Delhi Election 2020: इन उम्मीदवारों को 2015 के चुनाव में मिली थी सबसे ज्यादा मतों से जीत

Delhi Election 2020 वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पांच उम्मीदवारों को 60 हजार से अधिक मतों से जीत मिली थी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 08 Feb 2020 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 08 Feb 2020 08:32 PM (IST)
Delhi Election 2020: इन उम्मीदवारों को 2015 के चुनाव में मिली थी सबसे ज्यादा मतों से जीत
Delhi Election 2020: इन उम्मीदवारों को 2015 के चुनाव में मिली थी सबसे ज्यादा मतों से जीत

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान शनिवार शाम को खत्म हो गया। मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि दिल्ली में किसकी सरकार बनने जा रही है। कौन उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोटों से जीतेगा और कौन सबसे कम मतों से विजयी होगा। लेकिन यह तो 11 फरवरी को मतगणना के दिन ही पता चलेगा।

अब आपके दिमाग में होगा कि साल 2015 में कौन से उम्मीदवार को सबसे ज्यादा मत मिले थे। इसकी जानकारी हम विस्तार से आपको दे रहे हैं।

5 उम्मीदवार 60 हजार ज्यादा मतों से जीते थे

वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पांच उम्मीदवारों को 60 हजार से अधिक मतों से जीत मिली थी। सबसे ज्यादा से मतों से चुनाव जीतने वाले महेंद्र यादव थे। जिन्होंने विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार संजय सिंह को 77 हजार 665 वोटों से हराया था। महेंद्र यादव का नाम सबसे ज्यादा अंतर से चुनाव जीतने वाले विधायकों की सूची में पहले नंबर पर था। 

31 हजार से अधिक वोटों से जीते थे केजरीवाल 

इससे बाद बुराड़ी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी संजीव झा 67 हजार 950 वोटों से चुनाव जीते थे। संजीव ने भाजपा के गोपाल झा को चुनाव हराया था। ओखला के आप उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान 64 हजार 532 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं देवली से प्रकाश जारवाल ने 63 हजार 937 और सुल्तानपुर माजरा से संदीप कुमार ने 64 हजार 439 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

इसके अलावा बदरपुर से नारायण दत्त शर्मा 47 हजार 583, बवाना से वेद प्रकाश 50 हजार 23 मतों से जीत दर्ज की थी। बता दें कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 31 हजार 583 वोटों से जीत दर्ज की थी। बेशक इन विधायकों ने बड़ी जीत दर्ज की लेकिन केजरीवाल सरकार में मंत्री किसी को नहीं बनाया गया। 

बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें मिलीं थी। जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मात्र तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। इस बार भाजपा ने अपने तीनों मौजूदा विधायकों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है।

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