंकाओं के मद्देनजर उनपर नजर रखी जा रही है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के सीनियर नेताओं को भरोसा है कि सत्ता हासिल करने के लिए कुछ दल किसी भी स्तर पर जा सकते हैं। वैसे दलों से कांग्रेस को बचाने के लिए रणनीति तैयार की गई है। एक स्थानीय नेता ने तो यहां तक कहा कि बाहुबली नेताओं से कांग्रेस विधायकों को बचाने के लिए मजबूत टीम तैयार की जा रही है।

चाणक्यों के सॉफ्ट टारगेट हैं छोटे दल, कांग्रेस पर भी नजर

वर्तमान परिस्थितियों में जब दोनों गुटों में से किसी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है तो छोटे दलों के विधायकों को तोडऩा सबसे आसान रास्ता माना जा रहा है। इसमें झाविमो, आजसू और यहां तक कि कांग्रेस पर भी नजर है। पूर्व में ऐसे कई उदाहरण झारखंड में देखने को मिले हैं। वर्तमान सरकार में भी झाविमो के आठ में से छह विधायक पार्टी तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके लिए कुल विधायकों में से दो तिहाई के साथ होने की जरूरत है।

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