Jharkhand Assembly Election 2019: 8 बार के सांसद कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा झामुमो में शामिल

Jharkhand Assembly Election 2019. लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और भाजपा नेता कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा ने शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने की घोषणा की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 08:36 PM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 01:27 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: 8 बार के सांसद कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा झामुमो में शामिल
Jharkhand Assembly Election 2019: 8 बार के सांसद कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा झामुमो में शामिल

खास बातें

भाजपा में अभी तक शामिल नहीं हुए थे अमरनाथ मुंडा लेकिन मांगा था खूंटी विधानसभा क्षेत्र का टिकट टिकट के लिए पिता ने नहीं की किसी से पैरवी, अब झामुमो में शामिल होकर मंत्री के खिलाफ करेंगे प्रचार कहा, भाजपा की तानाशाही से आदिवासी समाज नाखुश, झामुमो की नीति और सिद्धांत आदिवासी हित में

रांची, जेएनएन। खूंटी से आठ बार सांसद रह चुके लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कडिय़ा मुंडा के बड़े पुत्र  अमरनाथ मुंडा ने शनिवार की रात रांची में झामुमो का दामन थाम लिया। उन्होंने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मिलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। अमरनाथ ने इसके बाद कहा कि पूरा आदिवासी समाज भाजपा के तानाशाही रवैया से नाखुश है जबकि झामुमो की नीति और सिद्धांत आदिवासियों के हित में है।

खिजरी अथवा किसी अन्य सीट से चुनाव लडऩे संबंधी सवाल पूछने पर अमरनाथ ने सीधे तौर पर इन्कार किया। इस बात से भी इन्कार किया कि उन्होंने पिता का टिकट कटने से आहत होकर ऐसा कदम उठाया है। सूत्र बताते हैं कि कडिय़ा मुंडा ने अपने पुत्र को टिकट दिलाने के लिए कहीं कोशिश भी नहीं की थी। अमरनाथ से जब यह पूछा गया कि भाजपा में शामिल होने से पूर्व क्या पिता की अनुमति ली है तो अमरनाथ ने सीधे तौर इन्कार करते हुए दो टूक कहा, पिता से ही पूछ लें।

बढ़ सकती है नीलकंठ की मुसीबत

अमरनाथ के झामुमो में शामिल होने से स्थानीय विधायक सह मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की परेशानियां बढऩे की आशंका व्यक्त की जा रही है। क्योंकि, कडिय़ा मुंडा यहां एक बड़ा नाम है। आदिवासी समुदाय में उनकी अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है। इसका लाभ अमरनाथ मुंडा को मिलने की संभावना है। माना यह जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में अमरनाथ आदिवासी समुदाय को कुछ प्रभावित कर उनका वोट झामुमो प्रत्याशी को दिला सकते हैं।

हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि इससे भाजपा की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, अमरनाथ मुंडा की राजनीतिक गतिविधि जिले में बिल्कुल नहीं है। इनकी पहचान मात्र कडिय़ा मुंडा के पुत्र के रूप में ही है। वहीं, कडिय़ा मुंडा पार्टी के विरोध में कभी जा नहीं सकते, इसलिए अमरनाथ के इस कदम का भाजपा पर कोई असर नहीं पडऩे की संभावना है। इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर खूंटी भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ महतो ने कहा कि इस कदम से भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

आजसू से भी चल रही थी बात

अमरनाथ मुंडा इस बार के विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाहते थे। इसके लिए जहां वह भाजपा में कोशिश कर रहे थे, वहीं झामुमो व आजसू से उनकी बात चल रही थी। लेकिन, बात नहीं बनी और उनके पिता कडिय़ा मुंडा ने उन्हें टिकट दिलाने में कोई सहयोग नहीं किया। बताया जा रहा है कि इसको लेकर उनके परिवार में भी मतभेद हो गया। अमरनाथ भी अपने पिता से खिन्न बताया जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल कहीं से चुनाव लडऩे की बजाय वे पार्टी उम्मीदवारों के प्रचार में जुटेंगे।

खूंटी में नामांकन खत्म

अमरनाथ मुंडा पूर्व में खूंटी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩा चाहते थे लेकिन भाजपा ने टिकट से इन्कार कर दिया। अब अमरनाथ भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। खूंटी में दूसरे दौर में मतदान होना है और वहां नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा झारखंड मुक्ति मोर्चा में

कद्दावर भाजपा नेता और लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा के पुत्र अमरनाथ मुंडा झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं। शनिवार को उन्‍होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने की घोषणा की। वे खूंटी विधानसभा क्षेत्र में हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो के उम्मीदवार की जीत के लिए जोर लगाएंगे। बता दें कि कड़िया मुंडा भाजपा के टिकट परआठ बार सांसद रह चुके हैं।

कहा जा रहा है कि अमरनाथ मुंडा भाजपा के टिकट से खूंटी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने नीलकंठ सिंह मुंडा को यहां से अपना उम्‍मीदवार बना दिया। अमरनाथ के आजसू में भी शामिल होने की चर्चा थी। लेकिन आखिर में वे झामुमो में शामिल हो गए। इससे खूंटी में विधानसभा चुनाव के परिणामों पर असर पड़ सकता है। कडिय़ा मुंडा को बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चुनाव में नहीं उतारा था।

तब कड़‍िया मुंडा के बदले यहां से पूर्व मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा को भाजपा का टिकट मिला था। जिन्‍होंने कांग्रेस के उम्‍मीदवार कालीचरण मुंडा को चुनाव में हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद अर्जुन मुंडा मोदी सरकार में केंद्रीय जनजातीय मामले के मंत्री बनाए गए। इस लोकसभा चुनाव में तब कई मोड़ आए और दोबारा मतगणना कराने के बाद अर्जुन मुंडा 4104 वोटों से विजयी घोषित किए गए थे।

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