हिमाचल के हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को 3.65000 मतों से बढ़त, मंत्रिपद की बढ़ी उम्मीद

Anurag Thakur. हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अनुराग ठाकुर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगने की रणनीति कारगर साबित हुई।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 12:53 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 04:41 PM (IST)
हिमाचल के हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को 3.65000 मतों से बढ़त, मंत्रिपद की बढ़ी उम्मीद
हिमाचल के हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को 3.65000 मतों से बढ़त, मंत्रिपद की बढ़ी उम्मीद

हमीरपुर, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में चारों संसदीय सीटों पर भाजपा बड़ी जीत की ओर है। अब तक मतगणना के कई राउंड पूरे हो चुके हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को 3.65000 मतों से से बढ़त मिल रही है। मंडी से रामस्वरूप 2.75 लाख, शिमला से सुरेश कश्यप 2.49 लाख से आगे चल रहे हैं। 

इस बीच, केंद्र में बहुमत की ओर भाजपा बढ़ रही है। केंद्र सरकार में अनुराग को मंत्रिपद की उम्मीद बढ़ी गई है। अनुराग ठाकुर हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के पुत्र हैं। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अनुराग को बड़ा नेता बनाने का दावा बिलासपुर जनसभा में करके गए हैं।

मोदी फैक्टर व राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देकर अनुराग ने पाई जीत
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अनुराग ठाकुर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगने की रणनीति कारगर साबित हुई। अनुराग ठाकुर ने तीन लाख से अधिक वोट की लीड हासिल की है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सभी 17 हलकों में अनुराग ने लीड पाई है। संगठन व सरकार की इस रणनीति का असर प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के नामांकन के दिन भी दिखा था।

पार्टी ने तय योजना के तहत पूरे संसदीय हलके में मोदी फैक्टर को प्रचंड रूप देने के लिए छोटी-छोटी जनसभाओं का सहारा लिया। राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देकर पार्टी ने अनुराग ठाकुर के कार्यकाल को निशाना बनाने की कांग्रेस की रणनीति बेअसर कर दी। बिलासपुर जिले में कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूत करने में अपेक्षित स्तर पर कामयाब नहीं हो पाई। इसके लिए कांग्रेस के प्रचार में बिखराव काफी हद तक जिम्मेदार रहा।

संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने इस बार नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर को पार्टी बनाकर चौथी बार रणभूमि में उतारा था। लेकिन वह जीत की हैट्रिक लगा चुके अनुराग ठाकुर से पार नहीं पा सके। अनुराग ठाकुर ने जनता में उनके प्रति नाराजगी को पहले ही भांप लिया था, इसीलिए चुनाव के लिए आधिकारिक प्रचार से पहले ही जनसपंर्क अभियान छेड़ रखा था। इसके वितरीत कांग्रेस काफी देर बाद मैदान में उतरी। इससे पहले पार्टी के नेताओं में टिकट के लिए आंतरिक संघर्ष चलता रहा।

भाजपा ने कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए अनुराग के नामांकन के दिन से ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जनता से वोट का आह्वान किया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत पार्टी संगठन ने एक सुर में पीएम के नाम पर ही वोट मांगने की योजना को धार दी। कांग्रेस भी मतदाताओं में मोदी नाम के क्रेज को भांप गई थी। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने भी अपने भाषण में मोदी को निशाने पर रखा। राहुल ऊना जिला मुख्यालय पर हुई रैली में भी मोदी फैक्टर को किसी तरह कमजोर करने पर तुले रहे। दूसरी ओर भाजपा ने कोई भी जनसभा ऐसी नहीं छोड़ी जिसमें मतदाताओं के दिमाग में राष्ट्रवाद व प्रधानमंत्री की इमेज को भुनाने की कोशिश न की हो। 

भाजपा सुनियोजित रणनीति के तहत मोदी फैक्टर को कांग्रेस पर हावी करने में कामयाब रही। बिलासपुर जिला मुख्यालय पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा में भी मोदी फैक्टर को प्रचंड करने की रणनीति को और असरकारक किया गया। शाह के आदेश पर वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा का बिलासपुर आना भी इस बात का संकेत था कि जिले में क्षेत्रवाद की लहर को मोड़कर मोदी फैक्टर से जोड़ा जाए। दूसरा शाह ने बिलासपुर रैली में यह आह्वान कर पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंक दी कि वह इस बार अनुराग को बड़ा नेता बनाएंगे।

पूर्व मुख्‍यमंत्री एवं अनुराग के पिता प्रेम कुमार धूमल की मेहनत भी रंग लाई। उन्‍होंने सिर्फ हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार किया। वह दिन-रात बेटे के प्रचार में डटे रहे। धूमल का हमीरपुर में अपना प्रभाव है व विधानसभा चुनाव में हार के बाद लोगों में उनके प्रति सहानुभूति भी थी। जिसका कहीं न कहीं अनुराग ठाकुर को लाभ मिल गया।

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